Battle of Bali and Hanuman, who won this war? Did Bali also defeat Hanuman ji due to boon? What happened to the result of this war?

We all know about Ramayana but today we will tell about one such incident of Ramayana which very few people know.

In the book Kishkinda Kand, a book of Ramayana, Bali has been described from chapters 5 to 26, yet Bali has played the main role in Ramayana, especially about the slaughter of Bali,

तारा (रामायण) - विकिपीडिया

 Bali was the elder brother of Sugriva and king of Kishkindha, And he is also said to be the son of Indar, we all know that Bali had the blessing of Brahma Ji that whoever would fight with him, half of his force would go inside Bali, this boon A warrior was not known in front of Baran, because of this boon, Bali killed a demon named Dudambhi with the force of 10,000 elephants, after Dudabhi, Bali also killed his brother Mayavi in ​​a cave. After this incident, vigor had arisen in Bali and Sugriva, due to this power, no god, demon, or human was able to fight with the monkey king Bali,

But in this post we are going to tell you about an incident when a war started between Mahabali Bali and Mahashaktisali, Paramveer Hanuman, what happened then, did Mahabali Bali also defeat Hanuman ji because of his boon Then Hanuman did not walk in front of Lord Brahma, stay with us to know this.
रावण और बाली का महाप्रलयंकारी युद्ध ...

It is said that when the war started between the monkey king Bali Asur Raj Ravana, Bali kept Ravana in his side for 7 months and did penance, finally Ravana from Bali Everyone agreed and proposed friendship to Bali and the two became friends, after this war, Bali's pride had increased greatly and Bali kept challenging all people to war,

One day, like every day, Bali was screaming in the forest, someone who could fight with me, someone who drank his mother's milk, Hanuman ji was doing penance in the same forest and meditating on his Aradhya Bhagavan, Bali His austerity was disturbed by shouting, yet he humbly said to Bali, You are very powerful, no one can beat you but why are you screaming like this,

Hearing Hanuman's words, Bali became angry and on this he challenged Hanuman ji as well as the adorable Hanuman ji and said, can you not defeat me only if your Ram, if you have the strength, call your Ram,

Hearing the name of his Lord Ram, Hanuman ji got angry and accepted the challenge of Bali, and decided to battle that there would be a riot between the two as soon as sunrise, Hanuman ji left for riot as soon as sunrise the next day. It was only then that Brahma Ji appeared in front of Hanuman ji, he tried to understand Hanuman ji that he should not accept the challenge of Bali, to which Hanuman Ji said that Lord Bali If I had only challenged me, I would have forgiven him, but he has challenged my adorable Lord Rama, so I have to learn a lesson from him, and Hanuman ji did not agree on this. Brahma Ji said to Hanuman ji, is it okay for you to riot Go but take only one-tenth of your power and dedicate the rest at the feet of your worship and come back from the riot and earn it again,
When Hanuman and Bali fought, Know who won? | News Track Live ...
Hanuman ji agreed and proceeded with a tenth of his power, Bali pulled half of Hanuman ji's strength as he stepped into the place of the riot due to boon, and as Hanuman ji got half power in Bali's body he got it. It felt like his body would getTear away , his blood would start falling out, then Brahma Ji appeared and he told Bali that you consider yourself the most powerful in the world. Neither your body is not able to handle even a small part of the power of Hanuman ji and narrated the whole story of himself and Hanuman and said that if you want to keep yourself alive then run away miles away from Hanuman ji, the condition of your body and Following the advice of Brahma, Bali did the same and he ran away from there, after that, Bali again came to Hanuman ji and bowed to Hanuman ji and told the strength of Hanuman ji and said. Neither notwithstanding force Hanuman remain calm and sings Ram bhajan and I am a person who does not have power equal to their force still had them cry, Lord, I

Sorry, then Hanuman ji forgave Bali and both went on their way,



Friends, this incident of Hanuman ji and Bali teaches us that no matter how rich a person is, he should never boast,



Friends, how did you find this information, please tell us in the comments as well as follow us,



Thank you



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बाली और हनुमान का युद्ध , कौन जीता इस युद्ध में ? क्या बाली ने वरदान के कारण हनुमान जी को भी हरा दिया था ? क्या हुआ इस युद्ध का परिणाम ?

रामायण के बारे में तो हम सब जानते है लेकिन आज हम रामायण की  एक ऐसी घटना के बारे में बताएंगे जिसे बहुत कम लोग जानते है
रामायण की ही एक पुस्तक किस्किँदा कांड में अध्ध्याय  5 से लेकर 26 तक ही बाली का वर्णन किया गया है फिर भी रामायण में बाली की मुख्य भूमिका रही है विशेषकर बाली के वध को लेकर,
वानर राज बालि से जुडी कुछ रोचक बातें ...

 बाली सुग्रीव का बड़ा भाई था और किष्किंधा का राजा था ,तथा उसे इन्दर का पुत्र भी बताया जाता है , हम सब ये तो जानते ही है की बाली को ब्रह्मा जी का वरदान था की जो भी उससे युद्ध करेगा उसका आधा बल बाली के अंदर चला जाएगा , इसी वरदान के कारण बाली के सामने कोई योद्धा नहीं टिक पता था , बाली ने अपने इसी वरदान के कारण 10000 हाथिया का बल रखने वाले दुदंभि नामक राक्षस का वध कर दिया था , दुदंभि के बाद बाली ने उसके भाई मायावी का भी एक गुफा में वध कर दिया था इसी घटना के बाद बाली और सुग्रीव में शतुरता पैदा हो गयी थी , इसी शक्ति के कारण वानर राज बाली से युद्ध करने में देव , दानव , या मानव कोई भी समर्थ नहीं था ,
लेकिन इस पोस्ट में हम आपको एक ऐसी घटना के बारे में बताने जा रहे है जब महाबलि बाली और महाशक्तिसाली ,परमवीर हनुमान के बीच युद्ध शुरू हो गया फिर क्या हुआ , क्या महाबली बाली ने हनुमान जी को भी अपने वरदान के कारण हरा दिया , या फिर हनुमान के सामने नहीं चला ब्रह्मा जी का वरदान ये जानने के लिए बने रहिये हमारे साथ
ये बात तब की है जब वानर राज बाली असुर राज रावण के बीच युद्ध शुरू हो गया था , बाली ने अपने वरदान के दम पर रावण को अपनी बगल में ६ महीने तक दबाये रखा था और तपस्या करते रहा था ,
रावण और बाली का महाप्रलयंकारी युद्ध ...

