Story of Lord Krishna and Stolen Clothing , भगवान श्री कृष्ण और चोरी के वस्त्र की कहानी

 




























एक गांव में राधा कृष्ण की भक्ति करने वाले पति और पत्नी रहते थी। उनकी शादी को कई साल बीत चुके थे किंतु उनकी कोई संतान नहीं थी। वे हर रोज राधा कृष्ण की पूजा किया करते थे। एक दिन उनके गांव से कुछ औरते वृंदावन में बांके बिहारी के दर्शन के लिए जा रही थी। उस औरत ने भी अपने पति से उनके साथ जाने की इच्छा व्यक्त की। पति  ने कहा ठीक है तुम चली जाना परंतु मैं नहीं जा सकता। क्योंकि उनके घर में उसकी बुढिया मां भी थी। पति ने कहा तुम अकेली ही चली जाओ। वह औरत जाने की तैयारी करने लगी। अगली सुबह सब औरते मिल कर वृंदावन के लिए निकल गाई। जब वे वृंदावन पहुंची तो वहां का दृश्य देखकर वे सब बहुत प्रसन्न हुई। हर तरफ राधे राधे का नाम गूंज रहा था। सभी औरतें मिल कर एक धर्मशाला ने ठहरी। अगली सुबह जब वे बांके बिहारी के मंदिर में दर्शन के लिए जा रही थी तो सीढ़िया चढ़ते हुए वो औरत पीछे रह गई उसकी साथ की सारी औरते आगे निकल गई। भीड़ के कारण जब उस औरत को धक्का लगा तो जैसे ही वो सीढ़ियों से गिरने लगी तभी एक छोटी से लड़की ने उसका हाथ पकड़ लिया। और उसको गिरने से बचा लिया। फिर वो औरत उस लड़की का हाथ पकड़ कर एक तरफ बैठ गई। फिर वो दोनो आपस में बाते करने लगे। उस औरत ने उस लड़की के पूछने पर अपने बारे में सब कुछ बता दिया कि कैसे वो अपनी इच्छा पूरी करने के लिए वृंदावन आई है। औरत की बाते सुन कर लड़की के मुख पर एक प्यारी सी मुस्कान आ गाई थी। उसके बाद वो औरत दर्शन करके अपनी धरमशाल में वापिस आ गई। अगले दिन जब वो फिर से मंदिर में दर्शन करने के लिए गई तो उसे सीढ़ियों पर पीछे से किसी ने मईया कह कर पुकारा। जब उस औरत ने पीछे मुड कर देखा तो उसे वही कल वाली लड़की दिखाई दी। उस लड़की ने उस औरत को सीढ़ियों पर एक तरफ बैठने को कहा। फिर तो ये रोज का सिलसिला हो गया था। वे दोनो मंदिर की सीढ़ियों पर मिलने लगी। एक दिन जब वो लड़की उस औरत से मिलने आई तो उसके साथ एक उसकी ही उम्र का एक लड़का  भी था उसने कहा कि ये उसका सखा है । मईया ये भी आपसे मिलना चाहता था। उस औरत ने कहा हम दो दिन बाद वापिस अपने गांव जा रहे है। अगले दिन जब वो शाम को औरत मंदिर में दर्शन के लिए जा रही थी तो रास्ते में उसे राधे कृष्णा के वस्त्र वाली एक ठेला दिखा तो उसको मन से खयाल आया की गांव जाने से पहले उसे राधा कृष्ण को कुछ भेट करना चाहिए। तो उसने वहां से राधा और कृष्ण के कपड़े और मुरली खरीदी। परंतु औरत राधा के जोड़े का घोटा पसंद नही आया तो उसने अलग से घोटा ख सेट रीदा और धर्मशाला जा कर हाथ से घोटा लगाने लगी। उसने जोड़े को तैयार कर के अलग रख दिया। वह सोच ही रही थी कल वापिस जाने से पहले मंदिर में जा कर  जोड़ा चढा आयेगी। तभी उसे बाहर से उस छोटी से लड़की की आवाज सुनाई पड़ी। और वह बाहर आई और देखा की छोटी लड़की और उसका सखा खड़े है। लड़की ने कहा मईया आज मैने आपको दुकान से सुंदर से कपड़े खरीदते देखा था। मुझे भी उन कपड़ो को देखना है। उस औरत ने उन जोड़ो को उन्हें दिखाया। उन्हे वे कपड़े बहुत पसंद आए। लड़की ने मईया से कपड़े मांगे तो मईया ने मना कर दिया। कहा की ये कपड़े तो मैंने मंदिर के लिए खरीदे है मैं कल तुमने जाने से पहले तुम्हे दूसरे कपड़े दिला दुगी। परंतु वे दोनो नही माने और कपड़ो को लेकर भाग गए। रात होने के कारण वो मंदिर के लिए दूसरे कपड़े भी नहीं खरीद पाई। अगली सुबह जब वो दर्शन के लिए मंदिर गई और राधा कृष्ण के दर्शन कर के हैरान हो गई। उसे अपनी आंखों पर विश्वास नहीं हो रहा था। क्योंकि उसने देखा राधा रानी और बिहारी जी ने जो वस्त्र धारण किए है वे वही वस्त्र है जो रात में लड़की और उसका सखा ले कर भाग गए थे।और बिहारी जी के हाथ में  भी मुरली थी। उसने मंदिर के पुजारी से पूछा कि आज राधा और कृष्ण जी ने जो वस्त्र पहने है वे वस्त्र उन्हे कहां से मिले तो पुजारी ने बताया कि आज सुबह जब उन्होंने बिहारी जी और राधा रानी का श्रृंगार करने  के लिए मंदिर का परदा हटाया तो उन्हें ये वस्त्र वहां रखे मिले। पुजारी ने सोचा कि शायद आज भगवान जी को ये वस्त्र पहनने की इच्छा है इसी कारण ये वस्त्र यहां रखे हुए है। तो हमने इन्हीं वस्त्रों से इनका श्रृंगार कर दिया। उस औरत को समझ में आया कि वो दोनो राधा कृष्ण थें।
फिर तो वो औरत राधे राधे करती  हुई इधर उधर भागने लगी। तभी वहां पर उसके गांव की जो औरतें थी वे वहां पर आई और उसे अपने साथ ले गई। वे सब अपने गांव वापिस चली गई।और जाकर उस औरत को उसके घर पहुंचा दिया । उस औरत ने अपने पति और सास को सारी बात बताई। किसी को विश्वास ही नहीं हो रहा था।एक वर्ष बाद उनके घर एक पुत्री ने जन्म लिया।उसका नाम उन्होंने राधा रखा ।जब दोनो पति पत्नी बूढ़े हो गए थें तब दोनों जीवन के अंतिम दिनों में वृन्दावन गए।वहां जाकर वे राधे राधे कहकर गली गली घूमने लगे। कई दिनों बाद उन्हे फिर से उसी छोटी सी लडकी के दर्शन हुए।उसे देखते ही उस औरत ने उसे पहचान लिया और दोनो पति पत्नी उनके चरणों में गिर गए ।तभी दोनो के शरीर से एक ज्योति निकलकर उस छोटी सी लड़की में समा गई।

