सब कुछ पाना जनता हूँ
में किस्मत को अपनी आजमाना जनता हूँ
ये जो खड़े है सर उठाए उन्हें झुकाना जनता हूँ
हालात से अपने लड़ जाना जानता हूँ
कुछ भी ना हो मुझ पे फिर भी सब कुछ पाना जानता हूँ ,,
हूँ में सूरज अँधेरे से लड़ जाना जानता हूँ
वक्त से आगे अब निकल जाना जानता हूँ
जहा ना मिले इज़्ज़त वहां से खुद को बचाना जानता हूँ
कुछ भी ना हो मुझ पे फिर भी सब कुछ पाना जानता हूँ ,,
ठोकरे खायी है बहुत अब संभल जाना जानता हूँ
दुनिया में सब कुछ है पैसा उसे अब में कमाना जानता हूँ
वक्त से लड़ा हूँ बहोत , वक्त से आगे निकल जाना जानता हूँ
कुछ भी ना हो मुझ पे फिर भी सब कुछ पाना जानता हूँ ,,
खड़े है मखोटे के पीछे जो कपटी ,
उन्हें अब में पहचान जाना जानता हूँ
गिरे हुए को कुछ उठाना जानता हूँ
मदद के लिए हाथ बढ़ाना जानता हूँ
और कुछ भी ना हो मुझ पे
फिर भी सब कुछ पाना जानता हूँ
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