 अंत में रावण ने बाली से हर मान ली और बाली के सामने मित्रता का प्रस्ताव रखा और दोनों आपस में मित्र बन गए , इसी युद्ध के बाद बाली का घमंड बहुत ज्यादा बढ़ गया था और बाली सभी लोगो को युद्ध की चुनौती देता रहता था ,
एक दिन हर रोज की तरह बाली वन में चिल्ला रहा था है कोई जो मुझसे युद्ध कर सके ,है कोई जिसने अपनी माँ का दूध पिया हो , हनुमान जी उसी वन में तपस्या कर रहे थे और अपने आरध्या भगवन का ध्यान कर रहे थे , बाली के चिल्लाने से उनकी तपस्या भंग हो गयी फिर भी उन्होंने विनम्रता से बाली से कहा वानर राज आप अति बलशाली है , आपको कोई नहीं हरा सकता परन्तु आप इस तरह चिल्ला क्यों रहे है ,
हनुमान के वचन सुनकर बाली और भड़क गया इस पर उसने हनुमान जी को और साथ ही साथ हनुमान जी के आराध्य को भी चुनौती दे डाली और कहा तुम तो क्या तुम्हारे राम ही मुझे नहीं हरा सकते , अगर दम है तो बुलाओ अपने राम को ,
अपने भगवान राम का नाम सुनकर हनुमान जी को गुस्सा आ गया और उन्होंने बाली की चुनौती स्वीकार कर ली , और युद्ध के लिए तय हुआ की अगले दिन सूर्योदय होते ही दोनों के बीच दंगल होगा , अगले दिन सूर्योदय होते ही हनुमान जी दंगल के लिए निकले ही थे तभी हनुमान जी के सामने ब्रह्मा जी प्रकट हुए उन्होंने हनुमान जी को समझने की कोशिस की कि वे बाली कि चुनौती स्वीकार न करे , इस पर हनुमान जी ने कहा प्रभु बाली ने अगर सिर्फ मुझे चुनौती दी होती तो में उसे माफ़ कर देता परन्तु उसने मेरे आराध्य भगवान राम को चुनौती दी है इसलिए मुझे उसे सबक सीखना ही पड़ेगा , और हनुमान जी नहीं माने इस पर ब्रह्मा जी ने हनुमान जी से कहा ठीक है आप दंगल के लिए जाओ लेकिन अपनी शक्ति का दसवां हिस्सा ही लेकर जाओ शेष अपने आराध्य के चरणों में समर्पित कर दो दंगल से वापिस आकर फिर से अर्जित कर लेना ,
हनुमान जी मन गए और अपनी शक्ति का दसवां हिस्सा लेकर आगे बढ़े , वरदान के कारण दंगल के जगह में पैर रकते ही हनुमान जी कि शक्ति का आधा हिस्सा बाली ने खींच लिया , और जैसे ही बाली के शरीर में हनुमान जी शक्ति आधी शक्ति गयी उसे लगा की जैसे उसका शरीर फ़ट जाएगा , उसकी नसे फटकार रक्त बहार निकलने लगेगा , 
When Hanuman and Bali fought, Know who won? | News Track Live ...
तभी ब्रह्मा जी प्रकट हुए और उन्होंने बाली से कहा की तुम खुद को दुनिया में सबसे शक्तिशाली समझते हो लेकिन तुम्हारा शरीर हनुमान जी की शक्ति का एक छोटा सा हिस्सा भी नहीं संभाल पा रहा है और अपना और हनुमान का सारा वाकया सुनाया और कहा की अगर खुद को जिन्दा रखना चाहते हो तो हनुमान जी से मीलो दूर भाग जाओ , अपने शरीर की हालत और ब्रह्मा जी सलाह मानकर बाली ने ऐसा ही किया और वह वहां से भाग गया , उसके बाद बाली दुबारा हनुमान जी के पास आया और हनुमान जी को प्रणाम किया और हनुमान जी के बल का बखान किया और बोला इतना बल होते हुए भी हनुमान जी शांत रहते है और राम भजन गाते रहते है और एक में हूँ जो उनके बल के बराबर भी शक्ति नहीं रखता फिर भी उनको ललकार रहा था , हे प्रभु मुझे 
माफ़ करे , तब हनुमान जी ने बाली को माफ़ किया और दोनों अपने अपने रास्ते चले गए ,

दोस्तों हनुमान जी और बाली का यह प्रसंग हमे सबक देता है की व्यक्ति कितना भी धनवान कितना भी बलवान हो जाए उसे कभी घमंड नहीं करना चाहिए ,

दोस्तों आपको ये जानकारी कैसे लगी हमे कमेंट में जरूर बताए साथ ही हमे फॉलो करे ,

धन्यवाद

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Where did Hanuman go after Ramayana? Is Lord Hanuman Still Alive?

You all know about the Ramayana, the Ramayana which tells us about the King of Ayodhya, Rama, and also tells us about the victory over the evil of truth.

Ramayana teaches us how we should remain the same in every situation
Hanuman Ji HD Wallpapers - Wallpaper Cave

You must also know that the festival of Diwali is celebrated in the happiness of Shri Ram returning to Ayodhya.

But this Ramayana and Shri Ram's entire Ramayana is incomplete without Hanuman, the supreme devotee of Shri Ram, and if Hanuman ji from Ramayana

If it is removed, perhaps the Ramayana cannot be imagined,

Hanuman who was the most powerful, the most knowledgeable, and the supreme devotee of Shri Rama, or say that even today, do you know that he was called after the Ramayana?

This question still arises in the minds of millions of people that if Hanuman ji is immortal, then he has said that till today, only three creatures are immortal on this earth, the first of which is the pair of pigeons lying in the cave of Amarnath. , Second is Hanuman ji and third was Ashwathama,

We will tell you about the pigeons present in front of Shiva and about Ashwathama in the next post, today we are going to tell you about the supreme devotee and Shiva avatar Hanuman, after all Hanuman was told after Ramayana and today he remains

Today we will tell you some things that will make you believe, believe that Hanuman ji is still present among us,

Jai Bajrangbali} 344+ God Hanuman Images HD Images to Download

Hanuman ji could have been immense, even in the Ramayana period, Hanuman never allowed his power to go to the highest level, because if it were so, he would have destroyed Lanka in a few moments,

