langde bhikhari ki badduaa | लंगड़े भिखारी की बद्दुआ |

 



















एक गरीब भिखारी था । वह हर रोज भीख मांगता था और जो भी पैसे या खाना मिलता  वह उसे अपनी झोपड़ी में  ले जाता और अपनी पत्नी के साथ बांटकर खाता था । उस भिखारी की कोई संतान नहीं थी । भिखारी की पत्नी बीमार होने की वजह से एक टूटी हुई खाट पर ही पड़ी रहती थी ।एक दिन की बात है वह भिखारी  एक अमीर व्यक्ति के घर के दरवाजे पर जाकर भीख मांगता है । तो वह अमीर व्यक्ति उस भिखारी को गालियां देता है और बोलता है कि – जाओ यहां से, मेरे पास तुम्हें देने के लिए फालतू पैसे नहीं है । तुम यहां कमा कर नहीं रख गए हो ,जो मैं तुम्हें भीख दूं । और कभी-कभी वह अमीर आदमी उस भिखारी को धक्का भी दे देता । मगर वह गरीब भिखारी बस इतना ही कहता कि भगवान तुम्हारे पापों को क्षमा करें । और वहां से चला जाता । दूसरे दिन भी वह भिखारी उस अमीर व्यक्ति के घर के दरवाजे पर जाकर भीख मांगता है ।  उस दिन उस अमीर व्यक्ति का अपनी पत्नी से झगड़ा हो जाता है और वह उस कारण बहुत गुस्से में होता है । जब वह भिखारी उससे भीख मांगता है तो वह गुस्से में आकर उस भिखारी का सिर एक पत्थर से फोड़ देता है । उस भिखारी के सिर से खून निकलने लगता है ।  मगर तब भी वह भिखारी इतना ही बोला कि भगवान तुम्हारे पापों को क्षमा करें । और आगे चला जाता है । उस अमीर व्यक्ति का जब गुस्सा कम हुआ तो वह सोचने लगा कि मैंने उस भिखारी को पत्थर से मारा फिर भी उसने मुझे कुछ भी ना कह कर मेरे लिए भगवान से दुआ मांगी । आखिर इस भिखारी के अंदर इतना संतोष कैसे है ?  मुझे यह सब जानना होगा । उसके अंदर यह सब जानने की  उत्सुकता बढ़ गई । फिर वह अमीर व्यक्ति उस भिखारी को ढूंढता ढूंढता फिरता है । उसे वह भिखारी एक घर के सामने भीख मांगता दिखाई देता है । वह अमीर आदमी उस भिखारी का पीछा करता है । वह भिखारी जहां जहां जाता वहां वहां वह अमीर व्यक्ति भी जाने लगा ।तब वह अमीर व्यक्ति देखता है कि कोई उस भिखारी को गालियां देता और कुछ लोग उस भिखारी को जलील करते । मगर भिखारी उन सब को इतना ही कहता कि भगवान तुम्हारे पापों को क्षमा करें । भिखारी जब अपनी झोपड़ी में वापस लौट रहा था । वह अमीर व्यक्ति भी उसके पीछे पीछे जा रहा था । भिखारी ने जैसे ही अपनी झोपड़ी में प्रवेश किया तो उसकी बीमार पत्नी उठ खड़ी हुई । उसका भीख का कटोरा देखने लगी तो उस  कटोरे में केवल एक ही रोटी थी । तब भिखारी की पत्नी बोली कि बस एक ही रोटी। और आपके सिर पर यह खून कैसे निकल रहा है ? आपको यह चोट कैसे लगी ?  तब भिखारी बोला कि आज के लिए एक रोटी ही है । सब ने मुझे बहुत गालियां दी और पत्थर मारे जिसकी वजह से यह खून निकला  है । यह सब हमारे पापों का फल है । तुम्हें याद है कि कुछ साल पहले हम भी अमीर हुआ करते थे । हमारे पास बहुत सारी धन दौलत थी । उस धन दौलत पर हमें बहुत अभिमान था । और वह लंगड़ा भिखारी जिसे हम बहुत परेशान करते थे । जब वह हमारे घर के दरवाजे पर भीख मांगने आता था तो हम उसे कितना सुनाते थे और ना ही उसे भीख देते थे । और तो और उसकी लाठी छीन कर उसको नीचे गिरा दिया करते थे । वो जमीन पर पड़ा हुआ कहता था कि मेरी लाठी मुझे दे दो , मैं इसके बिना चल नहीं पाऊंगा । लेकिन हम उसे उसकी लाठी नहीं देते थे और उसे ऐसा ही पड़ा हुआ देखकर खूब हंसते थे । अपने घर के कुत्तों को उसके पीछे छोड़ देते थे । एक बार तो हमने उसके भीख का कटोरा भी फेंक दिया था ।तब वो कहता था कि तुम्हारे पापों का हिसाब भगवान करेगा । मुझे लगता है कि हमें उसे लंगड़े भिखारी की बद्दुआ लग गई है और अब भगवान हमारे पापों का हिसाब कर रहा है । हमारी फैक्ट्री में जो आग लगी थी लगता है वह उस लंगड़े भिखारी की ही बद्दुआ थी । भिखारी बोला इसलिए मैं कभी भी किसी को बद्दुआ नहीं देता चाहे लोग मुझे कितनी भी गालियां दे या मेरा अपमान करें ।मगर मैं सब को दुआ ही देता रहूंगा ।क्योंकि मैं यह नहीं चाहता कि कोई और भी मेरे जैसे इतने बुरे दिन देखे ।मेरे साथ गलत करने वालों को भी मैं दुआ देता रहूंगा क्योंकि उनको यह मालूम ही नहीं होता कि वे कोई पाप कर रहे हैं ।जैसे हमने किया था। यह बातें वह अमीर व्यक्ति झोपड़ी के बाहर खड़ा होकर सुन रहा था । उसे अब सारी बातें समझ में आ गई ।भिखारी की पत्नी ने जो रोटी भीख में मिली थी वह आधी आधी कर दी और दोनों पति-पत्नी उस आधी –आधी रोटी को खा कर सो गए। अगले दिन वह भिखारी उसी अमीर व्यक्ति के घर के दरवाजे पर जाकर भीख मांगने लगता है ।तब अमीर व्यक्ति ने उसे बहुत सारा खाना दिया और कुछ पैसे भी दिए । भिखारी ने उसे दुआ दी और चला गया ।


