मौसम के बदलते मिजाज का असर हमारी त्वचा पर भी पड़ता है। हमारी त्वचा पर न केवल रैशेज पड़ जाते हैं बल्कि त्वचा रुखी, बेजान हो जाने के साथ ही एक्ने और इंफेक्शन का भी शिकार हो जाती है। इन सारी समस्याओं का इलाज केवल एक ही है, उसका नाम है टी ट्री ऑयल।
रुखी त्वचा के लिए - For Dry Skin
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रुखी त्वचा को ठीक करने के लिए 5 चम्मच टी ट्री ऑयल में एक चम्मच बादाम का तेल मिलाकर त्वचा पर हल्के से मालिश करें। कुछ देर के लिए छोड़ दें और सामान्य पानी से स्नान करें। इसका नियमित प्रयोग आपकी त्वचा को लंबे समय तक हाइड्रेटेड रखेगा। आपकी त्वचा मुलायम, नरम और चमकदार बनी रहेगी। टी ट्री आयल का एक अन्य इस्तेमाल यह भी है - टी ट्री आयल फोर स्किन व्हाइटनिंग।
एक्ने- पिंपल्स हो जाएं ठीक - Removes Acne Pimples
आपने कई एंटी एक्ने स्किन क्रीम और फेस वॉश को बाजार में देखा होगा, जिसमें टी ट्री ऑयल के सत्व होते हैं। अध्ययन भी बताते हैं कि एक्ने को कम करने के लिए टी ट्री ऑयल बेनजॉली पेरोक्साइड जितना लाभकारी है। एक्ने को ठीक करने के लिए यह प्राकृतिक तौर पर काम करता है, जिससे त्वचा न तो छिलती है और न ही त्वचा लाल होती है। यह त्वचा से निकलने वाले सीबम को भी कम करता है और त्वचा पर एक्ने का निर्माण करने वाले बैक्टीरिया से लड़ता भी है। एक्ने के इलाज के लिए 2-3 बूंदें टी ट्री ऑयल की लीजिए, इसमें एक चम्मच शहद और एक चम्मच दही मिला लीजिए। अपनी उंगलियों के पोर से इस मिश्रण को एक्ने पर लगाइए। मोटी परत न लगाकर पतली परत लगाएं। 15- 20 मिनट के बाद चेहरे को धो लें। इस मिश्रण को कछ सप्ताह तक लगाते रहें, एक्ने छूमंतर हो जाएगा।
यदि आपकी त्वचा पर ब्लेमिशेज, गहरे दाग, मुंहासों के दाग हैं तो इलाज के लिए टी ट्री ऑयल से बेहतरीन कुछ और नहीं है। रुई पर कुछ बूंदें इस तेल की डालिए और त्वचा के प्रभावित क्षेत्र पर लगा लीजिए। आप चाहें तो टी ट्री ऑयल युक्त फेस वॉश और जेल का भी प्रयोग त्वचा पर कर सकती हैं। कठोर रसायनों और अल्कोहल से कहीं बेहतर है यह!
डियोडरेंट का करे काम - Works as a Deodrant
कई लोग शरीर की बदबू से परेशान रहते हैं। वे कई तरह के डियोडरेंट का प्रयोग भी करते हैं लेकिन शरीर या पसीने की दुर्गंध जाती नहीं है। समझें तो पसीना स्वयं बदबू उत्पन्न नहीं करता है लेकिन जब पसीना के साथ आपकी स्किन पर मौजूद बैक्टीरिया मिलते हैं तो तेल गंध आने लगती है। तो ऐसे में टी ट्री आयल बेनिफिट्स (tea tree oil benefits in hindi) आपके काम आएँगे। चूंकि टी ट्री ऑयल एंटी बैक्टीरियल है तो यह पसीने या शरीर की गंध से भी लड़ता है।
घाव भरने के लिए - For Wounds
यदि आपकी त्वचा पर कहीं कट गया है या घाव सा बन गया है तो भी टी ट्री ऑयल का प्रयोग लाभकारी रहेगा। कई बार शेविंग के बाद रेजर से त्वचा कट जाती है। यहां भी इसका इस्तेमाल फायदेमंद है। रुई पर कुछ बूंदें इस तेल की लगाकर सीधे कटी हुई त्वचा या घाव पर लगाइए। इससे त्वचा को सूदिंग अहसास होगा और राहत महूसस होगी।
फोड़ा, मस्सा और रिंगवर्म - Boils Wart and Ringworms
फोड़ा को ठीक करने के लिए भी टी ट्री ऑयल लाभकारी है। मस्से को हटाने के लिए शुद्ध टी ट्री ऑयल का प्रयोग कीजिए। इसे दिन में दो बार लगाइए। लेकिन ध्यान रखिए कि आपकी त्वचा संवेदनशील न हो, अन्यथा इस्तेमाल से पहले इसे हल्का कर लें। मस्से खुद ही खत्म हो जाएंगे। रुखे और फटे होंठों को भी ठीक करता है। आपकी त्वचा को कई तरह से स्वस्थ और सुरक्षित रखने में मददगार है यह तेल।