Hanuman has the blessing of immortality and will remain on this earth as long as it remains, before Hanuman ji is seen to be alive and living among us, we are telling you that after Ramayana, Hanuman ji was called, as Ramayana It is also told that Lord Hanuman continued to serve him till he left the earth, who was an avatar of Lord Rama, and after that he made the forest his place, after that the end of Treta Yuga Riya and Dwapara Yuga started, tell you that even in Dwapar Yuga Hanuman ji has seen twice, for the first time when Bhima was in the forest, he found an old monkey who was taking in the path of Beam, Beam He said to the monkey that if the monkey asks me not to get out of my way, I will pick up and throw away, Bhima was very proud of his force, then Hanuman ji in that big form of monkey said that I am old now and again I am not able to get up again and again.Now as soon as you want, remove me from your path, after this, Bhima tried his best but he could not even shake Hanuman ji's question, then Bhima understood that he is not an ordinary monkey, then Bhima prayed that you Show your true form, who are you, then Hanuman ji showed Bhima his true form and explained to Bhima that it is not a good thing to unnecessarily show one's strength,

Lord Hanuman Ji Ram Bhakt Images with HD Wallpapers | God Wallpaper

Even after this, Hanuman ji remained on the chariot of Arjuna by becoming a flag at the behest of Shri Krishna in the war of Mahabharata, as soon as that flag disappeared itself when the war ended, that chariot became ashes in an instant and flew to dust, when When Arjuna asked Shri Krishna about this, Shri Krishna told Arjuna that he was Hanuman ji, due to which his chariot stood before the great destroyer weapons or else warriors like Karna His chariot could never stand in front of the infallible birds, thus Hanuman ji recorded his presence even in Dwapar Yuga, and everyone of Dwapar Yuga started believing that Hanuman ji is alive,

Kali Yuga started after Dwapar Yuga, and in Kali Yuga, Hanuman ji has come in front of people many times, many evidence of which we tell you, in China, Indonesia, Cambodia and different countries, there are many different things which are mentioned. You will get to hear the great powerful monkey, in the fourteenth century, the sage Madhvacharya had said to be interviewed to Lord Hanuman,

In the Satharvi century, Tulsidas ji also told that he started writing Ramcharitramanas only on the request of Hanuman ji,

Even then, different saints claimed to meet or see Hanuman,

Now if you talk about Hanuman ji being alive, then you will not be able to see him, there is a clan in Sri Lanka called Matang clan. This clan is not considered a work of any saint because people of this clan have mental stamina and their The unique qualities separate them from the rest of the people and these people themselves believe that Hanuman ji comes to meet them every 61 years and gives knowledge and this knowledge is his self Many people do not believe this to be true blood, but in Sri Lanka and South India, there have been traces of many huge legs which scientists have also accepted as true that Yi is the foot of a very large person,

Hanuman Ji Ati Sundar HD Wallpapers and Photo gallery | God Wallpaper

Today, when scientists consider humans to be homoSepians, they also believe that the species whose body was like ours disappeared about 10,000 years ago and is no longer homosepiens, but even today in Sri Lanka and South India, many times look like giant homosepians. Things have been exposed many times to see the living creature, we doubt the existence of Hanuman in our own country and our own religion, whereas America itself Ka Vaana Dev is worshiped in Ka and many other countries, the temple of ancient Vanar Dev has been found in America, whose sculptures are very similar to Hanuman ji, in the ancient saga of Vahan there, Vanar Dev is considered immortal, Hanuman ji He attained immortality in the boon and he will always remain on earth, this promise.On the basis of these things, we can say with confidence that Hanuman ji is still alive among us,

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JAI SHREE RAM , JAI HANUMAN 

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रामायण के बाद कहाँ गए हनुमान | Is Lord Hanuman Still Alive ?

आप सभी रामायण के बारे में जानते है , रामायण जोकि अयोध्या के राजा राम के बारे में हम सबको बताती है साथ ही हम सबको सच की बुराई पर विजय के बारे में बताती है
रामायण हमे सिखाती है की कैसे हमे हर परिस्थिति  में एक सामान रहना चाहिए
आप ये भी जानते होंगे की दिवाली का जो त्यौहार है वो श्री राम के अयोध्या वापिस आने की ख़ुशी में मनाया जाता है

Hanuman Ji HD Wallpapers - Wallpaper Cave


लेकिन यही रामायण और श्री राम की सम्पूर्ण रामायण श्री राम के परम भक्त हनुमान के बिना अधूरी है , और अगर रामायण से हनुमान जी
को निकल दिया जाए तो शायद रामायण की कल्पना भी नहीं की जा सकती ,
हनुमान जो की परम शक्तिशाली , परम ज्ञानी , और श्री राम के परम भक्त थे या यूँ कहिये की आज भी है क्या आपको पता है की रामायण के बाद वो कहा गए ?
ये सवाल आज भी लाखो करोड़ो लोगो के दिमाक में उठता है की अगर हनुमान जी अमर है तो वो कहा है , कहा जाता है की इस धरती पर आज तक सिर्फ तीन ही जीव अमर है जिसमे सबसे पहला अमरनाथ की गुफा में दिकने वाला कबूतरों का जोड़ा , दूसरे है हनुमान जी और तीसरा था अश्वथामा ,
शिव के सामने उपस्तिथ कबूतरों के बारे में और अश्वथामा के बारे में हम आपको अगली पोस्ट में बताएंगे , आज हम आपको बताने जा रहे है परम भक्त और शिव अवतार हनुमान के बारे में की आखिर हनुमान रामायण के बाद कहा गए और आज वो कहा रहते है
आज हम आपको कुछ ऐसी बाटे बताएंगे जिनसे आपको यकीन,विश्वास हो जाएगा की हनुमान जी आज भी हमारे बीच उपस्थित है ,

