दुनिया के ५ ऐसे जहाज जिन पर अब कोई नहीं बचा लेकिन ये वर्षो से समुन्दर में चल रहे है , आखिर कैसे ?
दोस्तों हर शिप यानि पानी के जहाज को बनाने के 2, 3 कारण होते है , सबसे पहले और बड़ा कारण होता है मॉल ढ़ोने के लिए , दूसरा कारण है अपने देश की समुंद्री सीमाओं की रक्षा के लिए या फिर यात्रियों के मनोरंजन के लिए बनाया जाता है ,
लेकिन क्या आपको पता है की इस दुनिया में ऐसे भी ship मौजूद है जिन पर आज ना कोई सैनिक है , ना कोई मॉल है और ना ही कोई यात्री है लेकिन ये शिप वर्षो से ऐसे ही समुन्दर में चक्कर लगा रहे है , ऐसे जहाजों को आज हम भूतिया जहाज कहते है ,
इस दुनिया के सबसे भूतिया जहाज का नाम मेरिसिलेस्ट है , इसकी एक बेहद प्रशिद और चौकाने वाली रहस्यमयी घटना है ,
इसका रहस्य आज भी कोई नहीं सुलझा पाया है लेकिन आज हम आपको सिर्फ एक इस भूतिया जहाज के बारे में नहीं बताएंगे बल्कि ऐसे और भी कई भूतिया जहाजों के बारे में बताएंगे जिन्हे सोचकर भी आपके रोंगटे खड़े हो जाएंगे ,मेरिसिलेस्ट के जैसा एक दूसरा उद्धरण है जिसे हम केरल ए डाइरिंग के नाम से जानते है जिसे जनवरी 1921 में समुद्र में लावारिस पाया गया था , इस जहाज को जनवरी 1919 में यानि 2 साल पहले ही पानी में उतरा गया था , जब ये मिला तो लोगो का कहना था की इस जहाज का ये हाल करने के पीछे बदनाम बरमूडा ट्राइंगल का हाथ हो सकता है जहां से आज तक कोई भी इंसान या जीवित प्राणी जिन्दा बच कर नहीं आता , इस जहाज को सबसे पहले नार्थ केरोलिना के तट के पास लावारिश हालत में देखा गया उस समय मौसम खराब था , मौसम खराब होने के कारण उस समय इसे बचाने की कोसिस नहीं की गयी , लेकिन चार दिन बाद इसका रेस्क्यू ऑपरेशन किया गया , रेस्क्यू टीम को उम्मीद थी की इस जहाज में कुछ मरे हुए और कुछ जिन्दा लोग जरूर मिलेंगे जो इसे आज तक चला रहे है, लेकिन जैसे ही रेस्क्यू टीम जहाज पर पहुंची तो इस जहाज पर इंसानो का कोई नामो निशान तक नहीं था ना मरे हुवे और ना जिन्दा , इस जहाज के हर तरह के यंत्र बंद थे , इसके बाद अमेरिकी सरकार द्वारा एक जाँच बिठाई गयी पर कई सालो तक प्रयाश करने के बाद उन्हें कुछ नहीं मिला और इस जाँच को बंद कर दिया गया ,
2. अगला भूतिया जहाज है कोबान हैवन इस जहाज को पहली बार 1921 में पानी में उतारा था , ये क बहुत ही आकर्षक ,बड़ा और हर तरह की सुविधा से लेश था और ये अपने टाइम में शाहीपन की निसानी माना जाता था , पहले 7 सालो तक इस जहाज को टेनिस नेवी द्वारा इस्तेमाल किया गया , दिसंबर 1928 में इस जहाज को अर्जेंटीना से ऑस्ट्रेलिया की यात्रा पर निकलना था , लेकिन ये कोई नहीं जनता था की ये यात्रा इस जहाज की और इस जहाज में बैठे लोगो की अंतिम यात्रा होगी , इस यात्रा के बीच में इस जहाज के साथ क्या हुवा ये आज तक कोई नहीं जानता , छोटे मोटे जहाज अक्सर गुम हो जाते है लेकिन ये 430 फिट लम्बा और 20 मंजिल ऊचा जहाज ऐसे गुम हो जाने की चीज़ नहीं थी , इस जहाज के गुम हो जाने का इलज़ाम किसी पर नहीं लगाया जा सकता और समुन्दर पर तो बिलकुल भी नहीं क्योकि उस यात्रा के दौरान मौसम एकदम साफ था , इसके आलावा इस जहाज में हर तरह के उपकरण जो इस जहाज की जानकारी दूर बैठे लोगो तक पहुंचा रही थी इसके आलावा इस जहाज में बेहद शक्तिशाली इंजन लगा हुआ था जो किसी भी तूफान से निपटने के लिए तैयार था , 22 दिसंबर 1928 को जब इस जहाज को अर्जेंटीना से निकले 8 दिन हो चुके थे तब कोवन हेवेन की बातचीत के मेसेज जांचकर्ताओं को मिले जिसमे कहा गया था की हम त्रिसदन डाकुना से 900 मील दूर है और उसकी यात्रा एकदम बढ़िया चल रही है , उस रात के बाद कोवेन हैवन का सम्पर्क पूरी दुनिया से टूट गया इसके बाद इस जहाज की कोई खबर दुनिया को नहीं मिली , अगले 2, 3 सालो तक वह से गुजरने वाले लोगो ने कहा की उन्होंने कोवेन हैवन को तैरते हुए देखा है , और कुछ लोगो ने कहा की उन्होंने कोवेन हैवन का मलबा समुंद में पड़ा हुआ देखा है , लेकिन किसी की भी ये बात आज तक सच साबित नहीं हो पायी क्योकि किसी के पास भी कोई प्रमाण नहीं था ,
3.
