बहुत पुराने समय की बात है। एक गांव के कुछ लोग केदारनाथ के दर्शन के लिए जा रहे थे। तभी गांव के एक आदमी ने सोचा कि मैं भी इनके साथ चलता हूं। लेकिन वे उसे अपने साथ लेकर नहीं गए। उस आदमी के पास अपना कोई साधन नहीं था जिससे वो केदारनाथ जा सके। परंतु उस आदमी के अंदर केदारनाथ के दर्शन की इतनी प्रबल इच्छा थी कि वो अकेला पैदल ही चलने को तैयार हो गया। रास्ता बहुत कठिन था पर फिर भी वह केदारनाथ के दर्शन की मन में अभिलाषा लिए चलता रहा। और भोले बाबा का नाम मुख से लेता रहा। केदारनाथ पहुंचने में उसे कई महीने लग गए थे। जब वो केदारनाथ पहुंचा तो देखा कि सभी भगतजन दर्शन करके वापिस आ रहे थे। उस आदमी ने देखा कि पुजारी ने मंदिर के कपाट बंद कर दिए है। उसने पुजारी से कहा कि वो बहुत दूर से पैदल चल कर आया है। कृपा करके एक बार कपाट खोल कर भोले बाबा के दर्शन करा दो। लेकिन मंदिर के पुजारी ने मना कर दिया। उसने कहा किसी के लिए भी नियम को बदला नहीं जा सकता। केदारनाथ में मंदिर के कपाट भक्तो के लिए सिर्फ 6 महीने ही खुलते है। और 6 महीने बंद रहते है। और आज आखरी दिन था। पुजारी ने कहा कि अब तो ये कपाट 6 महीने बाद ही खुलेंगे। तुम 6 महीने बाद ही आना क्योंकि यहां पर अब 6 महीने बहुत बर्फ पड़ेगी। कोई भी यहां पर 6 महीने नही रुक सकता। उस आदमी ने पुजारी से बहुत विनती की परंतु पुजारी ने उसके लिए अपने नियमों को नही बदला और पुजारी वहां से चला गया। उस आदमी ने देखा वहा पर को नहीं था। तो वो निराश होकर वही बैठ गया। रात का समय हो चुका था और उसे भूख भी बहुत जोर से लग रही थी। लेकिन वहा खाने के लिए कुछ नहीं था। काफी रात बीत चुकी थी उसे बहुत ठंड लग रही थी। उसके पास ओढ़ने को नही था।परंतु वो भोले बाबा का नाम जपता हुआ रोने लगा। उसे समझ नही आ रहा था कि अब वो क्या करे? तभी वहां पर एक अघोरी बाबा आया और उससे आकर पूछा की बेटा तुम क्यों रो रहे हो। उस आदमी ने अपनी सारी बात बताई। अघोरी बाबा ने उसे शांत किया और कुछ खाने को दिया। और वे दोने आपस में बहुत देर तक बाते करते रहे। काफी रात बीत चुकी थी। अब उस आदमी को थकान के कारण नींद आने लगी थी। उस अघोरी बाबा ने उसे ओढ़ने के लिए अपना कंबल दिया और वो आदमी वही पर सो गया और अघोरी बाबा वहा से चले गए। अगले दिन जब उस आदमी की आंख खुली तो उसने सामने से मंदिर के पुजारी को आते देखा और उनसे पूछा कि आप यहां आज क्यों आए हो। आप तो 6 महीने बाद आने वाले थे। पुजारी ने उस आदमी को देखते ही पहचान लिया और चौक उठे। कहा की तुम अब तक यही हो। तुम 6 महीने तक बिना खाए पिए कैसे जिंदा रह सकते हो। आदमी ने कहा मैं आपसे कल ही तो मिला था जब आपने मंदिर के कपाट बंद कर दिए थे तो आप 6 महीने बाद की बात क्यों कर रहे हो। पुजारी ने कहा पर मैं तो 6 महीने बाद ही आया हूं। उस आदमी को यकीन नहीं हुआ कि ये कैसे हो सकता है। वो एक रात में ही 6 महीने कैसे बीत सकते है वहां पर खड़े सभी लोगो विश्वास नही हो रहा था। उस आदमी ने पुजारी को रात में उसके पास आए अघोरी बाबा के बारे में बताया। पुजारी ने घुटनों के बल बैठ कर उस आदमी के आगे हाथ जोड़कर कहा कि वो अघोरी बाबा नही थे बल्कि वे तो स्वयं भगवान भोलेनाथ थे जिन्होंने तुम्हारे लिए अघोरी बाबा का रूप धारण किया और तुम्हे भोजन कराया और अपनी माया से एक रात को 6 महीने में बदल दिया। तुम पूरे 6 महीने बाद सो कर उठे हो। हम कई वर्षो से भगवान शिव की पूजा कर रहे है किंतु उन्होंने हम आज तक दर्शन नही दिए और तुम्हे एक ही रात में दर्शन दे दिए।
तो भक्तों, जो भक्त भगवान शिव की भक्ति में रम जाता है भगवान भोलेनाथ उसके लिए कुछ भी कर सकते है। भगवान भोलेनाथ अपने भक्तो को कभी निराश नहीं करते। वे असंभव को भी संभव कर देते है।