Ram Navmi Remembering Hanuman Ji Before Ram Worship ...
हनुमान जी की सकती अपार थी रामायण काल में भी हनुमान जी ने अपनी शक्ति को कभी उच्तम स्तर तक कभी नहीं जाने दिया , क्योकि अगर ऐसा होता तो वो लंका का विनाश कुछ की पल में कर देते ,
हनुमान का अमरत्व का वरदान प्राप्त है और जब तक यह धरती रहेगी तब तक इस धरती पर रहेंगे , हनुमान जी के जीवित और हमारे बीच रहने के साबुत दिखने से पहले हम आपको बता रहे है की रामायण के बाद हनुमान जी कहा गए , जैसा की रामायण में भी बताया गया है की श्री राम जो की विष्णु अवतार थे उनके धरती छोड़ने तक हनुमान जी उनकी सेवा करते रहे , और उसके बाद उन्होंने वन को ही अपना स्थान बनाया , उसके बाद त्रेता युग का अंत हुआ और द्वापर युग का आरम्भ हुआ , आपको बता दे की द्वापर युग में भी हनुमान जी के दो बार दर्शन हुए है , पहली बार जब भीम जंगल में थे तो उन्हें एक बूढ़ा वानर मिला जो की बीम के रास्ते में लेता हुआ था , बीम ने उस वानर से कहा की ऐ वानर अपनी पूछ मेरे रास्ते से हटाओ नहीं तो उठाकर फेक दूंगा , भीम  को अपने बल पर बहुत घमंड था , तब वानर के उस बड़े रूप में हनुमान जी ने कहा में अब बूढ़ा हो गया हूँ बार बार उठा नहीं जाता तुम ही अब जैसे चाहो मुझे अपने रास्ते से हटा दो , इसके बाद भीम ने पूरा प्रयास किया लेकिन वो हनुमान जी की पूछ तक को नहीं हिला पाए तब भीम को समझ आया की वो कोई साधारण वानर नहीं है तब भीम ने उनसे प्रार्थना की कि आप अपना असली रूप दिखाए आप कौन है , तब हनुमान जी ने भीम को अपना असली रूप दिखाया और भीम को समझाया कि बेवजह किसी को अपना बल दिखाना अच्छी बात नहीं है ,
इसके बाद भी महाभारत के युद्ध में श्री कृष्ण के कहने पर हनुमान जी ध्वज बनकर अर्जुन के रथ पर रहे, युद्ध समाप्त होने पर जैसे ही वह ध्वज खुद ही गायब हुआ तो वह रथ एक पल में राख बन गया और धूल में उड़ गया , जब अर्जुन ने इसके बारे में श्री कृष्ण से इसके बारे में पूछा तो श्री कृष्ण ने अर्जुन को बताया कि वो हनुमान जी थे जिनके कारण महा विनाशक अस्त्रों के सामने उनका रथ टिका रहा वरना कर्ण जैसे योद्धाओ के अचूक बाणो के सामने उनका रथ कभी नहीं टिक पाता , इस तरह हनुमान जी ने द्वापर युग में भी अपनी उपस्तिथि दर्ज करा दी , और द्वापर युग के सभी लोग मानने लगे कि हनुमान जी जीवित है ,
द्वापर युग के बाद शुरू हुआ कलयुग , और कलयुग में भी हनुमान जी कई बार लोगो के सामने आ चुके है जिसके कई सबूत हम आपको बताते है , चीन , इंडोनेसिया , कम्बोडिया और अलग अलग देशो में अलग अलग तरह कि कई बातें जिनमे जिक्र होता है महा शक्तिशाली वानर का आपको सुनने को मिल जाएंगी , चौदहवी सदी में ऋषि मध्वाचार्य  ने हनुमान जी से साक्षात् बात होने कि बात कहि थी ,
सतहरवी सदी में तुलसीदास जी ने भी बताया कि हनुमान जी कहने पर ही उन्होंने रामचरित्रमानस लिखना शुरू  किया था ,

मंगलवार के दिन करें ये जबरदस्त टोटके ...
उसके बाद भी अलग अलग साधु संतो ने हनुमान जी से मिलने या उन्हें देखने का दावा किया ,
अब  अगर बात करे हनुमान जी के जिन्दा होने कि तो आप उसे देख नहीं पाओगे श्रीलंका में एक कबीला है जिसे मातंग कबीला कहा जाता है इस कबीले को लोगो को किसी साधु संत से काम नहीं माना जाता क्योकि इस कबीले के लोगो कि मानसिक सहनशक्ति और उनके विलक्षण गुण उन्हें बाकि लोगो से अलग करते है और खुद इन लोगो का मानना है कि हनुमान जी हर ४१ साल बाद उनसे मिलने आते है और ज्ञान देकर जाते है और यही ज्ञान उनकी आत्म शांति को स्थिर बनाए रक्त है कई लोग इस बात को सच नहीं मानते , लेकिन श्रीलंका और दक्षिण भारत में कई विशाल पेरो के निशान मिले है जिसे वैज्ञानिक भी सच मान  चुके है कि यी किसी बहुत बड़े आकर के  इंसान के ही पैर है ,

Tulsidas Biography In Hindi - 'पत्नी ने बनाया ...


आज जब वैज्ञानिक इंसानो को होमोसेपियंस मानते है उनका भी मानना है कि आज से करीब १० हज़ार साल पहले जिनका शरीर हमारे जैसा था वे प्रजातिया लुप्त हो गयी और अब होमोसेपियंस कहि नहीं है लेकिन आज भी श्रीलंका और दक्षिण भारत में कई बार विशाल होमोसेपियंस जैसे दिखने वाले जीव को देखने कि बातें कई बार सामने आ चुकी है , हम अपने ही देश और अपने ही धर्म में हनुमान जी के अस्तित्व पर शक करते है जबकि खुद अमेरिका और कई अन्य देशो में वानर देव कि पूजा कि जाती है , अमेरिका में प्राचीन वानर देव का मंदिर मिला है जिसकी मूर्तियों की बनावट बिलकुल हनुमान जी से मिलती है , वहा की प्राचीन गाथाओ में भी वानर देव को अमर माना जाता है , हनुमान जी ने वरदान में अमरत्व को प्राप्त किया था और वो हमेसा धरती पर ही रहेंगे यह वचन उन्होंने श्री राम को दिया था , इन बातो के आधार पर हम यकीन के साथ कह सकते है की हनुमान जी आज भी हमारे बीच जिन्दा है ,

Hanuman Ji HD Wallpapers - Wallpaper Cave 


JAI SHREE RAM , JAI HANUMAN

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डायनासोरों का अंत और इंसानों का जन्म जरुर देखें | Where did Humans come from ?


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डायनासोर जो रेंगने वाले जीवो के वंसज थे लेकिन आकर में बहुत बड़े,  डायनासोरों ने पृथ्वी पर बहुत ही लम्बे समय तक राज किया करीब 14 करोड़ साल तक पृथ्वी पर इन दैत्याकार जीवो का राज था , परन्तु उसके बाद क्या हुआ आखिर ये दिअनासौर कहा विलुप्त हो गए , आखिर वो कोन सी घटना थी जिसने इनका नामो निसान मिटा दिया इसे जानने के लिए हमे समय में एक बार फिर से पीछे जाना होगा तो आइये चलते है आज से लगभग  6.5  करोड़ साल पहले
आज से करीब 6.5 करोड़ साल पहले धरती का मौसम काफी सुहाना था चारो तरफ पेड़ पौधे ,सूरज की धुप , समुन्द्र से आती ठंडी ठंडी हवाए और ये डायनासोरों , परन्तु यह डायनासोरों से आलावा एक और प्रजाति थी जो आकर में बहुत छोटा था जो आज के चूहे जैसा दिकता था , असल मायने में ये ही हमारे यानि इंसानो के प्राचीन पूर्वज थे और आगे चलकर हम इंसान इंसान इन्ही से विकिसित हुए ,


