पलकों पर आकर रुक जाते है आंसू
तन्हाई पाकर बह जाते है आंसू
दिल तो बहुत चाहता है की गम बाट लूँ आपसे
पर हॅसते देख आपको , सुख जाते है ये आंसू ,,
चाहत में मेरी कोई खोट तो नहीं
फिर वो क्यों बार बार आजमाए मुझे
दिल तो उसकी याद के बिना इक पल भी नहीं रहता
फिर कैसे मुमकिन है वो भूल जाए मुझे ,,
रिश्ते होते है जिंदगी बिताने के लिए
हम मिट जाए इन्हे निभाने के लिए
मिलने का नसीब जब होगा तब होगा
हम आपको याद करते है आपको
याद दिलाने के लिए ,,
जाना कहा था और कहा आए गए
दुनिया में बन कर मेहमान आ गए
अभी तो जिंदगी की किताब खोली ही थी
और ना जाने कितने इम्तेहान आ गए ,,
दिल में है जो दर्द वो दर्द किसे बताए
हॅसते हुए ये जखम किसे दिखाए
कहती है ये दुनिया मुझे खुसनसीब
मगर इस नसीब की दास्ताँ हम किसे सुनाए ,,,
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