Alsi ke beez ke fayde , Flax seeds Benefits in hindi , 16 Benefits of flax seeds

 FLAX SEEDS पोषक तत्व :

अलसी यानि FLAX SEEDS में एंटीऑक्सीडेंट गुण होते है , अलसी में भरपूर मात्रा में प्रोटीन , ओमेगा 3 फैटी एसिड , विटामिन बी , फाइबर ,मेग्नीशियम और इ पोटेसियम मिलता है , 



1: ह्रदय रोगियों के लिए लाभकारी : 

भूरे-काले रंग के यह छोटे छोटे बीज, हृदय रोगों से आपकी रक्षा करते हैं। इसमें उपस्थित घुलनशील फाइबर्स, प्राकृतिक रूप से आपके शरीर में कोलेस्ट्रॉल को नियंत्रित करने का काम करता है। इससे हृदय की धमनियों में जमा कोलेस्ट्रॉल घटने लगता है, और रक्त प्रवाह बेहतर होता है, नतीजतन हार्ट अटैक की संभावना नहीं के बराबर होती है ।


2 : कोलेस्ट्रॉल को घटाता है : 

अलसी में ओमेगा-3 भरपूर मात्रा में पाया जाता है जो रक्त प्रवाह को बेहतर कर, खून के जमने या थक्का बनने से रोकता है, जो हार्ट-अटैक का कारण बनता है। यह रक्त में मौजूद कोलेस्ट्रॉल को कम करने में भी सहायक है।


3 : वजन को कम करता है :



यह शरीर के अतिरिक्त वसा को भी कम करती है, जिसे आपका वजन कम होने में सहायता मिलती है।


4 : त्वचा के लिए है बेहद फायदेमंद :

अलसी में मौजूद एंटी-ऑक्सीडेंट्स और फाइटोकैमिकल्स, बढ़ती उम्र के लक्षणों को कम करती है, जिससे त्वचा पर झुर्रियां नहीं होती और कसाव बना रहता है। इससे त्वचा स्वस्थ व चमकदार बनती है।


5 : कैंसर ,अस्थमा ,डायबिटीज़ से लड़ने में मदद करता है ;

अलसी में अल्फा लाइनोइक एसिड पाया जाता है, जो ऑथ्राईटिस, अस्थमा, डाइबिटीज और कैंसर से लड़ने में मदद करता है। खास तौर से कोलोन कैंसर से लड़ने में यह सहायक होता है।


6 : शरीर में थकावट को काम करता है और फुर्ती देता है :

सीमित मात्रा में अलसी का सेवन, खून में शर्करा के स्तर को नियंत्रित करता है। इससे शरीर के आंतरिक भाग स्वस्थ रहते हैं, और बेहतर कार्य करते हैं।


7 : महिलाओ के लिए है लाभदायक :



इसमें उपस्थित लाइगन नामक तत्व, आंतों में सक्रिय होकर, ऐसे तत्व का निर्माण करता है, जो फीमेल हार्मोन्स के संतुलन को बनाए रखने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।


8 : अलसी के तेल की मालिस शरीर को स्वस्थ बनती है ;

अलसी के तेल की मालिश से शरीर के अंग स्वस्थ होते हैं, और बेहतर तरीके से कार्य करते हैं। इस तेल की मसाज से चेहरे की त्वचा कांतिमय हो जाती है।


9 : ओमेगा 3 का अच्छा श्रोत है :

शाकाहारी लोगों के लिए अलसी, ओमेगा-3 का बेहतर विकल्प है, क्योंकि अब तक मछली को ओमेगा-3 का अच्छा स्त्रोत माना जाता था,जिसका सेवन नॉन-वेजिटेरियन लोग ही कर पाते हैं।


10 प्रतिदिन सुबह शाम एक चम्मच अलसी का सेवन आपको पूरी तरह से स्वस्थ रखने में सहायक होता है, इसे पीसकर पानी के साथ भी लिया जा सकता है । अलसी को नियमित दिनचर्या में शामिल कर आप कई तरह की बीमारियों से अपनी रक्षा कर सकते हैं, साथ ही आपको डॉक्टर के पास जाने की जरूरत भी नहीं पड़ेगी।


11. अलसी का सेवन बालो के लिए है फायदेमंद ; 



12. अलसी के फायदे खांसी और दमा में: 

अलसी के बीज खाने के फायदे (alsi ke beej ke fayde) खांसी और दमा रोग में भी मिलते हैं। अलसी के बीजों से काढ़ा बना लें। इसे सुबह और शाम पीने से खांसी, और अस्थमा में लाभ होता है। ठंड के दिनों में मधु, तथा गर्मी में मिश्री मिलाकर सेवन करना चाहिए।

