हमने तो तुझे भी गैर नहीं समझा
तू भी अपना होने का कुछ हक़ जता दे
कुछ और नहीं तो कर इतना ही कर्म
जहा तू याद ना आये वो जगह बता दे ,,
बनकर धड़कन जो दिल के करीब आते है
एक एक लम्हा जिनकी याद में बिताते है
आंसू निकलते है जब वो याद आते है
जान चली जाती है जब वो रूठ जाते है ,,
तमन्ना करते है जिन खुशियों को पाने की
दुआ है वो खुशिया तुम्हारे कदमो में हो
खुदा तुम्हे वो सब हकीकत में दे
जो कुछ तुम्हारे सपनो में हो ,,
टूट के चाहा जिसे वो लौट कर आया नहीं
उसके सिवा दिल ने किसी को चाहा नहीं
प्यार के सौदे में हम रहे हर बार फिर भी
उसने कुछ खोया नहीं और हमने कुछ पाया नहीं ,,
इस दर्द दिल को जमाना क्या जाने
एक बेवफा इश्क़ को निभाना क्या जाने
कब्र के अंदर होती है कितनी बेचैनी
ये कब्र पे फूल चढ़ाने वाला क्या जाने ,,
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