नमस्कार दोस्तों ....
आप लोगो का स्वागत है हमारी इस नई और अद्भुत पोस्ट में ,
दोस्तों आज हम आपको इस पोस्ट में बताएंगे की आखिर क्यों भगवान श्री कृष्ण ने राधा से विवाह नहीं क्या , ऐसा क्या कारण था जिसके कारण श्री कृष्ण अपने बचपन के प्रेम राधा से विवाह नहीं कर पाए ?
दोस्तों जैसा की आप सब जानते है जब जब भी इस धरती पर पाप बढ़ जाता है तब भगवान विष्णु इस धरती पर अवतार लेते है , और ऐसा उन्होंने बार बार किया इसी कारण उनकी पत्नी लक्ष्मी जी भी पृथ्वी पर बार बार उनके साथ अवतरित होती है ,
इसी लिए त्रेता युग में जब भगवान विष्णु ने राम का अवतार लिया तो माता लक्ष्मी ने सीता के रूप में अवतार लिया और जब द्वापर युग में भगवान विष्णु ने श्री कृष्ण का अवतार लिया तो माता लक्ष्मी ने रुक्मणि के रूप में जन्म लिया ,
दोस्तों द्वापर युग में देवी लक्ष्मी ने रुक्मणि के रूप में विधर्व देश के राजा भिस्मा के यह उनकी पुत्री के रूप में जन्म लिया था , जिसे पाकर वो बहुत खुश थे , परन्तु रुक्मणि के कुछ माह पश्चात रुक्मणि को मारने के लिए पूतना नाम की राक्षसी महल में आ गयी थी ,
ये वहीं पूतना थी जिसने भगवान श्री कृष्ण को बचपन में अपना जहरीला दूध पिलाकर मारने की कोसिस की थी परन्तु वह राक्षसी भगवान श्री कृष्ण के स्तनपान करने से खुद ही मृत्यु को प्राप्त हो गयी थी परन्तु श्री कृष्ण से पहले पूतना ने उसी तरह रुक्मणि को भी अपना स्तनपान करने की कोसिस की थी परन्तु देवी रुक्मणि ने उसकी बहुत कोसिसो के बाद भी उसका स्तनपान नहीं किया था , और जब पूतना बार बार देवी रुक्मणि को अपना दूध पिलाने की कोशिस कर रही थी तभी कुछ लोग महल में आ गए थे यह देख पूतना देवी रुक्मणि को लेकर आसमान में उड़ गयी थी लोगो ने पूतना का बहुत पीछा किया परन्तु उसे पकड़ नहीं पाए , तब लोगो ने रुकमणी के जीवित रहने की आश छोड़ दी थी .
जब पूतना देवी रुक्मणि को आसमान में लेकर उड़ रही थी तब देवी रुक्मणि ने अपने आप को पूतना से छुड़ाने के लिया अपना भार बढ़ाना शुरू कर दिया था और उन्होंने अपना भार इतना बढ़ाया की पूतना से उनका भार उठाया नहीं गया तब पूतना ने देवी रुक्मणि को निचे छोड़ दिया और देवी रुक्मणि आसमान से गिरते गिरते धरती पर मथुरा के पास एक गांव बरसाना में एक सरोवर में कमल के फूल पर आकर गिरी ,
उसी समय वरसाना के एक व्यक्ति वरिसवान अपनी पत्नी करती देवी के साथ उस सरोवर के किनारे से गुजर रहे थे तभी उनकी नज़र सरोवर में पड़ी रुक्मणि पर पड़ी वे दोनों उसे उठाकर अपने घर ले आते है और अपनी बेटी मानकर उसका पालन पोषण करने लगते है और उसका नाम राधा रख देते है ,
राधा जी जब बड़ी होती है तब उनकी मुलाकात होती है गोकुल के एक गवाले भगवान श्री कृष्ण से , दोस्तों आप राधा कृष्ण के रास लीलाओ और उनकी अटूट प्रेम के बारे में तो जानते ही होंगे और यह भी जानते होंगे एक समय भगवान श्री कृष्ण गोकुल और राधा को छोड़कर द्वारिका पूरी चले गए थे तब भगवान श्री कृष्ण यह सोचकर गए थे की वापस आने के बाद वे राधा के साथ विवाह करेंगे और अपनी पत्नी बनाएंगे ,
परन्तु उनकी जाने के कुछ समय पश्चात ही विधर्व देश के राजा को यह पता चल जाता है की राधा उनकी पुत्री रुक्मणि है तो वह बरसाना आकर अपनी पुत्री रुक्मणि यानि राधा को अपने साथ लेकर चले जाते है ,
