नमस्कार दोस्तों ....
राधा का पति कोन था ये एक ऐसा सवाल है जिसका जवाब आज तक नहीं मिल पाया है , और इसकी सबसे बड़ी वजह है हर विद्वान का इस सवाल पर अलग जवाब देना और वो भी किसी आदर के साथ , किसी के अनुसार राधा के पति का नाम अभिमन्यु है तो कोई उनके पति का नाम रयान बताता है कोई कहता है राधा के पति भगवन श्री कृष्ण खुद ही थे तो कोई चांदसेन को उनका पति बताता है
कोई कहता है राधा और रुक्मणि एक ही थी तो कोई कहता है राधा कृष्ण का विवाह नहीं हुआ, कोई खता है राधा ने अंत समय में श्री कृष्ण के महल में नौकरानी के रूप में नौकरी की थी ,
तो आखिर सच क्या है आज में आपको बताऊंगा इन सभी कहानियों के बारे , ये सभी कहानी कहि न कहि से ली गयी है परन्तु आखिर सच कोन सी कहानी है ,
तो दोस्तों आज हम आपको बताएंगे की किस कहानी का किस ग्रन्थ या पुराण या फिर किस पुस्तक में जिक्र किया गया है उसके बाद आप खुद ही ये फैसला कीजिए की आखिर सच में कोन श्रद्धा के पति थे सबसे पहले बात करते है भगवान श्री कृष्ण की ,
कृष्ण और राधा के विवाह का उल्लेख मिलता है गर्ग सहिता में ,
गर्ग सहिता में लिखा गया है की राधा और कृष्णा का विवाह हुआ था और ये विवाह खुद ब्रह्मा जी ने करवाया था , आपको बता दे की गर्ग सहिता के रचियता गर्ग ऋषि थे और ऋषि गर्ग यदु वंशियो के कुल गुरु थे और कृष्ण और बलराम का नामकरण भी उन्होंने ही किया था , गर्ग सहिता में कृष्ण और राधा की लीलाओ का विस्तार से उल्लेख मिलता है ,
वही गर्ग सहिता में ये भी लिखा हुआ है की एक बार जब नन्दलाल जी श्री कृष्ण को अपने कंधो पर बिठाकर घूमने ले जा रहे थे तब अचानक बहुत तेज तूफान आया और ये तूफान कोई और नहीं बल्कि राधा रानी थी जी हाँ इस तूफान के पीछे राधा रानी छुपी हुई थी ,
गर्ग सहिता के अनुसार राधा रानी ब्रह्मा जी के साथ श्री कृष्ण से विवाह करने आयी थी उस वक्त श्री कृष्ण बच्चे थे लेकिन उन्होंने अपना बल स्वरुप त्याग कर किशोर रूप धारण कर लिया था और राधा से विवाह किया था , राधा कृष्ण का विवाह ब्रह्मा जी ने भंडीर नाम के जंगल में करवाया था ,
दोस्तों अब दूसरी कहानी के बारे में आपको बताते है उस दूसरे नाम के बारे में जो राधा के पति के बारे में लिया जाता है ये नाम है अभिमन्यु ,
उत्तर प्रदेश के नन्द गांव से करीब २ मील ( ३ किमी ) दूर जाटव नाम का एक गांव स्थित है , यह के लोग आज भी ये दावा करते है की उन्ही के गांव के अभिमन्यु से राधा जी का विवाह हुआ था ,वह के स्थानीय लोगो के अनुसार गांव में जटिला नाम की एक गोपी रहा करती थी , अभिमन्यु उन्ही के ही पुत्र थे राधा और अभिमन्यु का विवाह राधा के पिता वृषभानु ने करवाया था ,
कहते है की अभिमन्यु और राधा का विवाह तो हुआ लेकिन अभिमन्यु कभी राधा की परछाई तक को भी छू नहीं पाए थे , वहां के लोगो का मानना है की अभिमन्यु दिन भर के कामो में व्यस्त रहते थे और राधा भी घर के कामो में लगी रहती थी , साथ ही साथ ये भी खा जाता है की अभिमन्यु को राधा से इतनी हिचक और इतनी शर्म आती थी की वो कभी राधा के समीप जाना तो क्या वो कभी राधा से बात तक नहीं कर पाते थे ,
अभिमन्यु और राधा की कहानी के बारे में शक इसीलिए नहीं किया जा सकता क्योकि आज भी जाटव गांव में जटिला की हवेली और अभिमन्यु और जटिला का मंदिर मौजूद है जाटव गांव के स्थानीय लोगो के उसी हवेली और मंदिर को साक्ष्य मानते है अभिमन्यु और उनकी माँ जटिला के होने का यानि की दूसरा नाम जो राधा के पति के रूप में लिया जाता है वो अभिमन्यु है उसमे भी कही न कही सच्चाई नजर आती है ,
अब बात करते है तीसरे नाम की जो राधा के पति के रूप में लिया जाता है वो है रापन या रायन जी हाँ रायन नाम के एक व्यक्ति थे कहते है की ये यशोदा के भाई थे ,और राधा का विवाह इन्ही के साथ हुआ था अपने विवाह के पश्चात राधा कृष्ण की मामी बन गयी थी क्योकि रायन कृष्णा के मामा थे और इस बात का उल्लेख ब्रह्म वैवर्त पुराण में मिलता है ,