कीड़ों के काटने, रैशेज से बचाव - Protection from Worms and Rashes
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यदि रैशेज से आपको खुजली हो रही है तो इस तेल के प्रयोग में इसका इलाज है। कीड़ों के काटने से होने वाले खुजली या जलन में भी यह फायदेमंद है। अपने नहाने के पानी में कुछ बूंदें टी ट्री ऑयल की मिलाकर नहाएं। इस तरह से आपको बैक्टीरिया या फंगस से होने वाली त्वचा संबंधी एलर्जी से बचाव होगा। त्वचा की खुजली और लालिमा में भी यह फायदेमंद है।
हेल्दी नाखून के लिए - For Healthy Nails
नाखूनों में कई बार फंगल इंफेक्शन हो जाता है। इसे दूर करने के लिए हालांकि कई तरह की दवाइयां उपलब्ध हैं लेकिन इन दवाइयों के कई बार साइड इफेक्ट्स भी होते हैं। नाखूनों में हुए इंफेक्शन के लिए आप टी ट्री ऑयल का प्रयोग कर सकती हैं। धीरे- धीरे फंगल इंफेक्शन स्वयं ठीक हो जाएगा। चाहें तो सिर्फ टी ट्री ऑयल का प्रयोग करें या फिर नारियल तेल के साथ बराबर मात्रा में मिलाकर भी लगा सकती हैं।
एग्जिमा का खात्मा - Erosion of Eczema
हाथ पर होने वाला एग्जिमा जिंदगी जीने और खूबसूरती में बाधा उत्पन्न करता है। हाथ पर होने की वजह से यह जरा भी अच्छा नहीं दिखता। लेकिन जादुई टी ट्री ऑयल के जरिए एग्जिमा का इलाज भी संभव है। इसके लिए टी ट्री ऑयल में नारियल तेल और लैवेंडर ऑयल को बराबर मात्रा में मिलाएं। नहाने जाने से पहले इस मिश्रण को प्रभावित हिस्से पर लगाएं। धीरे- धीरे यह एग्जिमा को दूर कर देगा।
माउथवॉश के लिए - For Mouthwash
टी ट्री ऑयल में मौजूद एंटी फंगल और एंटी बैक्टीरियल गुण दांतों को खराब होने और मुंह की बदबू से भी लड़ता है। अपने मुंह को हेल्दी बनाए रखने और बदबू को दूर रखने के लिए एक कप गरम पानी में दो- तीन बूंद टी ट्री ऑयल की मिलाएं और इस पानी से कुल्ला कर लें। ध्यान यह रखना है कि आपको इस पानी को निगलना नहीं है।
टी ट्री ऑयल बालों के लिए - Tea Tree Oil Benefits for Hair in हिंदी
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बाल पर भी बदलते मौसम का असर पड़ता है और बाल रुखे एवं बेजान हो जाते हैं। बाल से चमक गायब हो जाती है, साथ ही रुसी और जुएं यहां अपना घर बना लेती हैं। टी ट्री ऑयल हमारे बाल पर चमत्कारी तौर पर असर करता है और इन्हें चमकदार बनाने के साथ ही पोषित भी करता है।
लंबे बाल का राज - Long Hair Secrets
शोध बताते हैं कि बालों को लंबा करना है तो टी ट्री ऑयल लगाइए। यह बालों के फॉलिकल्स को खोलता है और जड़ों को पोषण प्रदान करता है। इस तेल की कुछ बंदों को किसी भी तेल के साथ मिलाकर सिर पर मालिश करें। आपको ताजगी का अनुभव होगा।
डैंड्रफ से रक्षा - Protects from Dandruff
डैंड्रफ किसे अच्छे लगते हैं? लेकिन कई बार न चाहते हुए भी हैंड्रफ बाल में अपनी जगह बना ही लेते हैं। नहाते समय अपने शैम्पू में टी ट्री ऑयल की कुछ बूंदें मिलाइए और फिर शैम्पू करें। इस शैम्पू मिश्रण का प्रयोग नियमित तौर पर करें और देखें कि किस तरह आपको रुसी से निजात मिल गई है।
बाल की रुखी जड़ों के लिए रामबाण - Best for Dry Roots
यह आपके बालों में जान डालने के साथ ही जड़ों को भी पोषण प्रदान करता है। यह सिर के रोमछिद्रों को खोलता है। इसे जोजोबा ऑयल के सात मिलाकर 10- 15 मिनट तक सिर की मालिश करें। कुछ देर के लिए छोड़ दें और फिर धो लें।
हेल्थ के लिए टी ट्री ऑयल - Health Benefits of Tea Tree Oil in हिंदी
खूबसूरती निखारने के साथ ही आपको सेहतमंद रखने में टी ट्री ऑयल बड़ी भूमिका निभाता है।
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ब्लैडर इंफेक्शन करे ठीक - For Bladder Infection