दोस्तों विधर्व राज्य भगवान श्री कृष्ण का दुसमन राज्य था इसलिए वह देवी रुक्मणी का विवाह किसी और के साथ करा देना चाहते थे , इसी कारण भगवान श्री कृष्ण ने देवी रुक्मणि का हरण करके उनसे विवाह किया जोकि उनकी राधा भी थी ,
दोस्तों इस कहानी को सुन आप समाज ही गए होंगे की जब भगवान श्री कृष्ण ने रुक्मणि के साथ विवाह कर लिया था तो वह राधा जी के साथ विवाह कैसे करते ,
इस कहानी के अनुसार राधा जी और रुक्मणि जी एक ही थी , यह एक काफी प्रसीद और प्रचलित कहानी है ,
परन्तु अब सवाल यह उठता है की अगर राधा जी रुक्मणि जी एक ही थी तो फिर वह कोण सी राधा थी जिसका विवाह एक राजा के साथ हुआ था और वह राधा का श्री कृष्ण के प्रति प्रेम देखकर उसे मरना छठा था और उसे बार बार जहर देता था ?
और वह राधा कोन थी जो बुढ़ापे में श्री कृष्ण की नगरी द्वारिका गयी और उनकी नौकरानी बनकर काम किया ?
और वह राधा कोन थी जिसकी मृत्यु जंगल में एक पेड़ के निचे श्री कृष्ण की बासुरी सुनते सुनते हुयी , और श्री कृष्ण ने जिसकी मृत्यु पर अपनी बासुरी तोड़ दी थी ?
आखिर कोन सी कहानी सत्य है ये हम जल्दी ही आपको अगली पोस्ट में बताएंगे ,
बने रहिये हमारे ब्लॉग के साथ और समय समय पर रोचक जानकारी पाने के लिए हमारे ब्लॉग को फॉलो कीजिए.
आप लोगो का स्वागत है हमारी इस नई और अद्भुत पोस्ट में ,
दोस्तों आज हम आपको इस पोस्ट में बताएंगे की आखिर क्यों भगवान श्री कृष्ण ने राधा से विवाह नहीं क्या , ऐसा क्या कारण था जिसके कारण श्री कृष्ण अपने बचपन के प्रेम राधा से विवाह नहीं कर पाए ?
दोस्तों जैसा की आप सब जानते है जब जब भी इस धरती पर पाप बढ़ जाता है तब भगवान विष्णु इस धरती पर अवतार लेते है , और ऐसा उन्होंने बार बार किया इसी कारण उनकी पत्नी लक्ष्मी जी भी पृथ्वी पर बार बार उनके साथ अवतरित होती है ,
इसी लिए त्रेता युग में जब भगवान विष्णु ने राम का अवतार लिया तो माता लक्ष्मी ने सीता के रूप में अवतार लिया और जब द्वापर युग में भगवान विष्णु ने श्री कृष्ण का अवतार लिया तो माता लक्ष्मी ने रुक्मणि के रूप में जन्म लिया ,
दोस्तों द्वापर युग में देवी लक्ष्मी ने रुक्मणि के रूप में विधर्व देश के राजा भिस्मा के यह उनकी पुत्री के रूप में जन्म लिया था , जिसे पाकर वो बहुत खुश थे , परन्तु रुक्मणि के कुछ माह पश्चात रुक्मणि को मारने के लिए पूतना नाम की राक्षसी महल में आ गयी थी ,
ये वहीं पूतना थी जिसने भगवान श्री कृष्ण को बचपन में अपना जहरीला दूध पिलाकर मारने की कोसिस की थी परन्तु वह राक्षसी भगवान श्री कृष्ण के स्तनपान करने से खुद ही मृत्यु को प्राप्त हो गयी थी परन्तु श्री कृष्ण से पहले पूतना ने उसी तरह रुक्मणि को भी अपना स्तनपान करने की कोसिस की थी परन्तु देवी रुक्मणि ने उसकी बहुत कोसिसो के बाद भी उसका स्तनपान नहीं किया था , और जब पूतना बार बार देवी रुक्मणि को अपना दूध पिलाने की कोशिस कर रही थी तभी कुछ लोग महल में आ गए थे यह देख पूतना देवी रुक्मणि को लेकर आसमान में उड़ गयी थी लोगो ने पूतना का बहुत पीछा किया परन्तु उसे पकड़ नहीं पाए , तब लोगो ने रुकमणी के जीवित रहने की आश छोड़ दी थी .
