हमारी कब्र की मिटटी रोज चुराता है कोई
हर दम हर पल याद आता है कोई
ऐ खुदा दो पल के लिए सांसे दे दे
रोज हमारी कब्र से उदास लौट जाता है कोई ,,
ये दिल ना जाने क्यों प्यार कर बैठा
मुझसे पूछी बिना ही इकरार कर बैठा
इस जमीन पर टूटे सितारे नहीं गिरते
और ये पागल है की चाँद से प्यार कर बैठा ,,
आँखों में अरमान जिया करते है
सांसो से इंसान जिया करते है
जब जब तुम्हारी पालक झपकती है
सोच लेना हम तुम्हे याद किया करते है ,,
सपनो की तरह तुझे सजा के रखूं
चांदनी रात की नजर से छुपा के रखूं
मेरी तकदीर मेरे साथ नहीं वरना
जिंदगी भर तुझे अपना बना के रखूं ,,
परवाह करो उसकी जो आपकी परवाह करे
जिंदगी में आपको रुशवा ना करे
जान बनकर उतर जाओ उसके दिल में
जो खुद से पहले आपके लिए दुआ करे ,,
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