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ये थे मेमल्स यानि स्तनधारी जीव , आपकी जानकारी के लिए बता दे की डायनासोरों अंडे देते थे लेकिन मेमल्स अंडे नहीं देते थे हम इंसान भी एक प्रकार के ममेलस है , मेमल्स डायनासोरों के डर से जमीन के अंदर बिलो में छुपकर रहते थे और इनकी यही खासियत इनके लिए वरदान बनने वाला था ,
जब ये सारे जीव धरती में अपना जीवन बिता रहे थे उस वक़्त एक 10 किमी के diametre  वाला एक एस्ट्रीयड यानि छोटा तारा सीधे धरती की और बढ़ रहा था , जैसे ही यह तारा धरती के ग्रेविटेशनल एरिया में आया तो इसका रफ़्तार और ज्यादा तेज हो गया और यह हर सेकंड धरती के करीब बढ़ता जा रहा था और करीब सत्तर हज़ार किमी प्रति घंटे की रफ़्तार से यह धरती के वायुमंडल में प्रवेश करता है ,
धरती के वायुमंडल में पहुंचते ही घरसन की वजह से ये एक आग के गोले में बदल गया , इसकी चमक इतनी थी की इसके 800 किमी के रेडियस में आने वाले सभी जीव पूरी तरह से अंधे हो चुके थे , ये जीव उसे देख नहीं प् रहे थे लेकिन महसूस कर रहे थे ,

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इसके बाद यह छोटा तारा जमीन से टकराता है और एक  बहुत ही भयंकर  विस्फोट होता है ये विस्फोट इतना शक्ति साली था की इसके टकराते ही पृथ्वी की लाखो मीट्रिक टन धातु अंतरिक्ष में चला गया , विस्फोट की जगह पर एक 180 किमी छोड़ा और 20 किमी गहरा गड्ढा बन गया इस गड्ढे के सारा मेटल और धूल ने आसमान में एक बड़े बदल का निर्माण किया , इतने बड़ी टककर की वजह से भूकंप की लहरे पृथ्वी के गर्भ में कई किलोमीटर अंदर तक चली गयी , इस वजह से समुन्द्र में विशालकाय लहरों का निर्माण हुआ और एक के  बाद एक सुनामी की लहरे चारो तरफ बढ़ने लगी , धरती के महाविनाश की प्रकिर्या का आरम्भ हो चूका था इस विस्फोट में रेडिएशन की मात्रा इतनी बाद गयी की इसके 800 किलोमीटर के दायरे में आने वाले सभी जीव जलकर राख बन गए ,
बIदलो के अंदर मौजूद सारा जल इस गर्मी के कारन भाप में बदल गया , इस महाविनाश में उड़ने वाले जीव इन जमीनी खतरों से बच गए
लेकिन ये तो बस महाप्रलय की शुरुवात थी , विस्फोट की वजह से जो लाखो मीट्रिक टन धूल और पत्थर अंतरिक्ष में गया था ठीक 40 मिनट बाद वो भी आग के गोले की रूप में धरती पर बरसने लगे  , साथ ही धूल का एक बहुत बड़ा तूफान बीस हज़ार किलोमीटर प्रति घंटे की रफ़्तार से धरती पर मोत लेकर आ रहा था ये धूल के बदल कई किलोमीटर मोटे थे , जिसकी वजह से धरती पर सूरज की रौशनी का पहुंच पाना असंभव  हो गया था , के सालो तक सूरज की रौशनी धरती पर पहुंच ही नहीं पायी और इसके अभाव में डर्टी पर लगभग सारे पेड़ पौधे सुख गए , रेट के इस बदल ने धरती को चारो तरफ से धक् लिया था विस्फोट के 90 मिनट बाद धरती का तापमान 150 डिग्री सेल्सियस तक पहुच गया इसकी वजह से जो डायनासोरों विस्फोट की जगह से बहुत दूर थे वे भी इस गर्मी से बच नहीं पाए , इस महा प्रलय में धरती की कुल 75 प्रतिशत आबादी समाप्त हो गयी थी लेकिन ये महाप्रलय किसी के लिए वरदान साबित होने वाला था डायनासोरों का अंत नै प्रजाति के लिए सुनहरा अवसर था,  मेमल्स इन्होने खुद को इस महाविनाश से बचा लिया था , अत्यंत गर्मी से बचने के लिए ये जमीं के अंदर रहने लगे और जिन्दा रहने के लिए उसने सबकुछ खाना शुरू कर दिया , इन डीआयनोसौर्स के अवशेष आगे चलकर हमे भविष्य में आगे चलकर मिलने वाले थे जिससे आज हम इनके अस्तित्व का पता लगा सकते है ,

The Day The Dinosaurs Died, Told In Horrifying New Detail
महाप्रलय के कुछ लाख साल बाद अब धरती डायनासौर से पूरी तरह मुक्त हो चुकी थी  , और अब धरती पर एक नई शुरुवात की प्रकिर्या चल रही थी , इस नई दुनिया में हमारे प्राचीन पूर्वज समय के साथ साथ विकसित हो रहे थे अब ये आकर में पहले से काफी बड़े हो चुके थे परन्तु ये अब भी हमारी तरह बिलकुल नहीं लग रहे थे क्योकि इन्हे आगे चलकर अन्य कई प्रजातियों में विकसित होना था ,
आज से लगभग 4.7 करोड़ साल पहले अब धरती का वातावरण लगभग आज की तरह बन चूका था , इस वक़्त धरती का तापमान लगभग 24 डिग्री सेल्सियस था और धरती का एक दिन करीब करीब 24 घंटे का होता था , इस वक़्त धरती के सारे महाद्वीप जाने पहचाने थे , केवल एक नए भूभाग की रचना बाकि रह गयी थी ,
तभी धरती के टेकटोनिक प्लेट्स में एक बार फिर से हलचल हुयी जो धरती के दो बड़े बड़े दुविपो को पास पास ला रही थी , ये वही भूभाग है जहा आज इस पोस्ट को पढ़ रहे है , यानि के भारत जो एशिया महाद्वीप की और तेजी से बढ़ रहा था , इन दोनों द्वीपों के आपस में टकराने की वजह से एक नए भू श्रृंखला का निर्माण हुआ और एक नई पर्वत श्रृंखला जिसे आज हम हिमालय के नाम से जानते है और साथ ही साथ दुनिया की सबसे उच्ची  चोटी माउन्ट एवरेस्ट , इस पर्वत श्रृंखला में गिरने वाला बर्फ आगे चलकर कई नदियों का निर्माण करने वाला था , जो भविष्य में दुनिया की लगभग आधी आबादी को पिने का पानी मुहैया करने वाली थी , लेकिन यह धरती पर अब भी कुछ कमी रह गयी थी , धरती पर कोई प्रजाति अब भी दिखाई नहीं देती थी और वे थे हम मनुष्य , लेकिन अब परिस्थितया अब बदलने वाली थी आज से करीब 40 लाख साल पहले अफ्रीका के पूर्वी इलाके में एक नए पर्वत श्रृंख्ला का निर्माण हुआ इस ईस्ट अफ्रीकन रिस्ट वल्ली कहा गया ,
ये पर्वत यह आने वाली हवाओ के लिए एक  अवरोध बन गया था और इसी वजह से यहाँ के जंगलो में बारिश आनी बंध हो गयी ,