अक्टूबर 2014 ATL 2 TATKOYAK तक जाने के लिए पूरी तरह से तैयार था लेकिन जल्द ही लोगो को ये अहसास होने लगा की ये जहाज अपनी मन मर्जी से चल रहा है , असल में इस जहाज को खींचकर tatkoyak तक ले जाया जाना था , लेकिन तभी मोटी मोटी रशिया और लोहे की चैन एक ही झटके में टूट गयी ऐसा पहले कभी किसी जहाज के साथ नहीं हुआ था , अब जहाज पूरी तरह से अकेला था , उस पर उसे सँभालने वाला कोई भी कर्मचारी मौजूद नहीं था , आपको जानकर हैरानी होगी की इस जहाज ने अलास्का के तट से होते हुए 1500 मील की दुरी अकेले ही तय करी , और अब ये जहाज चुचकी समुद्र में जा पहुंचा , और अब सभी को लग रहा था की ये जहाज अब समुद्र में गुम हो जाएगा ,
लेकिन करीब ढाई साल बाद अप्रैल 2015 में अपने आप ही घूमता हुआ , रूस की समुद्री सरहदों में जा घुसा , जब इस जहाज के मालिकों को इसकी लोकेशन का पता चला तो उन्होंने रूस को बता दिया था की इस जहाज पर कोई नहीं है इसलिए ये खतरनाक हो सकता है इस पुरे जहाज मे सल्फर और डीज़ल भरा हुआ है , अगर ये अपने अकेले समय में कहि से भी लीक हो जाता तो बेशक ये पर्यावरण के लिए बहुत घातक सिद्ध होता , इतना सुनते ही रूस के लोग सचेत हो गए और इस जहाज को पकड़ कर अपने कब्जे में ले लिया , और कुछ दिनों बाद जाँच करने के बाद इस कैनेडियन कंपनी को वापिस दे दिया गया ,
4.
अगले जहाज की बात करने से पहले हम आपको बता देना चाहते है की ये जहाज आज भी दुनिया के किसी समुद्र में तैरता हुआ पाया जाए , लेकिन कहा ये किसी को नहीं पता , इससे भी डरा देने वाली बात ये है की इसका कप्तान आज भी इस जहाज में मौजूद है लेकिन अब वो पूरी तरह से जम चूका होगा ,
जी हाँ हम बात कर रहे है दुनिया के सबसे डरावने जहाज ओक्टावियस की ये एक ट्रेडिंग जहाज था जो लन्दन और चीन के बीच 1761 में गुम हो गया था और जहाज के साथ आखरी बातचीत में उसके कप्तान ने कहा था की वो मुसीबत में है और कोई रास्ता ना दीखते हुए वो जहाज को नार्थ वैस्ट पैसेज के तट पर लेकर जा रहे है , लेकिन उससे भी बड़ी समस्या ये थी की जिस रास्ते को वो चुन रहे थे उस रास्ते पर आज तक कोई भी जहाज सफलता पूर्वक नहीं जा पाया था , लेकिन जिस समय बात हो रही थी उस समय जहाज का कप्तान आत्मविस्वास से भरा हुवा था , वो इसने ये भी कहा की इस रास्ते पर जहाज को सफलता पूर्वक जहाज चला कर वो इतिहास में अपना नाम लिख देना चाहते है , लेकिन इसके बाद ये जहाज ना कभी नार्थ वेस्ट पैस्सागे पहुंचा और ना कभी लन्दन पहुंचा , बल्कि उस बातचीत के बाद वो जहाज कभी नहीं दिखा ना ही कोई खबर मिली , लेकिन इससे भी डरावनी बात है की इस जहाज को एक बार फिर से देखा गया और जिस जगहपर इस जहाज को देखा गया वो जगह थी ग्रीनलैंड का तट , यह देखा गया की इस जहाज में इसके सभी कर्मचारी और कप्तान भी सवार थे इस जह के प् से गुजर रहे दूसरे जहाज ने इसे देखा और