आपको बता दे की ब्रह्म वैवर्त पुराण सबसे पुराने पुराणों में से एक है जो की श्री कृष्ण के जीवन पर समर्पित है , इस पुराण के अनुसार कृष्ण ही इस ब्रमांड को चलने वाली आलोकिक शक्ति है , वही ये पुराण ये भी कहती की राधा के पति रायन थे जो की यशोदा के भाई और कान्हा के गोक ( मामाओं ) में से एक थे ,
यानि की गर्ग सहिता के अनुसार राधा के पति भगवन श्री कृष्ण थे , तो जाटव गांव में मौजूद साक्ष्यो के आधार पर राधा के पति अभिमन्यु थे ,और ब्रह्म वैवर्त पुराण के अनुसार राधा के पति का नाम रायन था ,
इन तीन नमो के अलावा राधा के पति के रूप में जो दो नाम और लिए जाते है वो है चंदरसेन और अन्वय ,
हलाकि आपको ये पता ही होगा की राधा साक्षात् लक्ष्मी का रूप थी , और कहा जाता है की माता लक्ष्मी ने राधा के रूप में जन्म लेने से पहले ही ये साफ साफ कह दिया था की में आपके अलावा किसी और से विवाह नहीं करुँगी , और ये बात पदम् पुराण में लिखी गयी है ,
यानि की पदम् पुराण भी यही कहती है की राधा के पति श्री कृष्ण ही थे , ऐसे में ये सब दावे एक रहस्य बन चुके है जिसे अब तक न तो कोई सुलझा सका और न ही कोई भविष्य में सुलझा सकता ,
इसका जवाब सिर्फ दो ही लोग दे सकते है जिसमे पहला नाम है श्री कृष्ण और दूसरा नाम है खुद राधा रानी का इनके अलावा कोई इस रहस्य को सुलझा नहीं सकता ,
हमने अपनी इस पोस्ट में आपको सभी प्रचलित कहानियों को उनके सबूत के साथ बताया है ,
अब आप खुद ही विचार कीजिए और कमेंट में हमे जरूर बताए की सच में राधा के पति कोन थे ?
अगर आपको जानकारी और पोस्ट अच्छी लगी हो तो ब्लॉग को फॉलो कीजिए ,
धन्यवाद .........
राधे राधे ........
राधा का पति कोन था ये एक ऐसा सवाल है जिसका जवाब आज तक नहीं मिल पाया है , और इसकी सबसे बड़ी वजह है हर विद्वान का इस सवाल पर अलग जवाब देना और वो भी किसी आदर के साथ , किसी के अनुसार राधा के पति का नाम अभिमन्यु है तो कोई उनके पति का नाम रयान बताता है कोई कहता है राधा के पति भगवन श्री कृष्ण खुद ही थे तो कोई चांदसेन को उनका पति बताता है
कोई कहता है राधा और रुक्मणि एक ही थी तो कोई कहता है राधा कृष्ण का विवाह नहीं हुआ, कोई खता है राधा ने अंत समय में श्री कृष्ण के महल में नौकरानी के रूप में नौकरी की थी ,
तो आखिर सच क्या है आज में आपको बताऊंगा इन सभी कहानियों के बारे , ये सभी कहानी कहि न कहि से ली गयी है परन्तु आखिर सच कोन सी कहानी है ,
तो दोस्तों आज हम आपको बताएंगे की किस कहानी का किस ग्रन्थ या पुराण या फिर किस पुस्तक में जिक्र किया गया है उसके बाद आप खुद ही ये फैसला कीजिए की आखिर सच में कोन श्रद्धा के पति थे सबसे पहले बात करते है भगवान श्री कृष्ण की ,
कृष्ण और राधा के विवाह का उल्लेख मिलता है गर्ग सहिता में ,
गर्ग सहिता में लिखा गया है की राधा और कृष्णा का विवाह हुआ था और ये विवाह खुद ब्रह्मा जी ने करवाया था , आपको बता दे की गर्ग सहिता के रचियता गर्ग ऋषि थे और ऋषि गर्ग यदु वंशियो के कुल गुरु थे और कृष्ण और बलराम का नामकरण भी उन्होंने ही किया था , गर्ग सहिता में कृष्ण और राधा की लीलाओ का विस्तार से उल्लेख मिलता है ,
वही गर्ग सहिता में ये भी लिखा हुआ है की एक बार जब नन्दलाल जी श्री कृष्ण को अपने कंधो पर बिठाकर घूमने ले जा रहे थे तब अचानक बहुत तेज तूफान आया और ये तूफान कोई और नहीं बल्कि राधा रानी थी जी हाँ इस तूफान के पीछे राधा रानी छुपी हुई थी ,
गर्ग सहिता के अनुसार राधा रानी ब्रह्मा जी के साथ श्री कृष्ण से विवाह करने आयी थी उस वक्त श्री कृष्ण बच्चे थे लेकिन उन्होंने अपना बल स्वरुप त्याग कर किशोर रूप धारण कर लिया था और राधा से विवाह किया था , राधा कृष्ण का विवाह ब्रह्मा जी ने भंडीर नाम के जंगल में करवाया था ,