55+ Wild Animal (जंगली जानवर) Name In English-Hindi with ...
यही इस जंगल में एक अलग प्रजाति रहती थी जो की पेड़ो के ऊपर रहती थी , यह उन्हें खाने की कोई कमी नहीं होती थी इसलिए वो हमेसा पेड़ो के ऊपर रहते थे , लेकिन अब यहाँ समय के साथ साथ सूखा पड़ने लगा इस वजह से यह के सारे पेड़ साफ हो गए और लंगूर जैसी दिखने वाली इस प्रजाति को अब खाने की दिक्कत होने लगी , और अब इन्होने पेड़ो से निचे उतरने का फैसला किया , ये थे ARDIPITHECUS  RAMIDUS ये ही हमारे पूर्वज थे , जिन्होंने एक बहुत बड़ा निर्णय लिया था जिनका दीमक एक संतरे जितना बड़ा था और आकर में ये सिर्फ 4 फिट तक के लम्बे थे , कई हज़ार सालो के विकास के बाद हमारे पूर्वज अब दो पेरो पर चलने लगे , इससे ऊर्जा काम ख़तम होती थी और ये चलते हुए भी खा सकते थे और इनका दिमाक भी तेजी से बढ़ रहा था ये धीरे धीरे होसियार बन रहे थे , समय के साथ साथ विकास की प्रकिर्या चल रही थी , समय के साथ साथ इन्होने पत्थरो से हथियार बनाना सीख लिया , और अब इनके लिए शिकार करना काफी आसान हो गया था , और समय के साथ साथ हमारे पूर्वजो ने आग को काबू करना सीख लिया , आग की खोज हमारे पूर्वजो की सबसे बड़ी खोज थी , ये उन्हें गर्मी रौशनी और अंधेरो में सुरक्षा देती ही , और  इसी वजह से अब साथ साथ रहने लगे थे और परिवार भी बनने लगा था , इससे वे सुरक्षित रहते थे , आग में पके मास को चबाने में कम ऊर्जा ख़तम होती थी और इसी वजह से ये ऊर्जा अब इनके दिमाक में ख़तम होने लगी , हमारे पूर्वजो का दिमाक अब काफी बड़ा हो चूका था , ये थे होमोइरेक्टस , हमारे पूर्वज जो अन्य जानवरो से ज्यादा होसियार थे और मिलजुल कर रहने वाले पहले जीव थे , इन्होने अपने सन्देश को एक दूसरे तक पहुंचने के लिए अलग अलग आवाज़े निकालनी शुरू की , इसी से हमारे पूर्वजो ने अलग अलग भाषा का निर्माण किया जिसके जरिये हम आपस में बातचीत कर सकते थे , और यही वो आखरी विकास कर्म था जिसके बाद हम यानि मनुष्य बने ,
आज से करीब २ लाख साल पहले कई सालो के विकास के बाद हमारा अस्तित्व शुरू हुआ होमो सेपियंस धरती के सबसे बुद्धिमान जीव , हमारे पास धरती पर उपस्तिथ जीवो में सबसे ज्याद दिमाक था
हमारे पास औज़ार थे , भाषा थी और सबसे बड़ी बात हमारे पास दिमाक था ,
दोस्तों अब से कुछ सेकंड या मिनट पहले हमने 4.5 अरब सालो का सफर तय किया
आओ अब लौट चलते है अपनी आज की दुनिया में जहा में हूँ , आप है , हम सब कही न कही एक दूसरे से जुड़े हुए है
जैसे में आप से जुड़ा हुआ हूँ इन्ही रोचक जानकारियों के जरिये ,
तो दोस्तों अगर आपको ये जानकारी अच्छी लगी है तो हमारी इस पोस्ट को LIKE और शेयर कीजिए

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पृथ्वी में जीवन की शुरुवात कैसे हुई थी ? जानकर हैरान हो जाओगे | How life Began on Earth ?

हम आज कितने आधुनिक बन चुके है , हम धरती के बहार जा सकते है अंतरिक्ष में करोड़ो प्रकाश वर्ष दूर तक देख सकते है , हमारे पास विज्ञानं है जो हमे हमारे प्रश्नो के उत्तर देता है , वैज्ञानिक डेटा के आधार पर हमने हमारे अस्तित्व का भी बहुत हद तक सही सही अनुमान लगा लिया है , 
पृथ्वी जो हमारा घर है जहां हम रहते है , जिसने कई करोड़ सालो से जीवन को अपने अंदर आश्रय दिया है , और आज भी डेटा आ रहा है 
वैज्ञानिको  के अनुसार पृथ्वी पर जीवो की करीब 8700000 प्रजातियां रहती है जिसमे से केवल  15 प्रतिशत प्रजातियों को ही हमने आज तक खोजा है ,
लेकिन आख़िरकार ये सारे जानवर आये कहां से थे आख़िरकार धरती पर जीवन की शुरवात हुयी कैसे थी 
, इसे जानने के लिए हमें बहुत समय पीछे जाना होगा उस समय पर जब धरी अपनी शुरवाती अवस्था में थी 
तो आइये चलते है आज से करीब 456 करोड़ यानि करीब 4.5 अरब साल पहले 

