जरा सी जिंदगी है अरमान बहुत है
हमदर्द नहीं कोई पर इंसान बहुत है
दिल का दर्द सुनाऊ किसको
जो दिल के करीब है वो अनजान बहुत है ,,
आंसू आते है आँखों में
फिर भी लबो पे हंसी लानी पड़ती है
मोहब्बत भी क्या चीज़ है यारो
जिससे होती है उसी से छुपानी पड़ती है ,,
दिल उसको भुला नहीं सकता
ऐसा क्यों है में बता नहीं सकता ,
मुश्किल तो एक है कि उसको पता नहीं
और दिल चीर में दिखा नहीं सकता ,,
कुछ लोग अपने प्यार को रुला देते है
प्यार कितना भी अनमोल हो भुला देते है
प्यार निभाना हो तो गुलाब से सीखो
जो खुद टूटकर दो दिलो को मिला देता है ,,
उस गुलाब से पूछो दर्द क्या होता है
जो हर वक्त खामोश रहता है
ओरो को देता है पैगामे मोहब्बत
और खुद काटो कि चुभन को सहता है ,,
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