इसी तरह 3 ग्राम अलसी के चूर्ण को, 250 मिली उबले हुए पानी में डालें। इसे 1 घण्टे तक छोड़ दें। इसमें थोड़ी चीनी मिलाकर सेवन करें। इससे सूखी खांसी तथा अस्थमा में लाभ होता है।

इसके अलावा, 5 ग्राम अलसी के बीजों (agase beeja) को 50 मिली पानी में भिगोकर रखें। 12 घंटे बाद छानकर पानी को पी लें। सुबह भिगोआ हुआ पानी शाम को, और शाम को भिगोया हुआ पानी सुबह को पिएं। इस पानी के सेवन से खांसी, और दमा में फायदा होता है। इस दौरान ऐसा कुछ नहीं खाना, या पीना चाहिए, जो बीमारी को बढ़ाने वाला हो।

आप खांसी, या दमा के इलाज के लिए 5 ग्राम अलसी के बीजों को कूटकर छान लें। इसे जल में उबाल लें। इसमें 20 ग्राम मिश्री मिला लें। यदि ठंड का मौसम हो तो मिश्री के स्थान पर शहद मिलाएं। इसे सुबह और शाम सेवन करें। इससे खांसी, और अस्थमा में लाभ होता है।

आप खांसी, और दमा के उपचार के लिए यह तरीका भी आजमा सकते हैं। 3 ग्राम अलसी के बीजों को मोटा कूट लें। इसे 250 मिली उबलते हुए पानी में भिगो दें। इसे एक घंटा ढक कर रख दें। इसे छानकर, थोड़ी चीनी मिला लें। इसका सेवन करने से भी सूखी खांसी, और दमा की बीमारी ठीक हो जाती है।

इसके अलावा, अलसी के बीजों (alsi ke beej) को भूनकर शहद, या मिश्री के साथ चाटें। इससे खांसी, और दमा का इलाज होता है।

अलसी के औषधीय गुण से खांसी को ठीक किया जा सकता है। आप तीसी के भूने बीज से 2-3 ग्राम चूर्ण बना लें। इसमें मधु, या मिश्री मिलाकर सुबह और शाम सेवन करें। इससे खांसी ठीक हो जाती है।


13.मूत्र विकार (पेशाब संबंधित रोग) में अलसी के फायदे  (Benefits of Linseed to Treat Urinary Disease in Hindi)

पेशाब संबंधित रोगों को ठीक करने के लिए भी अलसी का इस्तेमाल करना बहुत अच्छा फायदा देता है। इसके लिए 50 ग्राम अलसी, 3 ग्राम मुलेठी को कूट लें। इसे 250 मिली पानी के साथ मिट्टी के बर्तन में हल्की आंच पर पकाएं। जब 50 मिली पानी रह जाए तो, इसे छानकर 2 ग्राम कलमी शोरा मिला लें। इसे 2 घंटे के अंतर से 20-20 मिली की मात्रा में पिएं। इससे मूत्र रोग जैसे, पेशाब करने में दिक्कत, पेशाब की जलन, पेशाब में खून आना, पेशाब में मवाद आने संबंधी दिक्कतें दूर हो जाती हैं।

इसके अलावा 10-12 ग्राम अलसी की बीज के चूर्ण में 5-6 ग्राम मिश्री मिला लें। इसे 3-3 घंटे पर सेवन करने से पेशाब संबंधित बीमारी ठीक होती है।

14.बवासीर में अलसी अलसी के तेल के सेवन से फायदा



15 .जुकाम से राहत पाने के लिए अलसी का सेवन (Benefits of Alsi for Common Cold in Hindi)

जुकाम से परेशान हैं, तो तीसी का इस्तेमाल कर सकते हैं। महीन पिसी अलसी को साफ कर धीमी आंच से तवे पर भून लें। जब यह अच्छी तरह भून जाय, और गंध आने लगे, तब पीस लें। इसमें बराबर मात्रा में मिश्री मिला लें। अलसी खाने का तरीका यह है कि आप इसे 5 ग्राम की मात्रा में गर्म पानी के साथ, सुबह और शाम सेवन करें। इससे जुकाम में लाभ होता है

NOTE :
अलसी का प्रयोग डॉक्टर या वेध की सलाहनुसार ही करे 

अलसी के नुकसान (Side Effects of Flax Seeds in Hindi)

