बच्चों में अश्लीलता कैसे पनप जाती है?
काफी समय पुरानी बात है, उस दिनों मैं 5th class में था।
मेरा घर सड़क से लगा हुआ था, रात का समय था। मैं अपने पापा को देखने घर से बाहर निकला और वहाँ मैंने दो अंजान बन्दों को देखा, उसमें से एक बन्दे के पास Sigmatel Company का Touch Screen Phone था। उस समय वह Phone हमारे शहर में नया-नया आया था।
उस बन्दे ने मेरी ओर देखा और मुझे बुलाया।
मैं उसके पास गया, उसने मुझे कहा,
"मैं तुम्हें कुछ दिखाऊँगा, पर तुम्हें वादा करना होगा कि, तुम उसके बारे में किसी को नहीं बताओगे।"
मैंने हँसते हुए वादा कर दिया।
"ठीक है, मैं किसी को नहीं बताऊँगा।"
और फिर उसने मुझे अपने Phone की Gallery Open कर नग्न महिलाओं की तस्वीरें दिखाई और ऐसी बातें कहीं, जिन्हें देखने और सुनने के पहले मुझे बहरा और अंधा हो जाना चाहिए था।
5th class के छोटे बच्चों को Porn दिखाना सही है?
वे दो व्यक्ति जिन्होंने ऐसा किया, उनकी सोच कितनी गिरी होगी और वे जब भी पिता बनेंगे, अपने बच्चों को क्या यहीं शिक्षा देंगे? हम यह जानते ही हैं कि, आनुवांशिकता के कारण माता-पिता से उनके कई गुण बच्चों में जाते हैं, तो क्या ऐसा हो सकता है कि, उनके बच्चे अश्लीलता की ओर अपने पिता के मुकाबले अधिक तेजी से बढ़े?
आज कल हर किसी के पास Smartphone है, और सभी को Pop Up के बारे में मालूम होगा। Internet पर कई ऐसी websites हैं, (जैसे Movie downloading sites) जो Popups के जरिए Porn Sites पर भेज देती हैं। अब चाहे जो व्यक्ति (चाहे वह बच्चा क्यों न हो) जो अश्लीलता जानता भी न हो, वह भी अश्लीलता से अनछुआ नहीं रह जाता।
मेलों में मिलने वाली कुछ सस्ती किताबों में भी आपत्तिजनक advertisement होती है। कई शहरों में खासकर जब आप Train या Bus से सफर करते हैं तो आपको दीवारों में Sex और गुप्त रोग आदि नाम पढ़ने मिल जाते हैं। जो बच्चे ज्यादा चतुर होते हैं, वे इन शब्दों का मतलब पता करने की खोज में निकल पड़ते हैं।
मैं करीब 4th class से newspapers पढ़ते आ रहा हूँ, और ऐसा कोई दिन नहीं रहा, जब मैंने यह पाया हो कि, आज Newspaper में सेक्स सम्बंधित दवाओं के विज्ञापन नहीं हैं। मैं ने अपने घर के बिल्कुल ही आसपास जापानी तेल का विज्ञापन लिखा देखा है। कई बार family से साथ TV देखने के दौरान Condom के advertisement देखे हैं।
मैं एक ऐसे बच्चे को भी जानता हूँ जो फिलहाल 8th class में पढ़ रहा है, जब वह 6th class के exams के बाद छुट्टियों में अपने मामा के घर गया, तो वहाँ उसने अपने Cousins के साथ Porn Videos से अनन्त ज्ञान हासिल किया, कई तरह की गंदी बातों से अपने मन को मैला किया, जिसने उसकी गन्दी आदतों को भी पोषित किया।
मेरे एक दोस्त ने यह कबूल किया था कि वह 7th class से masturbation करते आ रहा है। उसने अपने दोस्तों के साथ Govt. school में Porn से सम्बंधित बातें की थी और शायद उन्हीं के साथ पहली बार Porn Videoes देखी थी।
हर बच्चा Rape, बलात्कार, छेड़खानी, लड़की से जबर्दस्ती करना, प्रताड़ित करने, आदि चीजों से वाकिफ है, हमें लगता है कि, वह नादान है, कुछ नहीं समझता, और ऐसा समझना हमारी नादानी, ह्मारी वेबकूफ़ी का परिचय देता है, अपने बच्चों से इस मुद्दे पर खुलकर चर्चा करें, उसे सबकुछ समझायें, चीजों को देखने का सही नजरिया दिखाएँ।
बच्चों में अश्लीलता फैलने के लिए मैं मुख्य दोषी समाज के लोगों को ही मानता हूँ। माँ-बाप और समाज बच्चों के प्रति उदासीन होते हैं और प्रकृति द्वारा बनाये उस नियम के बारे में ही बात करने से डरते हैं, जिसके कारण ही प्रत्येक जीव जन्म लेता है।
