पिता नीम के पेड़ जैसा होता है
उसके पत्ते भले ही कड़वे हो पर
छाया वो हमेशा ठंडी ही देता है ,
अंदाज अलग है मेरे सोचने का
सबको मंजिल का शौक है और मुझे रास्तो का
लोग कहते है पैसा रखो बुरे वक्त में काम आएगा
हम कहते है अच्छे लोगो के साथ रहो बुरा वक्त ही नहीं आएगा
थोड़ा सा गरूर भी जरूरी है जिंदगी में
ज्यादा झुक के चलोगे तो लोग पीठ का
पायदान बना देंगे ,
जीवन के अनुभव उस अनजान सड़क की तरह है
जो बिना सफर किये मालूम नहीं होते ....
जिंदगी कितनी भी खूबसूरत क्यों न हो
अपनों के बिना हमेशा अधूरी रहती है ....
शिकायत छोड़िये शुक्रिया अदा कीजिए
आपके पास जितना है ना जाने उतना
कितनो के पास नहीं है ...
संघर्ष के समय कोई नजदीक नहीं आता
और सफलता के बाद किसी को आमंत्रित नहीं करना पड़ता ....
जिंदगी कभी कम या ज्यादा नहीं होती
लोग जीना ही देर से समझते है ....
लाइफ में ऐसा ATTITUDE बनाओ
जो जैसा है उसे उसी की भाषा में समझाओ ...
ढल जाती है हर चीज़ अपने वक्त पर
बस एक व्यव्हार और लगाव ही है जो
कभी बूढ़ा नहीं होता....
कुछ लोग आये थे मेरा दुःख बाटने
में जब खुश हुआ तो खफा होकर चले गए
हम भी परवाह करते है पर बोलते नहीं
क्योकि हम रिस्ता निभाते है तोलते नहीं ...
सीमेंट से एक ही चीज़ सिखने को मिलती है
जोड़ने के लिए नरम और जुड़े रहने के लिए
सख्त होना जरूरी है ...
शरीर से प्रेम है तो आसन करे
साँस से प्रेम है तो प्रणायाम करे
आत्मा से प्रेम है तो ध्यान करे
परमात्मा से प्रेम है तो समर्पण करे...
मन के सारे राज हर किसी को बताना
ठीक नहीं है क्योकि कब आपका मित्र
आपका शत्रु बन जाए कहा नहीं जा सकता
मजाक मत उड़ाना किसी को उदास देख कर दोस्तों
क्या पता कोई अपने अंदर कितना बड़ा दर्द लेके जी रहा हो
कोई भी रिश्ता आपकी मर्जी से नहीं जुड़ता क्योकि
आपको कब कहा और किससे मिलना है ये सिर्फ
ऊपर वाला तय करता है ....
संसार में सभी एक जैसे नहीं होते
इसलिए जिसने तुम्हारा साथ दिया
उसका साथ हमेशा दो और जिसने तुम्हे
बुरे वक्त में त्याग दिया उसे तुम भी त्याग दो
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें