नई सदी में मिल रही दर्द भरी सौगात
बीटा कहे बाप से तेरी क्या औकात ,,
पानी आँखों का मरा , मरी शर्म और लाज
बहु कहे अब शास से घर पर मेरा राज ,,
भाई भी करता नहीं भाई पर विश्वास
बहन पराई हो गयी साली खासमखास ,,
मंदिर में पूजा करे ,घर में करे क्लेश
बापू तो बोझा लगे पत्थर लगे गणेश ,,
बचे कहा अब शेष है दया धर्म ईमान
पत्थर के भगवन है पत्थर दिल इंसान ,,
पत्थर के भगवान को लगते छप्पन भोग
मर जाते फुटपाथ पर भूखे प्यासे लोग ,,
फैला है पाखंड का अंधकार चारो और
पापी करते जागरण मचा मचा कर शोर ,,
पहन मखौटा धर्म का करते दिन भर पाप
भंडारे करते फिरे घर में भूखे बैठे माँ बाप ,,
अपनों को हमेशा अपने होने का अहसास दिलाते रहिये वरना वक्त आपके अपनों को आपके बिना रहना सीखा देगा ,
दिल टूटने पर भी हसना
शायद जिंदादिली इसी को कहते है ,
ठोकर लगने पर भी मंजिल तक भटकना
शायद तलाश इसी को कहते है ,,
किसीको चाहकर भी ना पाना
शायद चाहत इसी को कहते है ,,
टूटे खण्डार में बिना तेल के दिया जलाना
शायद उम्मीद इसी को कहते है ,,
गिरजाना पर फिर से खड़े होने की हिम्मत रखना
शायद होशला इसी को कहते है ,,
जिंदगी से जुडी हिंदी शायरी , दिल को छू लेने वाली शायरी
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