आखिर क्यों ? मिला सीता माता को श्राप ।
कथा के अनुसार , त्रेता युग में जब श्री रामचंद्र जी का जन्म राजा दशरथ के घर हुआ था । और माता सीता का जन्म जनक पूरी में हुआ था । राजा जनक को माता सीता खेत में हल जोतते हुए प्राप्त हुई थी । राजा जनक ने उनका नाम सीता रखा । और अपनी पुत्री के रूप में उनका पालन पोषण किया । माता सीता की तीन बहनें और थी जिनका नाम — उर्मिला, श्रुतिकीर्ति और मांडवी था। एक दिन सीता जी अपनी बहनों और सखियों के साथ बगीचे में खेल रही थी । खेलते खेलते उन्हें एक तोता मैना की जोड़ी दिखाई पड़ी। उन्हें तोता और मैना की जोड़ी बहुत अच्छी लगी। सीता जी ने उन्हें पकड़ना चाहा लेकिन तोता तो उड़ गया और मैना को सीता ने पकड़ लिया। मैना को पकड़कर उन्होंने मैना को सोने के पिंजरे में बंद कर दिया और वे उसकी देख रेख करने लगी । वे पिंजरे में ही उसे पानी और दाना डालने लगी लेकिन सीता जी ने देखा कि मैना कुछ भी नहीं खा रही थी और ना ही पानी पी रही थी। मैना बहुत दुखी थी। उसने सीता जी को कहा कि सीता मुझे यहां से जाने दो मैं गर्भवती हूं । मैं अपने पति के पास जाना चाहती हूं । सीता जी ने कहा लेकिन मैंने तो तुम्हें यहां सोने के पिंजरे में रखा है और तुम्हारी इतनी देखरेख कर रही हूं फिर भी तुम यहां से जाना चाहती हो। मैना ने कहा पिंजरा तो पिंजरा होता है चाहे वह सोने का हो या फिर लोहे का । मैं इस समय अपने पति से अलग नहीं रह सकती । मुझे उन्हीं के पास जाना है । लेकिन सीता जी ने उसकी बात नहीं मानी और उसे वहीं सोने के पिंजरे में रखा। तब मैना ने सीता जी को श्राप दिया कि जिस प्रकार तुमने मुझे गर्भावस्था में अपने पति से दूर किया है। उसी तरह तुम भी गर्भावस्था में अपने पति से दूर हो जाओगी । और जिस तरह मैं अपने पति के लिए तड़प रही हूं उसी तरह तुम भी अपने पति से मिलने के लिए तड़पोगी। यह कहते ही मैना ने अपने प्राण त्याग दिए उधर तोते को जब इस बात का पता चला तो उसने भी अपने प्राण त्याग दिए । यही तोता और मैना अगले जन्म में धोबी और धोबिन बने थे और अयोध्या नगरी में जन्म लिया था। जब राम जी 14 वर्ष का वनवास काटकर और रावण को मार कर अयोध्या वापस आए थे। तब इसी धोबी ने सीता माता पर झूठा लांछन लगाया था और सीता माता को गर्भावस्था में ही वनवास को जाना पड़ा था। तब सीता माता को वाल्मीकि ऋषि अपने आश्रम में ले आए । वहीं पर लव और कुश का जन्म हुआ था । जब श्री राम जी ने अयोध्या नगरी के सामने सीता माता की परीक्षा ली तब सीता माता की पवित्रता को साबित करने के लिए धरती माता ने उन्हें अपनी गोद में समा लिया था।
तो भक्तों । कर्म का फल तो इस दुनिया में सभी को भोगना पड़ता है चाहे वह भगवान हो या इंसान। जैसा कर्म करोगे वैसा ही फल मिलेगा।
After all, why Sita Mata got cursed
But why ? Sita Mata got cursed.
According to the legend, in Treta Yuga when Shri Ramchandra ji was born in the house of King Dasharatha. And Mother Sita was born in Janak Puri. Mother Sita was found by King Janak while plowing the field. King Janak named her Sita. and raised her as his own daughter. Mother Sita had three more sisters whose names were Urmila, Shrutikirti and Mandvi. One day Sita ji was playing in the garden with her sisters and friends. While playing, he saw a pair of parrot mynah. He liked the pairing of parrot and myna very much. Sita ji tried to catch them but the parrot flew away and Sita caught Maina. Catching Myna, they locked Myna in a gold cage and she started looking after him. She started pouring him water and grains in the cage itself, but Sita ji saw that I was not eating or drinking anything. I was very sad. He told Sita ji that Sita let me go from here I am pregnant. I want to go to my husband. Sita ji said but I have kept you here in a sleeping cage and I am taking care of you so much, still you want to leave from here. I said that a cage is a cage, whether it is of gold or of iron. I cannot live apart from my husband at this time. I want to go to them. But Sita ji did not listen to him and kept him in a golden cage there. Then I cursed Sita ji that the way you have separated me from my husband during pregnancy. In the same way you will also be separated from your husband during pregnancy. And just as I am yearning for my husband, in the same way you will also yearn to meet your husband. On saying this, Maina gave up his life, whereas when the parrot came to know about this, he also gave up his life. This parrot and Maina had become washermen and washermen in the next life and were born in the city of Ayodhya. When Ram ji came back to Ayodhya after spending 14 years of exile and killing Ravana. Then this washerman had falsely slandered Sita Mata and Sita Mata had to go to exile in her pregnancy itself. Then Valmiki Rishi brought Sita to his ashram. It was there that Luv and Kush were born. When Shri Ram ji took the test of Sita Mata in front of the city of Ayodhya, Mother Earth took her in her lap to prove the purity of Sita Mata.
So devotees. Everyone in this world has to suffer the fruits of karma, whether it is God or human. Whatever you do, you will get the same result.
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