There was a poor beggar. He used to beg everyday and whatever money or food he got, he would take it to his hut and share it with his wife. The beggar had no children. The beggar's wife used to be lying on a broken cot due to illness. It is a matter of one day that the beggar goes to the door of a rich man's house and begs. So that rich person abuses that beggar and says - go from here, I don't have extra money to give you. You have not earned and kept here, which I should beg you. And sometimes that rich man would even push that beggar. But that poor beggar would only say that God forgive your sins. and leaves from there. On the second day also the beggar goes to the door of the rich person's house and begs. That day the rich man got into a fight with his wife and he was very angry because of that. When that beggar begs him, he gets angry and breaks the head of that beggar with a stone. Blood starts pouring out of that beggar's head. But even then the beggar only said that God forgive your sins. And goes on. When the anger of that rich person subsided, he started thinking that I hit that beggar with a stone, yet he did not say anything to me and prayed to God for me. After all, how is there so much contentment inside this beggar? I need to know all this. The curiosity to know all this increased in him. Then that rich person goes on searching for that beggar. He sees that beggar begging in front of a house. The rich man follows the beggar. Wherever that beggar went, that rich person also started going there. Then that rich person sees that someone abuses that beggar and some people insult that beggar. But the beggar tells them all only that God forgive your sins. When the beggar was returning to his hut. That rich man was also following him. As the beggar entered his hut, his ailing wife stood up. When she started looking at his begging bowl, there was only one roti in that bowl. Then the beggar's wife said that only one bread. And how is this blood coming out on your head? How did you get this injury? Then the beggar said that there is only one roti for today. Everyone abused me a lot and threw stones because of which this blood has come out. All this is the result of our sins. You remember we used to be rich a few years back too. We had lots of wealth. We were very proud of that wealth. And that lame beggar whom we used to harass a lot. When he used to come to the door of our house to beg, we used to tell him how much and neither did we give him alms. And he used to snatch his sticks and put him down. He used to lie on the ground saying that give me my stick, I will not be able to walk without it. But we did not give him his stick and we used to laugh a lot seeing him lying like this. He used to leave the dogs of his house behind him. Once we even threw his begging bowl. Then he used to say that God will pay for your sins. I think we have got him the bad name of a lame beggar and now God is accounting for our sins. The fire that broke out in our factory seems to have been that lame beggar's gun. The beggar said that's why I never bully anyone, no matter how much people abuse me or insult me. But I will keep praying to everyone. Because I do not want anyone else to see such bad days like me. I will keep praying to those who do wrong because they do not even know that they are committing any sin. Like we did. The rich man was listening to these things standing outside the hut. He understood everything now. The beggar's wife halved the bread that she had received in begging, and both the husband and wife slept after eating that half-and-half. The next day the beggar starts begging at the door of the same rich person's house. Then the rich person gave him a lot of food and also some money. The beggar prayed to him and left.

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