किसी भी चीज का सेवन सही मात्रा में करने से ही उसके फायदे मिलते हैं। वैसा ही अलसी के साथ भी। सही मात्रा में अलसी का सेवन करने से आपको ऊपर दिए गए फायदे मिल सकते हैं। लेकिन अलसी के बीज (flax seeds in hindi) का सेवन सही मात्रा में या फिर अधिक मात्रा में किया गया तो अलसी के नुकसान भी हो सकते हैं। अधिक मात्रा में अलसी का सेवन करने से नीचे दिए गए नुकसान हो सकते हैं।

  • कच्ची अलसी का सेवन करना खतरनाक हो सकता है क्योंकि कच्ची अलसी में जहरीले पदार्थ होते हैं।
  • अलसी का सेवन करने के साथ तरल पदार्थ का भी सेवन करें जिससे पेट से जुड़ी परेशानी ना हो।
  • अधिक मात्रा में अलसी का सेवन करने से पेट से जुड़ी परेशानी बढ़ सकती हैं जैसे कि गैस, पेट में दर्द आदि।
  • अलसी के तेल का इस्तेमाल खाने के करने की सलाह नहीं दी जाती है। अलसी के तेल का इस्तेमाल पहले से बनी डिश में कर सकते हैं और फिर माइक्रोवेव में गर्म कर सकते हैं ,
  • अगर आप खून पतला करने वाली दवाई ले रहे हैं तो अलसी का सेवन ना करें।
  • अगर आप कोलेस्ट्रॉल कम करने की दवाई ले रहे हैं तो अलसी का सेवन डॉक्टर से सलाह लेने के बाद ही करें।
  • गर्भवति महिलाओं को अलसी का बीज खाने की सलाह नहीं दी जाती है।
  • ब्लड प्रेशर से गुजर रहे हैं उन लोगों को अलसी खाने की सलाह नहीं दी जाती है।
  • अलसी की तासीर गर्म होती है जिस कारण से इसका सेवन नियमित रूप से करने के लिए कहा जाता है।
  • अगर आपको किसी बीज से एलर्जी है तो हो सकता है कि आपको अलसी के बीज (flax seeds in hindi) से भी एलर्जी हो। एलर्जी होने पर आपको लाल धब्बे, खुजली हो सकती है।

आखिर में

अलसी ऐसी बीज है जिसके फायदे सेहत, त्वचा और बालों के लिए हैं। सही मात्रा में अलसी के बीज (flax seeds in hindi) का सेवन करने से कई सारे फायदे मिल सकते हैं जैसे कि ब्लड प्रेशर कंट्रोल, कम कोलेस्ट्रॉल, वजन कम करने में मदद, सेहतमंद त्वचा, मजबूत बाल आदि। अलसी का सेवन करते समय इस बात का ध्यान रखें कि तरल पदार्थ का सेवन भी ज्यादा करें। कच्ची अलसी का सेवन ना करें। अलसी के तेल का इस्तेमाल खाना बनाने के लिए ना करें। इसके जगह पर खाना पकने के बाद अलसी के तेल का इस्तेमाल कर सकते हैं और फिर खाना प्री हीट कर सकते हैं। सही मात्रा में ही अलसी का सेवन करने से आपको इसके फायदे मिलेंगे।

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free में मिलने वाले बेलपत्र के अध्भुत फायदे जानकर हैरान रह जाएंगे

 बेलपत्र और बेलपत्र से बना चूर्ण खाने के अध्भुत फायदे 


नमस्कार दोस्तों ... 

आपने अपने आस पास कहि पर बेल का पेड़ तो देखा होगा , बेल पत्र यानि बेल के पत्ते भगवन शिव को भी बहुत पसंद है , लेकिन आप इसके कुछ अध्भुत फायदे जानकर हैरान हो जाएंगे , 



बेलपत्र चूर्ण के फायदे :


1. बुखार में है फायदेमंद :


 बुखार होने पर बेल की पत्तियों के काढ़े का सेवन लाभप्रद है। यदि मधुमक्खी, बर्र अथवा ततैया के काटने पर जलन होती है। ऐसी स्थिति में काटे गए स्थान पर बेलपत्र का रस लगाने से राहत मिलती है।


2 दिल के रोगियों ,श्वाश या asthma के रोगियों के लिए :


 हृदय रोगियों के लिए भी बेलपत्र का प्रयोग बेहद फायदेमंद है। बेलपत्र का काढ़ा बनाकर पीने से हृदय मजबूत होता है और हार्ट अटैक का खतरा कम होता है। श्वास रोगियों के लिए भी यह अमृत के समान है। इन पत्तियों का रस पीने से श्वास रोग में काफी लाभ होता है। 