जब पूतना देवी रुक्मणि को आसमान में लेकर उड़ रही थी तब देवी रुक्मणि ने अपने आप को पूतना से छुड़ाने के लिया अपना भार बढ़ाना शुरू कर दिया था और उन्होंने अपना भार इतना बढ़ाया की पूतना से उनका भार उठाया नहीं गया तब पूतना ने देवी रुक्मणि को निचे छोड़ दिया और देवी रुक्मणि आसमान से गिरते गिरते धरती पर मथुरा के पास एक गांव बरसाना में एक सरोवर में कमल के फूल पर आकर गिरी ,
उसी समय वरसाना के एक व्यक्ति वरिसवान अपनी पत्नी करती देवी के साथ उस सरोवर के किनारे से गुजर रहे थे तभी उनकी नज़र सरोवर में पड़ी रुक्मणि पर पड़ी वे दोनों उसे उठाकर अपने घर ले आते है और अपनी बेटी मानकर उसका पालन पोषण करने लगते है और उसका नाम राधा रख देते है ,
राधा जी जब बड़ी होती है तब उनकी मुलाकात होती है गोकुल के एक गवाले भगवान श्री कृष्ण से , दोस्तों आप राधा कृष्ण के रास लीलाओ और उनकी अटूट प्रेम के बारे में तो जानते ही होंगे और यह भी जानते होंगे एक समय भगवान श्री कृष्ण गोकुल और राधा को छोड़कर द्वारिका पूरी चले गए थे तब भगवान श्री कृष्ण यह सोचकर गए थे की वापस आने के बाद वे राधा के साथ विवाह करेंगे और अपनी पत्नी बनाएंगे ,
परन्तु उनकी जाने के कुछ समय पश्चात ही विधर्व देश के राजा को यह पता चल जाता है की राधा उनकी पुत्री रुक्मणि है तो वह बरसाना आकर अपनी पुत्री रुक्मणि यानि राधा को अपने साथ लेकर चले जाते है ,
दोस्तों विधर्व राज्य भगवान श्री कृष्ण का दुसमन राज्य था इसलिए वह देवी रुक्मणी का विवाह किसी और के साथ करा देना चाहते थे , इसी कारण भगवान श्री कृष्ण ने देवी रुक्मणि का हरण करके उनसे विवाह किया जोकि उनकी राधा भी थी ,
दोस्तों इस कहानी को सुन आप समाज ही गए होंगे की जब भगवान श्री कृष्ण ने रुक्मणि के साथ विवाह कर लिया था तो वह राधा जी के साथ विवाह कैसे करते ,
इस कहानी के अनुसार राधा जी और रुक्मणि जी एक ही थी , यह एक काफी प्रसीद और प्रचलित कहानी है ,
परन्तु अब सवाल यह उठता है की अगर राधा जी रुक्मणि जी एक ही थी तो फिर वह कोण सी राधा थी जिसका विवाह एक राजा के साथ हुआ था और वह राधा का श्री कृष्ण के प्रति प्रेम देखकर उसे मरना छठा था और उसे बार बार जहर देता था ?
और वह राधा कोन थी जो बुढ़ापे में श्री कृष्ण की नगरी द्वारिका गयी और उनकी नौकरानी बनकर काम किया ?
और वह राधा कोन थी जिसकी मृत्यु जंगल में एक पेड़ के निचे श्री कृष्ण की बासुरी सुनते सुनते हुयी , और श्री कृष्ण ने जिसकी मृत्यु पर अपनी बासुरी तोड़ दी थी ?
आखिर कोन सी कहानी सत्य है ये हम जल्दी ही आपको अगली पोस्ट में बताएंगे ,
बने रहिये हमारे ब्लॉग के साथ और समय समय पर रोचक जानकारी पाने के लिए हमारे ब्लॉग को फॉलो कीजिए.
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें