How did a child and an old woman find God? कैसे एक बच्चे और एक बूढी औरत ने भगवान को ढूंढा ?

 एक बार की बात है राजू नाम का एक छोटा बच्चा होता है। वह अपन पिता से रोज पूछता है कि मै भगवान से कब मिलूगां।  मुझे उनसे मिलने की बहुत इच्छा हैं। और हर बार पिता बस एक ही बात कहते की बेटा भगवान कण- कण मे है। तुम भगवान को हर इंसान मे देख सकते हो। इसलिए राजू ने बालपन में सोच लिया कि उसे ईश्वर से मिलना है। राजू ने सुन रखा था कि ईश्वर दूर कहीं रहता है, इसलिए उसने ईश्वर से मिलने के लिए यात्रा की तैयारी शुरू की। उसने गठरी में कुछ खाद्य सामग्री बांधी और पीने के लिए दूध और जल लेकर ईश्वर से मिलने के लिए चल पड़ा। उस समय वह मात्र पांच वर्ष का ही था। अभी वह अपने घर से निकलकर जंगल की राह पर पहुंचा ही था कि उसे एक बुढी औरत दिखी, जो एक पत्थर पर बैठकर कबूतरों की और देख रही थी। राजू उस महिला के पास गया और उसके साथ ही उस पत्थर पर बैठ गया। कुछ देर बाद उसे भूख लगी तो उसने अपनी गठरी खोली और उसमें रखे कुछ व्यंजन खाकर दूध पीने लगा। महिला राजू को ध्यान से देख रही थी। राजू को लगा कि शायद महिला भी भूखी है इसलिए उसने अपने कुछ व्यंजन उस बूढ़ी महिला की तरफ बढ़ा दिए। बुढ़िया के चेहरे पर खूबसूरत मुस्कान फैल गई। राजू को लगा कि मानो उसने इस दुनिया की सबसे हसीन मुस्कान देखी हो। वह इसे फिर देखना चाहता था। उसने फिर से एक व्यंजन निकालकर आगे बढ़ा दिया। यह सिलसिला दोपहर तक चला। दोपहर में राजू थक गया और उठकर वापस घर की ओर चल दिया। घर पहुंचकर उसने दरवाजा खटखटाया। मां ने दरवाजा खोलकर उसे आश्चर्य से देखा और उसकी प्रसन्नता की वजह पूछी। राजू ने कहा कि पिता जी सही कहते है कि भगवान हम सबमे ही होते हैं। आज मै ईश्वर से मिलकर आया है और उसकी मुस्कान दुनिया में सबसे खूबसूरत है। राजू के चेहरे पर आई अभूतपूर्व शांति से मां आश्चर्यचकित थी। दूसरी ओर वृद्धा भी अपने घर देर से पहुंची तो बेटे ने मां से देर की वजह पूछी। मां ने कहा, आज मेरी मुलाकात ईश्वर से हुई। वह मेरी उम्मीद से काफी कम उम्र के थे।

 

दोस्तो भगवान को कण- कण मे समाये है। भगवान को ढुंढने की बजाए अगर आप अपने आस पास ही देखे तो आपको भगवान मिल जायेगे। बस जरूरत है तो एक बस एक नजरिये की जिस से आप भगवान को देख पाए।





How did a child and an old woman find God?


Once upon a time there was a small child named Raju. He asks his father everyday when will I meet God. I very much want to meet him. And every time the father says only one thing that the son God is in every particle. You can see God in every human being. So Raju thought in his childhood that he had to meet God. Raju had heard that God lives somewhere far away, so he started preparing for the journey to meet God. He tied some food items in the bundle and went to meet God with milk and water to drink. At that time he was only five years old. He had just left his house and reached the forest path when he saw an old woman, sitting on a stone, looking at the pigeons. Raju went to the woman and sat on the stone with her. After some time he felt hungry, so he opened his bale and after eating some dishes kept in it, he started drinking milk. The woman was watching Raju carefully. Raju felt that perhaps the woman was also hungry, so he extended some of his dishes to the old lady. A beautiful smile spread across the old woman's face. Raju felt as if he had seen the most beautiful smile in this world. He wanted to see it again. He again took out a dish and carried it forward. This went on till noon. In the afternoon Raju got tired and got up and went back towards home. When he reached home, he knocked on the door. The mother opened the door and looked at him in surprise and asked the reason for his happiness. Raju said that Father rightly says that God is in all of us. Today I have come to meet God and his smile is the most beautiful in the world. The mother was surprised by the unprecedented calmness on Raju's face. On the other hand, when the old lady also reached her house late, the son asked the mother the reason for the delay. Mother said, today I met God. He was much younger than I expected.


 


Friends, God is absorbed in every particle. Instead of looking for God, if you look around you, you will find God. All you need is just a point of view from which you can see God.

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