The new physics needed to probe the origins of life
आज से करीब 4.5 अरब साल पहले चट्टान का एक बहुत बड़ा गोला एक एक बेनाम टारे का चक्कर लगा रहा था , इसका सतह पिघले हुवे लावा से बना था , और इस पर जीवन का दूर दूर तक कोई नामो निशान नहीं था , इस वक़्त पृथ्वी पर लगातार छोटे छोटे चट्टानों की बरसात हो रही थी काफी लम्बे समय तक यह प्रकिर्य चलती रही इसके बाद चट्टान के इस गोले ने धीरे धीरे एक विशाल गृह का रूप ले लिया , साथ ही इस गृह का अपना चाँद भी बना , दोस्तों ये वही गृह है जहा आज हम सब रहते है यानि हमारी पृथ्वी , इस वक़्त पर पृथ्वी का तापमान बहुत ही अधिक था काफी लम्बे समय के बाद हमारे इस गृह का तापमान ठंडा हुआ और उसके बाद इस पर एक ठोस सतह का निर्माण हुआ , करीब 3.9 अरब साल पहले इसने फिर से आग के गोलों की बारिश का सामना किया जिसे हम कहते है THE  LATE HEAVY  BOMBARDMENT , और इस वक़्त धरती पर केवल छोटे चट्टान ही नहीं बल्कि इसके साथ साथ उल्का पिंडो की भी बारिश हो रही थी 

But, But, But...We Thought the Origin-of-Life Mystery Was All But ...
प्रतिदिन कई हज़ारो की संख्या में उल्का पिंड धरती पर बरस रहे थे , 
ये उल्का पिंड अपने साथ कुछ बहुत ही खाश  लेकर आये थे इनके अंदर जमे हुए बर्फ के क्रिस्टल थे जिनसे हमारी धरती पर समुन्द्रो का निर्माण हुआ , और साथ ही धरती के वातावरण में नाइट्रोज़न गैस भी लेकर आया , पर धरती अभी भी बेजान था यह जीवन के लिए अभी भी उपयुक्त नहीं था , धरती का वातावरण अभी भी पूरी तरह से जहरीली गैसों से भरा हुआ था अभी तक यह ऑक्सीज़न नाम की कोई गैस थी ही नहीं जिससे जीवन शुरू हो सके , और धरती  भी चारो तरफ से पानी से घिरा हुआ था , 
इसके बाद करीब 3.8 अरब साल पहले हमारी धरती में एक बार फिर से हमारी धरती में उल्का पिंडो की बारिश शुरू हुई पर अबकी बार ये पिंड अपने साथ केवल पानी ही नहीं बल्कि कुछ बहुत अनमोल लेकर आये इस बार ये अपने साथ खनिज यानि मिनरल्स लेकर आये , साथ ही इन्होने कार्बन , प्रोटीन , और एमिनो एसिड का भी अंतरिक्ष से लेकर समुद्र तक परिवहन किया , परन्तु समुन्द्र की गहराई में तापमान बहुत कम था यह सूरज की रौशनी पहोच ही नहीं पाती थी , लेकिन यह समुन्द्र की गहराइयों में भी छोटे छोटे चिमनिया थी जो समुन्द्र की गहराइयों में भी पानी को गरम रखे हुए थे और यही पर जीवन का पहला बीज पनपा , आज तक ये कोई नहीं जनता की ऐसा कैसे हुआ , 
Inosine could be a potential route to the first RNA and the origin ...

लेकिन किसी प्रकार से यही पर उन सारे तत्वों ने मिलकर जीवन का बीज बोया , और यह जन्म हुआ पहले एक कोशिकीय जीवो का , ये एक प्रकार के बक्टेरिया थे , ये बक्टेरिया समुन्द्र में बहुत तेजी से बढ़ने लगे और धीरे धीरे समुन्द्र का पूरा पानी इन एक कोशिकीय जीवो से भर गया था कई करोड़ साल बाद समुन्द्र में इन बक्टेरिया की संख्या इतनी बढ़ गयी थी की ये आपस में जुड़कर एक प्रकार के पथरो जैसी सरचना में बदल गए थे और इनका नाम था STROMATOLITES ये एक एक चट्टान अपने आप में बक्टेरियो की पूरी बस्ती थी , ये बक्टेरिया सूरज की रौशनी को भोजन में बदलते थे ,और आज इसी प्रकिर्या को हम प्रकाश संश्लेषण के नाम से जानते है , इसी प्रकिर्या में ये एक उत्पाद को निकलते थे जो की एक गैस थी और इसी का नाम  था ऑक्सीजन ,
इन सूक्षम जीवो ने धरती पर एक सबसे अनमोल चीज़ का निर्माण किया जो धरती पर  जीवन को पनपने के लिए सबसे ज्यादा महत्वपूर्ण था , करीब 2 अरब सालो तक पृथ्वी पर ऑक्सीज़न की मात्रा बढ़ती रही , आज से करीब १.५ अरब साल पहले धरती पर अब भी किसी तरह की काम्प्लेक्स लाइट विकिसित नहीं हुआ था और न ही धरती पर इतने बड़े बड़े महाद्वीप थे , धरती पर केवल छोटे छोटे द्वीप थे जो चारो तरफ से पानी से घिरे थे मगर अब धरती के गर्भ में हलचल होने लगी थी इससे धरती की सतह कई सारे टेक्टोनिक्स में टूट गयी , फिर इन प्लेट्स में मूवमेंट्स के कारन ये सारे द्वीप आपस में जुड़ गए  और एक सुपर कांटिनेंट का निर्माण किया जिसका नाम था RODINIA 
Latest Acts in the Origin-of-Life Circus | Evolution News
इस वक़्त धरती का तापमान 30 डिग्री सेल्सियस था , और धरती का एक दिन 18 घंटो का होता था , लेकिन समय के साथ साथ परिस्थितिया बदलने लगी थी , आज से करीब 75 करोड़ साल पहले धरती की रुपरेखा बदल रही थी अब धरती का सुपर कांटिनेंट दो भागो में टूट गया और धरती के नीचे का लावा ज्वालामुखी विस्फोट के साथ धरती की सतह पर निकलने लगा , इन विष्फोटो के कारन धरती पर कार्बन डाइऑक्सइड की मात्रा काफी बढ़ गयी अब धरती का आसमान कार्बन डाइऑक्साइड के इन काले बदलो से घिर चूका था , इन बादलो से लगातार अमलीय वर्षा यानि एसिड रेन होने लगी इससे धरती पर उपस्थित कार्बन डाइऑक्साइड ,धरती की सतह पर मोटी परतो के रूप में जमा होने लगा इससे धरती पर कार्बन डाइऑक्साइड की भारी कमी हो गयी , और अब धरती का वायुमंडल सूरज की गर्मी को रोकने के काबिल नहीं रह सका, इससे धरती का तापमान बहुत ही तेजी से कम होने लगा , और धरती पर पहले आइस सेज की शरुवात हुई , यह अब तक का सबसे बड़ा आई सेज था , लेकिन ये भी पहले की चीज़ो की तरह नहीं रहने वाला था , समय के साथ साथ वायुमंडल में कार्बन डाइऑक्साइड की मात्रा फिर से बढ़ने लगी जिसके साथ साथ पृथ्वी का तापमान फिर से बढ़ने लगा इससे धरती पर जमा बर्फ धीरे धीरे पिघलने लगा जिसके कारण धरती फिर से सामान्य रूप में आने लगी , आज से करीब 54 करोड़ साल पहले पृथ्वी का सारा बर्फ  melt ho गया था , इस वक़्त समुन्द्र के अंदर जाने पर हमे एक नई दुनिया दिखने को मिलती है, ऑक्सीज़न की उपलब्ता में अब वे एक कोशिक्या जीव कई अन्य रूपों में विकिसित हो चुके थे , यहां छोटे छोटे समुंद्री पौधे , छोटे छोटे समुंद्री जीव और साथ ही साथ एक दैत्याकार समुंद्री जीव ANOMALOCARIS भी उपस्थित था , ये सभी जीव एक कोशिकीय सूक्षम जीव से विकिसित हुए थे , 
साथ ही साथ एक छोटा 5 सेंटीमीटर का एक जीव उपस्थित था जिसका नाम था पिकया   जिसने अपने शरीर में बाकि जीवो से कुछ अलग विकिसित कर लिया था जो आगे चलकर हमारे शरीर का एक अहम् हिस्शा है , जी हाँ इस जीव के अंदर रिड की हड्डी विकिसित हो चुकी थी  ,  

