नमस्कार दोस्तों
इस पोस्ट में हम बात करेंगे एक ऐसे तेल के बारे में जिसे जानने के लिए लोग उत्सुक रहते है और जवान लोग इसका बहुत ज्यादा इस्तेमाल भी कर रहे है , इस तेल का नाम है सांडे का तेल, sanda oil ,
सांडे के तेल के बारे में कहा जाता है की सांडे का तेल (sanda oil) मर्दाना कमजोरी ,जैसे नपुंसकता का दूर करता है , इसके साथ साथ सांडे का तेल (sanda oil) और भी कई गुप्त बीमारियों के इलाज में काम आता है , आमतौर पर ऐसी धारणा है की सांडे का तेल (sanda oil) उन बीमारियों में काम आता है जिनका जिक्र हम खुले में या सबके सामने नहीं कर सकते ,
यहाँ पर हम इन सभी बीमारियों के बारे में नहीं बल्कि इसके बारे में बात करेंगे की सांडे का तेल (sanda oil) बनता कैसे है सांडे के तेल (sanda oil) को लेकर जो धारणाएँ या मान्यताए है क्या वो वैज्ञानिक तोर भी खरी उतरती है ,
सबसे पहले आपको बता दे की सांडा ,sanda नामक एक जीव होता है जो लगभग छिपकली की तरह दिखता है , ये जीव आमतौर पर गर्म जगहों पर मिलता है भारत के राजस्थान और पाकिस्तान में ये पाया जाता है ,
95 % लोगो का कहना ये है की इस जीव को मरने के बाद इसकी चर्बी निकली जाती है जिसमे से सांडे का तेल (sanda oil ) निकलता है , वहीं 5 % लोगो का मानना ये है की सांडे के तेल को बनाने के लिए इस जीव को जिन्दा ही गरम तेल के अंदर छोड़ दिया जाया है और बाद में इसी से तल निकला जाता है ,
आपकी जानकारी के लिए बता दे की सांडे को पकड़ना और मारना दोनों ही गैर क़ानूनी है ,
अब आपको बताते है की सांडे के तेल (sanda oil ) में और क्या क्या मिलाया जाता है :
1. अश्वगंधा
2. कलौंजी का तेल
3. धतूरा
4. सुरा सुर
5. सरसो का तेल
6. सांडे का चर्बी
वैज्ञानिक परामर्श :
वैज्ञानिक और कुछ चिक्तिस्को का ऐसा मानना है की सांडे का तेल सिर्फ नशो को गर्मी देता है जिसके कारन इसकी मालिश से बदन दर्द , फालिश मारने , पुट्ठो की कमजोरी आदि में लाभदायक होता है , इसके आलावा वैज्ञानिक और चिक्तिस्को का मानना है की लोग जिन बीमारियों के लिए इसे खरीदते है उसमे इसका कोई फायदा नहीं होता , ऐसा माना जाता है की लोगो को इन बीमारियों के बारे में डराया जाता है और इसके निवारण के लिए सांडे के तेल को बताया जाता है जिसके कारण उनकी बिक्री बढ़ सके , हाँ यह माना जाता है की इससे नशो में या मालिश की जगह पर गर्मी पैदा होती है ,
सांडे के तेल से जुड़े सवाल जवाब :
Q1. सांडे के तेल (sanda oil ) का इस्तेमाल कितने दिनों तक करना चाहिए.
अगर आप सांडे का तेल (sanda oil ) इस्तेमाल 3 महीनों तक करते है, तो यह आप के बहुत कारगर साबित होगा. इसके 1 महीने तक इस्तेमाल करने से असर दिखना शुरू हो जाते है.
Q2. क्या सांडे का तेल (sanda oil ) का अधिक इस्तेमाल से इसकी आदत लग जाती है.
सांडे के तेल (sanda oil ) को प्राकृतिक चीजों से बनाया जाता है. अतः सांडे के तेल के इस्तेमाल से लत लगने की संभावना बहुत कम है. लेकिन सांडे के तेल का इस्तेमाल अधिक ना करे.
Q3. सांडे के तेल (sanda oil ) इस्तेमाल सेक्स करने कितने देर पहले करना चाहिए.
सांडे के तेल (sanda oil ) का इस्तेमाल संबंध बनाने से 1 घंटा पहले करना चाहिए. क्यूंकि किसी भी तेल को असर करने में कम से कम एक घंटे का समय अवश्य लगता है.
Q4. क्या सांडे के तेल (sanda oil ) का इस्तेमाल महिलाएं भी कर सकती हैं?
नहीं, इसका इस्तेमाल केवल पुरुष ही कर सकते हैं.
Q5 . सांडे के तेल (sanda oil ) का इस्तेमाल एक दिन में कितनी बार करना चाहिए.
सांडे के तेल sanda oil side effects in Hindi का इस्तेमाल आप एक दिन मैं 2 बार या उससे अधिक भी कर सकते हैं.
सांडे का तेल के उपयोग क्या होते है ? सांडे का तेल कैसे बनाया जाता है ? सांडे के तेल मुख्यता किस काम के लिए है ?
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