टी ट्री ऑयल अपने एंटी बैक्टीरियल गुण की वजह से इतना बढ़िया है कि ब्लैडर इंफेक्शन को ठीक करने में आपकी सहायता करता है। नहाते समय पानी में दस बूंदें टी ट्री ऑयल की मिला लें और इससे अपने यूरिन के रास्ते को साफ कर सकती हैं।
एथलीट फुट का करे उपचार - Athlete Foot Treatment
एथलीट फुट इंफेक्शन पैर में होता है, जिसे कंट्रोल करना थोड़ा मुश्किल है। कई बार यह पैर के बाद हाथ में भी हो जाता है। लेकिन आप इसे ठीक करने के लिए टी ट्री ऑयल का प्रयोग बतौर एंटी वायरल और एंटी फंगल घरेलू नुस्खे के तौर पर भी कर सकती हैं। इसमें एंटीसेप्टिक गुण होते हैं, जो कई स्किन डिसऑर्डर में लाभकारी हैं। चाहें तो टी ट्री ऑयल की पत्तियों को पानी में उबाल कर या इसके एसेंशियल ऑयल को पानी में मिलाने के बाद लगाएं, लाभ तुरंत महसूस होगा। या फिर एक चौथाई अखरोड पाउडर, एक चौथाई कप बेकिंग सोडा और बीस- पच्चीस बूंदें टी ट्री ऑयल की मिलाएं और इसे एथलीट फुट पर दिन में दो बार लगा सकती हैं।
कान के इंफेक्शन में लाभकारी - Good for Ear Infection
कान में इंफेक्शन की वजह से दर्द भी कई बार हो जाता है। इसे ठीक करने के लिए टी ट्री ऑय, को उबालने के बाद इसमें ऑलिव ऑयल की कुछ बूंदें मिलाएं। अब इस मिश्रण को अपने कान में डालें और तेल कान से बाहर न निकले, इसके लिए रुई से रास्ता बंद कर दें। कान में दर्द को ठीक करने के लिए टी ट्री ऑयल में नारियल तेल को मिलाकर कान के बाहर लगा सकती हैं।
निमोनिया में प्रभावशाली - Effective in Pneumonia
कुछ अध्ययन बताते हैं कि टी ट्री ऑयल निमोनिया के लक्षणों को कम करने में मददगार है हालांकि इसके पुख्ता प्रमाण नहीं मिले हैं। बेहतर तो यह होगा कि इसके लिए डॉक्टर से संपर्क किया जाए।
सेक्सुअल रोगों से बचाव - Protects from Sexually Transmitted Diseases
एंटीबायोटिक गुणों के कारण सेक्सुअल बीमारियों से लड़ने में मदद करता है टी ट्री ऑयल। शरीर के प्रभावित हिस्से में रुई की मदद से टी ट्री ऑयल को लगाएं। ऐसा दिन में दो बार करें। धीरे- धीरे यह ठीक हो जाएगा। सेक्सुअल इंफेक्शन रोग क्लैमिडिया के इलाज में भी टी ट्री ऑयल का प्रयोग किया जा सकता है।
वजाइनल बदबू करे दूर - Removes Vaginal Stink
कुछ लोगों के वजाइना से बदबू आती है। इस बदबू को दूर करने का बढ़िया रास्ता है वहां पर टी ट्री ऑयल का इस्तेमाल। पानी में टी ट्री ऑयल की कुछ बूंदों को मिलाकर वजाइना के बाहर रुई से लगाएं और थोड़ी देर बाद पानी से साफ कर लें। इसे दिन भर में दो- चार बार भी लगा सकती हैं।
टी ट्री ऑयल के साइड इफेक्ट्स - Side Effects of Tea Tree Oil in Hindi
टी ट्री ऑयल को जहरीला माना जाता है। इसलिए आम तौर पर देखा जाए तो टी ट्री ऑयल का सेवन नुकसानदेह है। कई बार टी ट्री ऑयल का अधिक प्रयोग करने से स्किन पर जलन और इंफ्लेमेशन होने की आशंका रहती है। एक्ने के लिए इसका प्रयोग स्किन में ड्राईनेस और खुजली लेकर आ सकता है। वजाइनल इंफेक्शन के दौरान टी ट्री ऑयल का प्रयोग केवल बाहरी हिस्से में ही करना सही रहता है क्योंकि यह जहरीला होता है।
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जवाब देंहटाएंMahesh Bisht
जवाब देंहटाएंI want to do business so please help me thank u
जवाब देंहटाएंSir I want to start this business plz help me my whatsapp no 9465425700
जवाब देंहटाएंSir aapke mo.nomber de.please
जवाब देंहटाएंI'm interested Sir plz give me your contact no.
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