इस पर चढ़ने की सोची , जहाज को देख कर उन्हें लग रहा था की इस जहाज पर जरूर कोई है और उसे मदद की जरूरत है , लेकिन अब बहुत देर हो चुकी थी ये घटना थी 1775 की और अब इस जहाज को गुम हुए 14 साल हो चुके थे , जब दूसरे जहाज के लोग इस पर पहुंचे तो उन्होंने देखा की सभी कर्मचारी अपने अपने कमरों में मौजूद थे लेकिन उनकी बॉडी पूरी तरह से जम चुकी थी , इसके आलावा इस जहाज का कप्तान अपनी टेबल पर बैठा था और वो भी पूरी तरह से जमा हुवा था उसके हाथ में पैन मौजूद था और उसके सामने एक किताब खुली हुयी थी जो लोग इस जहाज पर चढ़े थे वो इतने दर गए थे की वो उलटे पैर उस जहाज से उतर कर भागने लगे , उन्हें लग रहा था मानो कोई उन्हें खींच रहा है , उन्होंने महसूस किया की मानो वो किसी श्रापित जहाज पर चढ़ गए है , उन्होंने उस कप्तान की किताब उठाई और वह से निकल गए , इसके कुछ देर बाद उन्होंने देखा की जहाज फिर से चल पड़ा और इसके बाद इस जहाज को फिर कभी नहीं देखा गया ,
5.
अगले जिस जहाज के बारे में हम बात करने जा रहे है वो जहाज 1976 में लांच हुआ जिसका नाम था अमवीएलटा और इस जहाज को सामान ढ़ोने के लिए बनाया गया था , लेकिन मजबूरन इस जहाज को बीच समुद्र में ही लावारिश छोड़ना पड़ा , क्योकि जब ये ग्रीस से हेति जा रहा था तब एकदम से इस पुरे जहाज की बिजली बनाने वाले यंत्र बंद हो गए , और एक झटके में ही मानो ये पूरा जहाज ख़तम सा हो गया ये बात है सितम्बर 2018 की और जहाज पर मौजूद कर्मचारियों को मज़बूरी में 20 दिन इस जहाज पर ही काटने पड़े , लेकिन फिर उन्हें ढूंढा गया और बचा लिया गया , लेकिन जहाज को बचाना लगभग असंभव था , लेकिन इस जहाज की कहानी अभी यही ख़तम नहीं होती ,लेकिन इस जहाज पर कोई भी कर्मचारी ना होते हुए भी इस जहाज ने चलना शुरू किया और ये जाहज फरवरी 2020 में काउंटी कोर के तट पर जाकर लावारिश बन गया , इस जहाज ने कई देशो की सिमा पर की लेकिन किसी का भी इस पर धयान नहीं गया लेकिन आखिर हुआ कैसे किसी भी देश की सिमा में बढ़ना किसी के लिए भी आसान नहीं होता लेकिन ये हुआ पर कैसे कोई नहीं बता पाया और आज भी ये जहाज आयरिस तट पर खड़ा हुआ है ,
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दोस्तों हर शिप यानि पानी के जहाज को बनाने के 2, 3 कारण होते है , सबसे पहले और बड़ा कारण होता है मॉल ढ़ोने के लिए , दूसरा कारण है अपने देश की समुंद्री सीमाओं की रक्षा के लिए या फिर यात्रियों के मनोरंजन के लिए बनाया जाता है ,
लेकिन क्या आपको पता है की इस दुनिया में ऐसे भी ship मौजूद है जिन पर आज ना कोई सैनिक है , ना कोई मॉल है और ना ही कोई यात्री है लेकिन ये शिप वर्षो से ऐसे ही समुन्दर में चक्कर लगा रहे है , ऐसे जहाजों को आज हम भूतिया जहाज कहते है ,
इस दुनिया के सबसे भूतिया जहाज का नाम मेरिसिलेस्ट है , इसकी एक बेहद प्रशिद और चौकाने वाली रहस्यमयी घटना है ,
