कभी कभी ये दिल जरूर रोता है
जब कोई अपना मिलकर नजरो से दूर होता है
क्यों रोती है कम्बखत ये आँखे
क्योकि दिल से ज्यादा इन्ही का कसूर होता है ,,
बरसने के बाद बादल गिरा नहीं करते
मुरझाने के बाद फूल खिला नहीं करते
दोस्तों की अहमियत समझनी पड़ती है
क्योकि बिछड़ने के बाद दोस्त मिला नहीं करते ,,
दिल से निकली दुआ है हमारी
जिंदगी में मिले आपको खुशिया सारी
गम ना दे खुदा आपको चाहे
तो कुछ जिंदगी कम कर दे हमारी ,,
कोई हमारी तरह हसाये तो बता देना
कोई हमारी तरह सताये तो बता देना
दोस्ती तो कर लेगा कोई भी आपसे
कोई हमारी तरह निभाए तो बता देना ,,
आज कोई गजल तेरे नाम हो जाए
लिखते लिखते चाहे आज शाम हो जाए
कर रहे है इंतज़ार तेरे इज़हारे मोहब्बत का
और इस इंतज़ार में चाहे जिंदगी तमाम हो जाए
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