मेरे एक शिक्षक ने जैसा कहा था कि, अधूरा ज्ञान विष समान होता है, वर्तमान में Sex सम्बंधित अधूरा ज्ञान ही युवा पीढ़ी और आने वाली पीढ़ी के लिए विष की भांति काम कर रहा है, औए इसलिए यह बेहद जरूरी है कि, हम उन्हें सही शिक्षा देकर अपने कर्तव्य का पालन करें। उन्हें भटकने से रोकें, उन्हें उन्नति की ओर ले जाएं।
यह 2014 कि बात होगी, जब मेरे भाई ने जब नई-नई Mobile shop open की थी तो, कभी कभी मैं भी Shop पर बैठ जाया करता था। मैंने Memory Cards बेचें और उनमें Songs और Photos upload करने के दौरान मैंने एक बात जो जानी, पहले नए Memory Cards पहले से ही Photos और Music से भरे होते थे। Songs में कुछ पुराने और कुछ नए songs होते थे और Photos में कुछ Actress और कुछ देवी-देवताओं की Photos होती थी। उन दिनों शहर में शायद ही ऐसा कोई मध्यम या गरीब वर्ग का व्यक्ति होगा, जिसके Phone में blouse दिखाने वाली, कामुक कहलाई जाने वाली Actresses या अन्य महिलाओं की Photo न हो।
कई व्यक्ति उन्हीं तस्वीरों को अपने Phone का wallpaper बनाये होते हैं, और यह स्पष्ट नजर आता है कि, उन्हें इस बात से जरा भी फर्क नहीं पड़ता होगा कि, उन तस्वीरों से उनके बच्चों पर किस तरह का प्रभाव पड़ता होगा।
कई घरों में अनपढ़ लोगों को तो बच्चे बड़ी आसानी से बेवकूफ बना देते हैं, किसी भी बहाने से Memory Cards में Porn Videos Downlaod कराने और internet के लिए पैसे ले लेते हैं, अपनी मनमर्जी पूरी करा लेते हैं और फिर नाममात्र की खुशी के लिए अपना जीवन बर्बाद करते हैं।
मैंने कई लड़कों को जिनकी उम्र 14 साल भी नहीं होगी, उन्हें सड़क किनारे दोस्तों के साथ बैठकर keypad phone में Porn देखते हुए देखा है।
दूसरी घटना 2018 की होगी। मैं एक library में गया था। वहाँ पर कुछ Convent schools के बच्चे भी थे, जिनमें से दो 9th और 7th के होंगे। मैंने एक table पर book रखी देखी, उसका title मुझे उसकी और खींच ले गया।
उस किताब का title था, Why Men Want Sex And Women Need Love, मैं इस title को पढ़कर सोच में पड़ गया, मैंने सोचा, अगर यहीं सच्चाई है, तो ऐसा क्यों है और एक लड़का होने के नाते और सवाल का जवाब जानने मैंने उस किताब को उठाया और पढ़ना शुरू कर दिया और तब 9th class के बच्चे ने उस किताब को मेरे हाथ में देखा, शायद मुझसे पहले भी उसकी नजर उस किताब पर पड़ी होगी, और उसने 7th class के बच्चे को अपने पास बुलाकर उसके कान में कुछ कहा। वह बच्चा मेरे पास आया, मुझसे Excuse me! बोलकर उस किताब का front page देखा और बजाए पूरे Title को पढ़ने के उसने सिर्फ एक शब्द Sex पड़ा और शैतानी हँसी सी हँसते हुए वहाँ से चला गया।
आप सभी समझ सकते हैं, उस दौरान उसके दिमाग में क्या चल रहा होगा?
यहाँ पर ध्यान देने वाली बात यह है कि, 9th class के लड़के ने अपने बड़े और समझदार होने का कोई परिचय नहीं दिखाया, पर साथ ही जो उसके दिमाग में भरा था, वहीं उसने 7th के student के दिमाग में भरने की कोशिश की।
इसके अलावा, मुझे सबसे बड़ा दुःख तब हुआ, जब मैंने लगभग 8 साल के बच्चे को खुशी से Bra-Panty के Box में बनी महिला की photo को शहर भर में घूम-घूम कर लोगों को दिखाते हुए देखा।
आज के समय जिस तरह की Movies release हो रही हैं, वे छोटे बच्चों की पहुँच से दूर रखी जानी चाहिए। आज की फिल्मों में अश्लीलता और अपशब्दों की भरमार है, फिल्मों में पहले तो ऐसे नृत्य दिखाए जाते थे, जिन्हें लड़के-लड़की खुशी से copy करने की कोशिश करते थे, पर आजकल तो dance में भी अश्लीलता कूट-कूट कर भरी हुई है। ऐसे जिन्हें आप बच्चों को copy करते देख बिल्कुल भी देखना नहीं चाहेंगे।
बच्चों को Sex Education न मिलना भी अश्लीलता पनपने की सबसे बड़ी समस्या है, क्योंकि, अगर हम Sex और उससे जुड़े शब्दों के सही मायने बच्चों को समझा दें, तो वे उनका गलत मतलब नहीं निकालेंगे।