इसका रहस्य आज भी कोई नहीं सुलझा पाया है लेकिन आज हम आपको सिर्फ एक इस भूतिया जहाज के बारे में नहीं बताएंगे बल्कि ऐसे और भी कई भूतिया जहाजों के बारे में बताएंगे जिन्हे सोचकर भी आपके रोंगटे खड़े हो जाएंगे ,मेरिसिलेस्ट के जैसा एक दूसरा उद्धरण है जिसे हम केरल ए डाइरिंग के नाम से जानते है जिसे जनवरी 1921 में समुद्र में लावारिस पाया गया था , इस जहाज को जनवरी 1919 में यानि 2 साल पहले ही पानी में उतरा गया था , जब ये मिला तो लोगो का कहना था की इस जहाज का ये हाल करने के पीछे बदनाम बरमूडा ट्राइंगल का हाथ हो सकता है जहां से आज तक कोई भी इंसान या जीवित प्राणी जिन्दा बच कर नहीं आता , इस जहाज को सबसे पहले नार्थ केरोलिना के तट के पास लावारिश हालत में देखा गया उस समय मौसम खराब था , मौसम खराब होने के कारण उस समय इसे बचाने की कोसिस नहीं की गयी , लेकिन चार दिन बाद इसका रेस्क्यू ऑपरेशन किया गया , रेस्क्यू टीम को उम्मीद थी की इस जहाज में कुछ मरे हुए और कुछ जिन्दा लोग जरूर मिलेंगे जो इसे आज तक चला रहे है, लेकिन जैसे ही रेस्क्यू टीम जहाज पर पहुंची तो इस जहाज पर इंसानो का कोई नामो निशान तक नहीं था ना मरे हुवे और ना जिन्दा , इस जहाज के हर तरह के यंत्र बंद थे , इसके बाद अमेरिकी सरकार द्वारा एक जाँच बिठाई गयी पर कई सालो तक प्रयाश करने के बाद उन्हें कुछ नहीं मिला और इस जाँच को बंद कर दिया गया ,
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अक्टूबर 2014 ATL 2 TATKOYAK तक जाने के लिए पूरी तरह से तैयार था लेकिन जल्द ही लोगो को ये अहसास होने लगा की ये जहाज अपनी मन मर्जी से चल रहा है , असल में इस जहाज को खींचकर tatkoyak तक ले जाया जाना था , लेकिन तभी मोटी मोटी रशिया और लोहे की चैन एक ही झटके में टूट गयी ऐसा पहले कभी किसी जहाज के साथ नहीं हुआ था , अब जहाज पूरी तरह से अकेला था , उस पर उसे सँभालने वाला कोई भी कर्मचारी मौजूद नहीं था , आपको जानकर हैरानी होगी की इस जहाज ने अलास्का के तट से होते हुए 1500 मील की दुरी अकेले ही तय करी , और अब ये जहाज चुचकी समुद्र में जा पहुंचा , और अब सभी को लग रहा था की ये जहाज अब समुद्र में गुम हो जाएगा ,
लेकिन करीब ढाई साल बाद अप्रैल 2015 में अपने आप ही घूमता हुआ , रूस की समुद्री सरहदों में जा घुसा , जब इस जहाज के मालिकों को इसकी लोकेशन का पता चला तो उन्होंने रूस को बता दिया था की इस जहाज पर कोई नहीं है इसलिए ये खतरनाक हो सकता है इस पुरे जहाज मे सल्फर और डीज़ल भरा हुआ है , अगर ये अपने अकेले समय में कहि से भी लीक हो जाता तो बेशक ये पर्यावरण के लिए बहुत घातक सिद्ध होता , इतना सुनते ही रूस के लोग सचेत हो गए और इस जहाज को पकड़ कर अपने कब्जे में ले लिया , और कुछ दिनों बाद जाँच करने के बाद इस कैनेडियन कंपनी को वापिस दे दिया गया ,
4.
