खोटे सिक्के जो खुद चले नहीं कभी बाजार में
वो भी कमिया खोज रहे है आज मेरे किरदार में
जिनका मिलना नहीं होता मुकद्दर में
उनसे मोहब्बत कसम से कमाल की होती है ,
मिल सके आसानी से उसकी ख्वाईश किसको है
जिद तो उसकी है जो मुकद्दर में लिखा ही नहीं ,,,
उम्मीद पर वो सारा जीवन काट लेता है
आंसू के कतरो से मुस्कान छांट लाता है
अमीरो की भूख है जो कभी शांत नहीं होती
और गरीब आधा निवाला भी मगर बाँट लेता है ..
शक्शियत अच्छी होगी तभी दुसमन बनेगे
वर्ना बुरे लोगो को पूछता कौन है ,
अमीर के घर में कौआ सब को मोर लगता है
गरीब जब भूखा हो तो सबको चोर लगता है ,,
खुद पुकारेगी मंजिल तो ठहर जाऊंगा
वरना खुद्दार मुसाफिर हूँ गुजर जाऊंगा ....
दुनिया के लिए आप एक व्यक्ति है
लेकिन परिवार के लिए आप पूरी दुनिया है
इसलिए आप अपना ख्याल रखे ...
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