जिंदगी दो दिन की है
एक दिन आपके हक़ में और
एक दिन आपके खिलाफ
जिस दिन आपके हक़ में हो गरूर मत करना
और जिस दिन आपके खिलाफ हो थोड़ा सब्र जरूर करना ,,
कर्म तेरे अच्छे है तो किस्मत तेरी दासी है
नियत तेरी अच्छी है तो घर में मथुरा काशी है ,,
झुकता वही है जिसमे जान होती है
अकड़ना तो मुर्दो की पहचान होती है ,,
में बचाता रहा दीमक से घर अपना ,
और चंद कुर्सी के कीड़े पुरे मुल्क को चाट गए ,,
दर्द और दौलत :
एक दिन दर्द ने दौलत से कहा
तुम कितनी खुसनसीब हो हर कोई तुम्हे पाने की कोशिश करता है ,
और में कितना बदनसीब हूँ की हर कोई मुझसे दूर जाने की कोशिश करता है ,,
तब दौलत ने दर्द से कहा :
खुसनसीब तो तुम हो जिसको पाकर लोग अपनों को याद करते है , और
बदनसीब तो में हूँ जिसको पाकर अक्सर लोग अपनों को भूल जाते है ,,
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