जिंदगी बड़ी अजीब होती है
कभी हार तो कभी जीत होती है ,,
जब आ जाए हँसते हुवे आँख में पानी
तब अहसास होता है की हर खुशी को
पाने में कितनी तकलीफ होती है ,,
रिमझिम तो है मगर सावन गायब है
बच्चे तो है मगर बचपन गायब है
क्या हो गयी है तासीर जमाने की
अपने तो है मगर अपनापन गयाब है ,,
लोग डूबते है तो समंदर को दोष देते है
मंजिल न मिले तो किस्मत को दोष देते है
खुद चलते नहीं संभल कर
गिर जाए तो पत्थर को दोष देते है ,,,
क्या बात करे इस दुनिया की
हर शख्स के अपने अपसाने है
जो सामने है उसे लोग बुरा कहते है
और जिसे देखा ही नहीं उसे लोग खुदा कहते है ...
में एक छुपी हुयी पहचान रखता हूँ
बाहर शांत हूँ मगर अन्दर तूफान रखता हूँ
रख के तराजू में अपने दोस्त की खुशिया
दूसरे पलड़े मे मैं अपनी जान रखता हूँ
मुर्दो की बस्ती मे जमीर को जिन्दा रखकर
ऐ जिंदगी मे तेर उसूलो का मान रखता हूँ ...
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