नमस्कार दोस्तों
आज इस पोस्ट में हम आपको बताएंगे की महाभारत युद्ध में श्री कृष्ण ने अभिमन्यु को क्यों नहीं बचाया जब की वो ऐसा कर सकते थे , तो फिर क्यों नहीं बचाया उन्होंने अभिमन्यु को ?
दोस्तों महाभारत के युद्ध के बारे में तो आप सब जानते है , आप ये भी जानते होंगे की महाभारत का युद्ध किन दो पक्षों के बीच हुआ ,
चलिए जिन लोगो को नहीं पता उन्हें हम बताते चलते है की महाभारत का युद्ध कोरवो और पांडवो के बीच हुआ था जो आपस में ताऊ और चाचाओं की संतान थी ,
महाराज ध्रतराष्ट्र के पुत्रो को कौरव और उनके छोटे भाई पाण्डु के पुत्रो को पांडव कहा गया .
दोस्तों आपको बता दे की अभिमन्यु , अर्जुन और सुभद्रा के पुत्र था और सुभद्रा श्री कृष्ण की बहन थी , भांजा होते हुए भी श्री कृष्ण ने अभिमन्यु को महाभारत के युद्ध में क्यों नहीं बचाया ?
जब अभिमन्यु ने इस युद्ध में भाग लिया तो उनकी उम्र केवल १५ साल थी , और अभिमन्यु महाभारत के इस युद्ध में वीरगति को प्राप्त हुए थे तो आइये जानते है उस वजह को जिसके कारण भगवान श्री कृष्ण ने अभिमन्यु को नहीं बचाया था ,ऐसा मन जाता है जब पृथ्वी पर पाप ,द्वेष अपनी चरम सीमा पर पहुंच जाते है तो सवयं भगवान धरती पर अवतार लेते है और ऐसा माना जाता है की भगवान की सहायता करने के लिए सभी देवताओ या उनके पुत्रो को भी धरती पर जन्म लेना पड़ता है ,
आपको बता दे की द्वापर युग में पाप को मिटाने और दुष्टो को ख़तम करने के लिए भगवान विष्णु ने श्री कृष्ण के रूप में अवतार लिया था इसके बाद ब्रह्मा जी ने सभी देवताओ को भी धरती पर जन्म लेने के लिए कहा
इस पर सभी देवता राजी हो गए ,
परन्तु चन्दर (चाँद ) देवता नहीं माने लेकिन काफी समझाने पर और धरम की रक्षा और दायित्व के लिए वो अपने पुत्र वर्चा को पृथ्वी पर भेजने के लिए तैयार हो गए और साथ ही सभी देवताओ के सामने एक शर्त रख दी की उनका पुत्र अधिक समय तक पृथ्वी लोक पर नहीं रहेगा , और साथ ही साथ वह श्री कृष्ण के मित्र अर्जुन के पुत्र अभिमन्यु के रूप में जन्म लेगा .
साथ ही साथ यह भी शर्त राखी की वह अर्जुन और श्री कृष्ण की अनुपस्थिति में अकेला ही युद्ध लड़ेगा और अपना प्राकर्म दिखाकर वीरगति को प्राप्त होगा , जिससे तीनो लोको में उसके प्राकर्म की चर्चा होगी ,
सभी देवताओ ने चन्द्रमा की यह शर्त मन ली और इसके बाद चन्द्रमा के पुत्र वर्चा ने महारथी अभिमन्यु के रूप में जन्म लिया ,
और उस शर्त के अनुसार अभिमन्यु महाभारत युद्ध के चकर्व्यु में अपना प्राकर्म दिखते हुए वीरगति को प्राप्त हुए ,
यही कारण था की श्री कृष्ण ने अभिमन्यु को नहीं बचाया था .
तो दोस्तों आपको ये जानकारी किसी लगी हमे कमेंट सेक्शन में जरूर बताए
अगर आपके कोई सुझाव हो तो जरूर बताए ताकि हम आपके इस ब्लॉग को और बेहतर बना सके .
आज इस पोस्ट में हम आपको बताएंगे की महाभारत युद्ध में श्री कृष्ण ने अभिमन्यु को क्यों नहीं बचाया जब की वो ऐसा कर सकते थे , तो फिर क्यों नहीं बचाया उन्होंने अभिमन्यु को ?
दोस्तों महाभारत के युद्ध के बारे में तो आप सब जानते है , आप ये भी जानते होंगे की महाभारत का युद्ध किन दो पक्षों के बीच हुआ ,
चलिए जिन लोगो को नहीं पता उन्हें हम बताते चलते है की महाभारत का युद्ध कोरवो और पांडवो के बीच हुआ था जो आपस में ताऊ और चाचाओं की संतान थी ,
महाराज ध्रतराष्ट्र के पुत्रो को कौरव और उनके छोटे भाई पाण्डु के पुत्रो को पांडव कहा गया .
दोस्तों आपको बता दे की अभिमन्यु , अर्जुन और सुभद्रा के पुत्र था और सुभद्रा श्री कृष्ण की बहन थी , भांजा होते हुए भी श्री कृष्ण ने अभिमन्यु को महाभारत के युद्ध में क्यों नहीं बचाया ?
जब अभिमन्यु ने इस युद्ध में भाग लिया तो उनकी उम्र केवल १५ साल थी , और अभिमन्यु महाभारत के इस युद्ध में वीरगति को प्राप्त हुए थे तो आइये जानते है उस वजह को जिसके कारण भगवान श्री कृष्ण ने अभिमन्यु को नहीं बचाया था ,ऐसा मन जाता है जब पृथ्वी पर पाप ,द्वेष अपनी चरम सीमा पर पहुंच जाते है तो सवयं भगवान धरती पर अवतार लेते है और ऐसा माना जाता है की भगवान की सहायता करने के लिए सभी देवताओ या उनके पुत्रो को भी धरती पर जन्म लेना पड़ता है ,
आपको बता दे की द्वापर युग में पाप को मिटाने और दुष्टो को ख़तम करने के लिए भगवान विष्णु ने श्री कृष्ण के रूप में अवतार लिया था इसके बाद ब्रह्मा जी ने सभी देवताओ को भी धरती पर जन्म लेने के लिए कहा
इस पर सभी देवता राजी हो गए ,
परन्तु चन्दर (चाँद ) देवता नहीं माने लेकिन काफी समझाने पर और धरम की रक्षा और दायित्व के लिए वो अपने पुत्र वर्चा को पृथ्वी पर भेजने के लिए तैयार हो गए और साथ ही सभी देवताओ के सामने एक शर्त रख दी की उनका पुत्र अधिक समय तक पृथ्वी लोक पर नहीं रहेगा , और साथ ही साथ वह श्री कृष्ण के मित्र अर्जुन के पुत्र अभिमन्यु के रूप में जन्म लेगा .
साथ ही साथ यह भी शर्त राखी की वह अर्जुन और श्री कृष्ण की अनुपस्थिति में अकेला ही युद्ध लड़ेगा और अपना प्राकर्म दिखाकर वीरगति को प्राप्त होगा , जिससे तीनो लोको में उसके प्राकर्म की चर्चा होगी ,
सभी देवताओ ने चन्द्रमा की यह शर्त मन ली और इसके बाद चन्द्रमा के पुत्र वर्चा ने महारथी अभिमन्यु के रूप में जन्म लिया ,
और उस शर्त के अनुसार अभिमन्यु महाभारत युद्ध के चकर्व्यु में अपना प्राकर्म दिखते हुए वीरगति को प्राप्त हुए ,
यही कारण था की श्री कृष्ण ने अभिमन्यु को नहीं बचाया था .
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