आज से करीब 46 करोड़ साल पहले अब धरती कुछ जनि पहचानी हो गयी थी धरती का सुपर कांटिनेंट और भी कई भागो में बात गया था लेकिन अभी भी धरती पर रहने वाले जीव दिखाई नहीं देते थे , और अभी तक धरती की सतह पर पेड़ पौधे भी नहीं उगे थे ,
Did Dinosaurs Really Have Feathers? | Britannica

पर ऐसा क्यों था दरसल ऐसा सूरज की तरफ से आने वाली अल्ट्रावायलेट किरणों के कारण हो रहा था , पर अब धरती के वायुमंडल में एक नई परत का निर्माण हो रहा था जिसे आज हम ओजोन लेयर के नाम से जानते है , वायुमंडल के ऑक्सीज़न सूरज की अल्ट्रावायलेट किरणों को सोखकर ओजोन गैस में बदलने लगे थे , इसने धरती के चारो और एक चादर का निर्माण किया जो आज बी हमे सूरज की अल्ट्रावायलेट रेडिएशन से आज भी बचाता है , इसके कारण अब धरती की सतह पर छोटे छोटे सवाल पनपने लगे और ये ही धरती के पहले जीव थे , 
इसके साथ साथ कुछ अजीब होने लगा समुन्द्र में रहने वाली मछली ने पानी से बहार आने का निर्णय किया और समय के साथ साथ यह धीरे धीरे ज्यादा देर तक पानी से बहार और धरती पर रहने लगी , करीब १.५ करोड़ सालो में ये जानवर बहुत कुछ विकिसित हो चूका था और अब ये पूरी तरह से जमीन पर रह सकते थे , और इन्हे TETRAPODES  कहा जाता था , 
आज से करीब ३६ करोड़ साल पहले ये TETRAPODS पूरी तरह से विकिसित हो  गए थे और अब ये पूरी तरह से जमीन पर रहने के काबिल हो चुके थे , आपको बता दे ये ही वो जीव थे जो आगे चलकर dinosour Birds , ममेलस, एनिमल्स और कई तरह के जीवो में परिवर्तित हुए ,और अंत में इंसानो के रूप में विकिसित होने वाले थे यहां से एक नई प्रजाति की शुरुवात हुई , 

English Origin Of Life In Universe
लेकिन अब धरती का बुरा वक़्त शुरू होने वाला था , समय के साथ साथ जीवो का विकाश जारी रहा और साथ ही धरती का वातावरण भी बहुत तेजी से बदल रहा था और एक बार फिर से ज्वालामुखी विस्फोट के कारण धरती का तापमान बहुत ज्यादा बढ़ गया , 
इससे धरती पर अकाल पढ़ गया इस अकाल में सरे पेड़ सुख गए और धरती पर उपस्थित जीवो की 95  प्रतिशत आबादी इस ज्वालामुखी में ख़तम हो गयी , इस अकाल में कुछ ही जीव जिन्दा रह पाए जिन्होंने जिन्दा रहने के लिए कुछ भी खाना शुरू कर दिया , साथ साथ ये जीव गर्मी से बचने के लिए धरती के अंदर रहने लगे , पर समय के साथ साथ फिर से परिस्थिति में सुधार आया और धरती का वातावरण फिर से ठीक होने लगा जिसके साथ साथ धरती पर एक बार फिर से पेड़ पौधे उगने लगे ,
आज से करीब 20 करोड़ साल पहले ज्वालामुखी विस्फोट से नए भूभागों का निर्माण हुआ , जिन्होंने आपस में मिलकर एक सुपर कांटिनेंट का निर्माण किया जिसका नाम था PENGEA , अब धरती अंतरिक्ष से काफी हद तक ऐसी ही दिखाई देती थी जैसे आज दिखाई  देती है , इतने बड़े अकाल से गुजरने के बाद अब धरती सामान्य हो गयी जिससे धरती पर बचे 5 प्रतिशत जीव अब विकिसित हो गए और एक बिलकुल नई प्रजाति का जन्म हुआ जो आने वाले समय पर धरती पार अपना राज चलाने वाले थे और इनका नाम था डायनासोर्स , डायनासोर्स उन्ही 5 प्रतिशत जीवो के विकिसित हुए थे जो उस अकाल में खुद को किसी प्रकार बचा पाए थे ,
डायनासोर्स की भी कई प्रजाति थी कुछ शाकाहारी थे तो कुछ मासाहारी थे , कुछ डायनासोर्स बहुत ही शांत सवभाव के थे तो कुछ बहुत ही हिंसक थे , डायनासोर्स ने भी काफी लम्बे समय तक धरती पर राज किया , और करीब 11 करोड़ साल तक ये धरती पर फले फुले थे 
पर इसके बाद क्या हुआ सारे डायनासोर्स कहा गए और इंसान कहा से आये ये हम आपको अगली पोस्ट में बताएंगे अगर आपको ये जानना है तो आप हमे कमेंट करे हम आपको जल्दी ही दूसरी पोस्ट प्रदान करंगे 





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