दोस्तों अब दूसरी कहानी के बारे में आपको बताते है उस दूसरे नाम के बारे में जो राधा के पति के बारे में लिया जाता है ये नाम है अभिमन्यु ,
उत्तर प्रदेश के नन्द गांव से करीब २ मील ( ३ किमी ) दूर जाटव नाम का एक गांव स्थित है , यह के लोग आज भी ये दावा करते है की उन्ही के गांव के अभिमन्यु से राधा जी का विवाह हुआ था ,वह के स्थानीय लोगो के अनुसार गांव में जटिला नाम की एक गोपी रहा करती थी , अभिमन्यु उन्ही के ही पुत्र थे राधा और अभिमन्यु का विवाह राधा के पिता वृषभानु ने करवाया था ,
कहते है की अभिमन्यु और राधा का विवाह तो हुआ लेकिन अभिमन्यु कभी राधा की परछाई तक को भी छू नहीं पाए थे , वहां के लोगो का मानना है की अभिमन्यु दिन भर के कामो में व्यस्त रहते थे और राधा भी घर के कामो में लगी रहती थी , साथ ही साथ ये भी खा जाता है की अभिमन्यु को राधा से इतनी हिचक और इतनी शर्म आती थी की वो कभी राधा के समीप जाना तो क्या वो कभी राधा से बात तक नहीं कर पाते थे ,
अभिमन्यु और राधा की कहानी के बारे में शक इसीलिए नहीं किया जा सकता क्योकि आज भी जाटव गांव में जटिला की हवेली और अभिमन्यु और जटिला का मंदिर मौजूद है जाटव गांव के स्थानीय लोगो के उसी हवेली और मंदिर को साक्ष्य मानते है अभिमन्यु और उनकी माँ जटिला के होने का यानि की दूसरा नाम जो राधा के पति के रूप में लिया जाता है वो अभिमन्यु है उसमे भी कही न कही सच्चाई नजर आती है ,
अब बात करते है तीसरे नाम की जो राधा के पति के रूप में लिया जाता है वो है रापन या रायन जी हाँ रायन नाम के एक व्यक्ति थे कहते है की ये यशोदा के भाई थे ,और राधा का विवाह इन्ही के साथ हुआ था अपने विवाह के पश्चात राधा कृष्ण की मामी बन गयी थी क्योकि रायन कृष्णा के मामा थे और इस बात का उल्लेख ब्रह्म वैवर्त पुराण में मिलता है ,
आपको बता दे की ब्रह्म वैवर्त पुराण सबसे पुराने पुराणों में से एक है जो की श्री कृष्ण के जीवन पर समर्पित है , इस पुराण के अनुसार कृष्ण ही इस ब्रमांड को चलने वाली आलोकिक शक्ति है , वही ये पुराण ये भी कहती की राधा के पति रायन थे जो की यशोदा के भाई और कान्हा के गोक ( मामाओं ) में से एक थे ,
यानि की गर्ग सहिता के अनुसार राधा के पति भगवन श्री कृष्ण थे , तो जाटव गांव में मौजूद साक्ष्यो के आधार पर राधा के पति अभिमन्यु थे ,और ब्रह्म वैवर्त पुराण के अनुसार राधा के पति का नाम रायन था ,
इन तीन नमो के अलावा राधा के पति के रूप में जो दो नाम और लिए जाते है वो है चंदरसेन और अन्वय ,
हलाकि आपको ये पता ही होगा की राधा साक्षात् लक्ष्मी का रूप थी , और कहा जाता है की माता लक्ष्मी ने राधा के रूप में जन्म लेने से पहले ही ये साफ साफ कह दिया था की में आपके अलावा किसी और से विवाह नहीं करुँगी , और ये बात पदम् पुराण में लिखी गयी है ,
यानि की पदम् पुराण भी यही कहती है की राधा के पति श्री कृष्ण ही थे , ऐसे में ये सब दावे एक रहस्य बन चुके है जिसे अब तक न तो कोई सुलझा सका और न ही कोई भविष्य में सुलझा सकता ,
इसका जवाब सिर्फ दो ही लोग दे सकते है जिसमे पहला नाम है श्री कृष्ण और दूसरा नाम है खुद राधा रानी का इनके अलावा कोई इस रहस्य को सुलझा नहीं सकता ,
हमने अपनी इस पोस्ट में आपको सभी प्रचलित कहानियों को उनके सबूत के साथ बताया है ,
अब आप खुद ही विचार कीजिए और कमेंट में हमे जरूर बताए की सच में राधा के पति कोन थे ?
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धन्यवाद .........
राधे राधे ........
lord Krishna married to Radha according to garg sanhita also lord Krishna married to Radha according to brahmvivart puran.that's all people spread their own rumers and many stories come in the 12-17 th century and who knows they rewrite our Purana at the order of Mughal and Britishers
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