Long time ago. Some people of a village were going to see Kedarnath. Then a man from the village thought that I should also go with them. But they did not take him with them. The man had no means of his own so that he could go to Kedarnath. But that man had such a strong desire to visit Kedarnath that he agreed to walk alone. The path was very difficult, but still he kept on walking with the desire to see Kedarnath in his mind. And kept taking the name of Bhole Baba from his mouth. It took him several months to reach Kedarnath. When he reached Kedarnath, he saw that all the devotees were coming back after having darshan. The man saw that the priest had closed the doors of the temple. He told the priest that he had come from a long distance on foot. Please open the door once and give darshan of Bhole Baba. But the temple priest refused. He said that the rule cannot be changed for anyone. The doors of the temple in Kedarnath are open for the devotees only for 6 months. and remain closed for 6 months. And today was the last day. The priest said that now these doors will open only after 6 months. You come only after 6 months because it will snow here for 6 months now. No one can stay here for 6 months. The man pleaded with the priest a lot but the priest did not change his rules for him and the priest left from there. The man saw that but Ko was not there. So he sat there disappointed. It was night time and he was feeling very hungry too. But there was nothing to eat there. It had been a long night and he was feeling very cold. He did not have a cover to wear. But he started crying while chanting the name of Bhole Baba. He didn't know what to do now? Then an Aghori Baba came there and asked him why are you crying son. The man told everything he had to say. Aghori Baba pacified him and gave him something to eat. And they kept talking to each other for a long time. A long night had passed. Now that man was falling asleep due to fatigue. That Aghori Baba gave him his blanket to cover him and the man slept on it and Aghori Baba left from there. The next day when the man opened his eyes, he saw the priest of the temple coming from the front and asked him why you have come here today. You were supposed to come after 6 months. The priest recognized the man on seeing him and got shocked. Said that you are still here. How can you survive without eating and drinking for 6 months? The man said that I met you only yesterday when you had closed the doors of the temple, then why are you talking about 6 months later. The priest said but I have come only after 6 months. The man couldn't believe how this could happen. How can they pass 6 months in one night, all the people standing there could not believe it. The man told the priest about Aghori Baba who came to him in the night. The priest got down on his knees and folded his hands in front of the man and said that he was not Aghori Baba, but he himself was Lord Bholenath, who took the form of Aghori Baba for you and fed you and with his illusion in one night in 6 months. Changed. You have woken up after a full 6 months. We have been worshiping Lord Shiva for many years, but he has not given us darshan till date and gave you darshan in one night.
So devotees, the devotee who is immersed in the devotion of Lord Shiva, Lord Bholenath can do anything for him. Lord Bholenath never disappoints his devotees. They also make the impossible possible.
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