अगले जहाज की बात करने से पहले हम आपको बता देना चाहते है की ये जहाज आज भी दुनिया के किसी समुद्र में तैरता हुआ पाया जाए , लेकिन कहा ये किसी को नहीं पता , इससे भी डरा देने वाली बात ये है की इसका कप्तान आज भी इस जहाज में मौजूद है लेकिन अब वो पूरी तरह से जम चूका होगा ,
जी हाँ हम बात कर रहे है दुनिया के सबसे डरावने जहाज ओक्टावियस की ये एक ट्रेडिंग जहाज था जो लन्दन और चीन के बीच 1761 में गुम हो गया था और जहाज के साथ आखरी बातचीत में उसके कप्तान ने कहा था की वो मुसीबत में है और कोई रास्ता ना दीखते हुए वो जहाज को नार्थ वैस्ट पैसेज के तट पर लेकर जा रहे है , लेकिन उससे भी बड़ी समस्या ये थी की जिस रास्ते को वो चुन रहे थे उस रास्ते पर आज तक कोई भी जहाज सफलता पूर्वक नहीं जा पाया था , लेकिन जिस समय बात हो रही थी उस समय जहाज का कप्तान आत्मविस्वास से भरा हुवा था , वो इसने ये भी कहा की इस रास्ते पर जहाज को सफलता पूर्वक जहाज चला कर वो इतिहास में अपना नाम लिख देना चाहते है , लेकिन इसके बाद ये जहाज ना कभी नार्थ वेस्ट पैस्सागे पहुंचा और ना कभी लन्दन पहुंचा , बल्कि उस बातचीत के बाद वो जहाज कभी नहीं दिखा ना ही कोई खबर मिली , लेकिन इससे भी डरावनी बात है की इस जहाज को एक बार फिर से देखा गया और जिस जगहपर इस जहाज को देखा गया वो जगह थी ग्रीनलैंड का तट , यह देखा गया की इस जहाज में इसके सभी कर्मचारी और कप्तान भी सवार थे इस जह के प् से गुजर रहे दूसरे जहाज ने इसे देखा और इस पर चढ़ने की सोची , जहाज को देख कर उन्हें लग रहा था की इस जहाज पर जरूर कोई है और उसे मदद की जरूरत है , लेकिन अब बहुत देर हो चुकी थी ये घटना थी 1775 की और अब इस जहाज को गुम हुए 14 साल हो चुके थे , जब दूसरे जहाज के लोग इस पर पहुंचे तो उन्होंने देखा की सभी कर्मचारी अपने अपने कमरों में मौजूद थे लेकिन उनकी बॉडी पूरी तरह से जम चुकी थी , इसके आलावा इस जहाज का कप्तान अपनी टेबल पर बैठा था और वो भी पूरी तरह से जमा हुवा था उसके हाथ में पैन मौजूद था और उसके सामने एक किताब खुली हुयी थी जो लोग इस जहाज पर चढ़े थे वो इतने दर गए थे की वो उलटे पैर उस जहाज से उतर कर भागने लगे , उन्हें लग रहा था मानो कोई उन्हें खींच रहा है , उन्होंने महसूस किया की मानो वो किसी श्रापित जहाज पर चढ़ गए है , उन्होंने उस कप्तान की किताब उठाई और वह से निकल गए , इसके कुछ देर बाद उन्होंने देखा की जहाज फिर से चल पड़ा और इसके बाद इस जहाज को फिर कभी नहीं देखा गया ,
5.
अगले जिस जहाज के बारे में हम बात करने जा रहे है वो जहाज 1976 में लांच हुआ जिसका नाम था अमवीएलटा और इस जहाज को सामान ढ़ोने के लिए बनाया गया था , लेकिन मजबूरन इस जहाज को बीच समुद्र में ही लावारिश छोड़ना पड़ा , क्योकि जब ये ग्रीस से हेति जा रहा था तब एकदम से इस पुरे जहाज की बिजली बनाने वाले यंत्र बंद हो गए , और एक झटके में ही मानो ये पूरा जहाज ख़तम सा हो गया ये बात है सितम्बर 2018 की और जहाज पर मौजूद कर्मचारियों को मज़बूरी में 20 दिन इस जहाज पर ही काटने पड़े , लेकिन फिर उन्हें ढूंढा गया और बचा लिया गया , लेकिन जहाज को बचाना लगभग असंभव था , लेकिन इस जहाज की कहानी अभी यही ख़तम नहीं होती ,लेकिन इस जहाज पर कोई भी कर्मचारी ना होते हुए भी इस जहाज ने चलना शुरू किया और ये जाहज फरवरी 2020 में काउंटी कोर के तट पर जाकर लावारिश बन गया , इस जहाज ने कई देशो की सिमा पर की लेकिन किसी का भी इस पर धयान नहीं गया लेकिन आखिर हुआ कैसे किसी भी देश की सिमा में बढ़ना किसी के लिए भी आसान नहीं होता लेकिन ये हुआ पर कैसे कोई नहीं बता पाया और आज भी ये जहाज आयरिस तट पर खड़ा हुआ है ,
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