3 मुँह के छाले में असरदार :


 शरीर में गर्मी बढ़ने पर या मुंह में गर्मी के कारण यदि छाले हो जाएं, तो बेल की पत्तियों को मुंह में रखकर चबाने से लाभ मिलता है और छाले समाप्त हो जाते हैं।

4 बवासीर का इलाज :  

बवासीर आजकल एक आम बीमारी हो गई है। खूनी बवासीर तो बहुत ही तकलीफ देने वाला रोग है। बेल की जड़ का गूदा पीसकर बराबर मात्रा में मिश्री मिलाकर उसका चूर्ण बना लें। इस चूर्ण को सुबह शाम ठंडे पानी के साथ लें। यदि पीड़ा अधिक है तो दिन में तीन बार लें। इससे बवासीर में फौरन लाभ मिलता है।

 

 

5 यदि किसी कारण से बेल की जड़ उपलब्ध न हो सके तो कच्चे बेलफल का गूदा, सौंफ और सौंठ मिलाकर उसका काढ़ा बना कर सेवन करना भी लाभदायक होगा। यह प्रयोग एक सप्ताह तक करें।


6  बरसात में अक्सर सर्दी, जुकाम और बुखार की समस्याएं अधिक होती हैं। ऐसे में बेलपत्र के रस में शहद मिलाकर पीना फायदेमंद है। वहीं विषम ज्वर हो जाने पर इसके पेस्ट की गोलियां बनाकर गुड़ के साथ खाई जाती हैं।

 

7 पेट या आंतों में कीड़े होना या फिर बच्चें में दस्त लगने की समस्या हो, बेलपत्र का रस पिलाने से काफी फायदा होता है और यह समस्याएं समाप्त हो जाती हैं।



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ये अकेला पौधा आपके लाखो रूपये बचा सकता है

 नमस्कार दोस्तों ..

आज हम आपको एक बहुत ही अजीबोगरीब पौधे के बारे में बताएंगे जिसके बारे में बहुत कम लोग जानते है इसके नाम के साथ साथ इसके फायदे भी कमाल के है , 





इस पौधे का नाम है पत्थरचट्टा जी हाँ है न अजीब सा नाम , अब आपको बताते है की इसे पत्थरचट्टा क्यों कहते है अगर आप छोटे छोटे पत्थर के तड़के को इसके पत्ते पर घिसेंगे तो वह बहुत जल्दी घिस जाता है इसीलिए इसे पथरी की दवाई के रूप में भी बहुत ज्यादा काम में लाया जाता है , क्योकि यह किसी भी तरह की पथरी को ख़तम करने का गुण रखता है , इसी लिए इसका नाम पत्थरचट्टा है , 

आइये सबसे पहले आपको इसके कुछ ओषधीय गुणों के बारे में बताते है : पथरचट्टा का ये पौधा कई तरह के प्राकर्तिक और औषधीय गुणों से भरपूर है ,इसी कारण आंतरिक और बाहरी दोनों तरीको से इस्तेमाल किया जाता है , 

जैसे की अगर किसी को पथरी है तो भी पत्थरचटा का प्रयोग किया जाता है , और अगर किसी को बाहरी जैसे फोड़े , फुंसी , घाव हो जाता है तो भी पथरचट्टा का प्रयोग किया जाता है , 



पथरचट्टा के कुछ मुख्य फायदे : 


1.पेट दर्द में फायदेमंद :

 अगर आप इसके जूस को ले इसमें थोड़ा सा सोंठ मिला ले और इसे गरम पानी से ले कुछ ही देर में आपका पेट दर्द बंद हो जाएगा , 


2. पित्ताशय की पथरी में देता है फायदा :


3. घाव और भरी चोट को बहुत जल्दी ठीक करता है :


4. मूत्र मार्ग की पथरी को बहार निकल देता है :


5. पेशाब की जलन में फायदेमंद :


6. गठिया में लाभदायक :


7. शरीर को ठंडक देता है :


8. पेट के अल्सर को दूर करता है :


9. बालो की रुसी को दूर करता है 


10. सर दर्द को ठीक करता है :


11. कान दर्द में है फायदेमंद 


12. आँखों की रौशनी बढ़ाने में सक्षम 


13. खुनी दस्तो में देता है राहत 


14. औरतो की ल्यूकेमिया की बीमारी में फायदेमंद 


15. उक्त रक्तचाप को ठीक करता है 




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