WHY , KYO , KYUN PART 1

आपके जीवन में हर समय कोई न कोई कार्य कलाप चलता ही रहता है , जिसमे अनेक कार्य ऐसे होते है की हम अपने पूर्वजो के सिखाये अनुसार करते है , किन्तु क्यों करते है इसका उत्तर शायद ही किसी को बलि भाति मालूम हो , इसी क्यों को ध्यान में रखते हुए हमने ये पोस्ट और खुश आगे की पोस्ट लिखी है जिसमे आपको आपके इस क्यों का उत्तर मिल जाएगा , इनमे आपको धार्मिक और वैज्ञानिक दोनों तरह के सवालों के उत्तर दिए जाएंगे ,

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इन पोस्टो में आपको पता लगेगा की हिन्दू धर्म में जो मान्यताए है उनके पीछे कोई वैज्ञानिक तर्क भी है या उन्हें हमारे ऋषि मुनियो ने उन्हें यूँ ही बना दिया है ,
चलिए हम सब ये अनेक क्यों के उत्तर एक एक करके आपको बता देते है ,

सबसे पहले सवाल और हम सबका क्यों होता है की
क्यों होता है गंगाजल पवित्र ?

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गंगा को  देवताओ की नदी कहते है , इसके जल में कभी कीड़े नहीं पड़ते , इसका उद्गम स्थल गोमुख है , जिस कारन इसको पवित्र मन जाता है ,

द्विज का क्या अर्थ होता है , ब्राह्मण को द्विज क्यों कहा जाता है ?
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जिसका दो बार जन्म होता है उसे द्विज कहा जाता है , ब्राह्मण का प्रथम जन्म माता की गर्भ  से और दूसरी बार यज्ञोपवीत संस्कार , यानि जनेऊ धारण करना उसका दूसरा जन्म कहा जाता है ,

कुश को धारण करने का वैज्ञानिक पक्ष क्या है ?

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कुश नॉन कंडक्टर होता है , इसलिए पूजा , पाठ, यग , आदि करते समय कुश का आसान बिछाते है और पवित्री स्वरुप हाथ की उंगली में धारण  करते है जिसमे बार बार हाथ को  इधर उधर करने से अगर जमीन स्पर्श हो अन्यथा संचित शक्ति अर्थ होकर पृथ्वी में चली जाएगी , अगर भूलवश हाथ पृथ्वी पर पड़ भी जाए तो भूमि में कुश का स्पर्श होगा ,

क्या ब्राह्मण ही दान लेने के योग्य है , अन्य वर्ग या जातीय नहीं , यदि नहीं तो क्यों ,?
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क्योकि दान सत्पात्र सुपात्र को दिया जाता है , वेद आदि समृतियों के अनुसार मनुष्य में ब्राह्मण सर्वश्रेष्ठ होता है , क्योकि ब्राह्मण सदैव गायत्री जप से प्रायश्चित कर्म करते रहते है , इसीलिए ब्राहण ही दान लेने के योग्य माना गया है ,      

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