तो भक्तों, भगवान किसी भी रूप में दर्शन दे सकते है बस हमे उन्हे पहचानने की जरूरत है। सृष्टि के कण कण में भगवान बसे हुए है।


In a village, there lived a husband and wife who worshiped Radha Krishna. Many years had passed since their marriage but they had no children. He used to worship Radha Krishna everyday. One day some women from their village were going to Vrindavan to visit Banke Bihari. The woman also expressed her desire to accompany her husband to her. Husband said okay you go but I cannot go. Because his old mother was also in his house. Husband said you go alone. The woman started preparing to leave. The next morning all the women together left for Vrindavan. When they reached Vrindavan, they were all very happy to see the scene there. Radhe Radhe's name was echoing everywhere. All the women together stayed in a dharamsala. The next morning when she was going to visit the temple of Banke Bihari, the woman was left behind while climbing the stairs, all the women with her went ahead. When the woman was shocked due to the crowd, as soon as she started falling from the stairs, a small girl grabbed her hand. and saved him from falling. Then the woman sat on one side holding the girl's hand. Then both of them started talking amongst themselves. The woman told everything about herself when she asked that how she had come to Vrindavan to fulfill her wish. A sweet smile appeared on the girl's face after listening to the woman's words. After that the woman came back to her Dharamshal after having darshan. The next day when she went to visit the temple again, someone called her from behind on the stairs as Mayya. When the woman looked back, she saw the same girl as yesterday. The girl asked the woman to sit on one side of the stairs. Then it became a daily routine. They both started meeting on the steps of the temple. One day when that girl came to meet the woman, there was a boy of her same age with her and she said that this is her friend. Maya also wanted to meet you. The woman said that we are going back to our village after two days. The next day, when the woman was going to visit the temple in the evening, on the way she saw a handcart with Radhe Krishna's clothes, so she thought that she should present something to Radha Krishna before going to the village. So he bought Radha and Krishna's clothes and murli from there. But the woman did not like the scam of Radha's couple, so she went to Rida and Dharamsala separately and started scolding by hand. He prepared the couple and set them aside. She was thinking that before going back tomorrow, she would go to the temple and offer a pair. Then he heard the voice of that little girl from outside. And she came out and saw the little girl and her friend standing. The girl said, Maya, today I saw you buying beautiful clothes from the shop. I want to see those clothes too. The woman showed those couples to him. He really liked those clothes. When the girl asked for clothes from Mayya, Mayya refused. Said that I have bought these clothes for the temple, I will get you other clothes tomorrow before you leave. But both of them did not listen and ran away with the clothes. Due to nightfall, she could not even buy other clothes for the temple. The next morning when she went to the temple for darshan and Radha was surprised to see Krishna. He couldn't believe his eyes. Because he saw that the clothes Radha Rani and Bihari ji were wearing are the same clothes that the girl and her friend had run away in the night. And Bihari ji also had a murli in his hand. He asked the priest of the temple that from where did he get the clothes that Radha and Krishna ji were wearing today, the priest told that this morning when he removed the veil of the temple to make up Bihari ji and Radha Rani, he got these clothes. Keep it there. The priest thought that perhaps Lord ji has a desire to wear these clothes today, that is why he is keeping these clothes here. So we adorned them with these clothes. The woman understood that both of them were Radha Krishna.
Then the woman started running here and there while doing Radhe Radhe. Then the women of his village who were there came there and took him with them. They all went back to their village. And went and took that woman to her house. The woman told everything to her husband and mother-in-law. No one could believe. Started walking around the street. After several days, he again had a vision of the same little girl. On seeing her, the woman recognized her and both husband and wife fell at their feet. Then a light emerged from both of their bodies and engulfed the little girl.

So devotees, God can appear in any form, we just need to recognize Him. God resides in every particle of the universe.



कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें