जिंदगी दो दिन की है
एक दिन आपके हक़ में
एक दिन आपके खिलाफ
जिस दिन आपके हक़ में हो गरूर मत करना
और जिस दिन आपके खिलाफ हो थोड़ा सब्र जरूर करना ,,
दर्द और दौलत :
एक दिन दर्द ने दौलत से कहा
तुम कितनी खुसनसीब हो जो हर कोई तुम्हे पाने की इच्छा कोशिस करता है
और में कितना बदनसीब हूँ जो हर कोई मुझ से दूर जाने की कोशिश करता है
तब दौलत ने उत्तर दिया :
खुसनसीब तो तुम हो जिसको पाकर लोग अपनों को याद करते है ,
और तुमसे ज्यादा बदनसीब तो में हूँ जिसको पाकर लोग अक्सर अपनों को भूल जाते है ,
सफलता के लिए :
. सच्चे ह्रदय से अपनी खामिया तलाश करो ,
अपनी कमजोरियों को स्वीकार करने की बहादुरी अपनाओ ,
चतुर किसान की तरह खरपतवार ( बुराई ) को निकल फेको और अच्छी खेती ( सद्गुणों ) की खेती करो ,,
असफलता से कभी निराश मत होना ,
धर्ये पूर्वक निरंतर प्रयास करते रहना ,
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