दोस्ती की दुनिया में किसी को उतरने ना दिया
मिटटी में मोतियों को बिखरने ना दिया
जिस राह पर पड़े ऐ दोस्त तेरे कदमो के निशान
उस राह से किसी और को गुजरने ना दिया ,,
कभी फूल तो कभी हवा बन कर छा जाएंगे
हम तो मरकर भी रिस्ता निभाएंगे
कभी तन्हाई में याद करना हमे
खुशी बांके आपको हंसा जाएंगे ,,
तिनका तिनका तूफान में बिखरते चले गए
तन्हाई की गहराई में उतरते चले गए
उड़ते थे जिनके सहारे आसमा में हम
वो एक एक करके बिछड़ते चले गए ,,
सांसो के पिंजरे किसी दिन टूट जाएंगे
फिर मुसाफिर रास्ते में छूट जाएंगे
अभी जिन्दा हूँ तो बात कर लिया करो
क्या पता जिंदगी का धागा कब टूट जाए ,,
जिसकी आरजू थी वो दीदार ना मिला
बरसो जिसका इंतज़ार किया वो पल ना मिला
मोहब्बत में किसी को हम ना मिले
तो कोई हमे ना मिला ,,
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