औरत की शक्ति
प्रिया शोरूम में टंगी उस ड्रेस को ध्यान से देख रही थी । उसे इस तरह देखकर राज ने कहा अगर तुम्हें पसंद है तो ले लो । लेकिन प्रिया ने मुंह बनाते हुए कहा – नहीं , इतनी भी खास नहीं है , मैं फिर कभी ले लूंगी..... अभी तो मेरे पास बहुत से कपड़े हैं । वैसे भी ज्यादा कपड़े देख देख कर मन भर जाता है । प्रिया की बात सुनकर राज मुस्कुरा दिया । पिछले 1 साल से वह यही तो सुनता आ रहा था । प्रिया के आगे जाने के बाद भी उसने उस ड्रेस पर लगे हुए टैग को देखा , तो समझ गया कि प्रिया ने ड्रेस को लेने से इंकार क्यों किया ? तभी घड़ी की ओर देखकर प्रिया बोली अरे 5:00 बज गए राघव का ट्यूशन से आने का टाइम हो जाएगा । सुनो , यहां सब्जी मंडी से सब्जियां लेते हुए चलते हैं । यहां सब्जी सस्ती मिल जाती है । दो बड़े थैलों में सब्जियां लेकर वे लोग मोटरसाइकिल पर घर के लिए रवाना हो गए । घर पहुंचते ही प्रिया ने सारी सब्जियां फ्रिज में रख दी और खाने की तैयारी करने लगी । प्रिया और राज की लव कम अरेंज मैरिज थी । दोनों एक-दूसरे को पसंद करते थे । राज की प्राइवेट जॉब थी , जबकि प्रिया के पापा का अच्छा खासा व्यापार था । उसके मम्मी पापा को चिंता थी कि प्रिया किस तरह एडजस्ट कर पाएगी । लेकिन अपनी बेटी की खुशी की खातिर उन्होंने इस शादी को मंज़ूरी दे दी । प्रिया भी बहुत समझदार थी । उसने बचपन से ही अपनी मां को हर परिस्थिति में घर परिवार को संभालते हुए देखा था । उसके पापा भी पहले छोटा मोटा काम ही करते थे । धीरे-धीरे मम्मी पापा ने संयम और एक दूसरे के साथ से यह मुकाम हासिल किया था । राज भी बहुत मेहनती और समझदार था । वह प्रिया की हर जरूरत का ध्यान रखता था । उनकी जिंदगी में राघव के आने के बाद जिम्मेदारियां भी बढ़ गई थी । अपने बच्चे के भविष्य के बारे में भी सोचना था , इसलिए प्रिया फिजूलखर्ची से बचती रहती थी । एक दिन अचानक ही प्रिया के मम्मी पापा उसके घर आ पहुंचे । उन्हें देखकर प्रिया और राज बहुत खुश हुए । राघव भी नाना नानी को देखकर उनसे लिपट गया । वे 2 दिन के लिए आए थे । इस बीच प्रिया की मम्मी प्रिया के हर काम को बहुत ध्यान से देख रही थी । हर चीज में बचत और समझदारी की आदत को देखकर उन्हें बहुत आश्चर्य हो रहा था । यह वही प्रिया थी जो बिना सोचे समझे अपने पापा के हजारों रुपए खर्च कर देती थी । प्रिया की मम्मी ने प्रिया से कहा – बेटा , राज का काम तो ठीक चल रहा है ना ? हां – मम्मी , पर आप ऐसा क्यों पूछ रही है ? प्रिया ने उनकी शंका को समझते हुए कहा । बेटा , मैं कब से देख रही हूं ....... तुम हर काम हाथ खींचकर कर रही हो । अगर तुम चाहो , तो तुम्हारे पापा से कुछ मदद ले सकते हो तुम लोग – प्रिया की मम्मी ने कहा । उनकी बात सुनकर प्रिया मुस्कुराई और बोली – मम्मी , हमें कोई तकलीफ नहीं है । राज हमारा बहुत ख्याल रखते हैं । बस शादी से पहले मैं अपनी जिद पूरी कर लेती थी , लेकिन अब मुझे जिद और जरूरत में फर्क करना आ गया है । आखिर सब परिस्थितियों में ढलना मैंने आपसे ही तो सीखा है । आपने भी तो हर हाल में पापा का साथ दिया है ना ? वैसे ही मैं भी राज की ताकत बनना चाहती हूं । दरवाजे के पीछे खड़े पापा मां बेटी की बातें सुन रहे थे । उन्हें आज अपनी बेटी पर गर्व हो रहा था । प्रिया की मम्मी ने उसे गले से लगाते हुए कहा – सच बेटा , आज मुझे अपनी परवरिश पर नाज हो रहा है । हमेशा खुश रहो ......मेरी बच्ची । इतने में राज भी आइसक्रीम लेकर आ गया । राघव अपनी फेवरेट आइसक्रीम देखकर उछल पड़ा ........ सब ने मिलकर आइसक्रीम खाई । मम्मी पापा ने जाते हुए राज से कहा कि – बेटा , अगर कभी हमारी जरूरत पड़े तो याद करना , हम हमेशा तुम्हारे साथ हैं । राज ने कहा – पापा , आप लोगों का आशीर्वाद ही हमारे लिए सब कुछ है । यदि आपका आशीर्वाद हमारे साथ है तो हमें कभी किसी चीज की जरूरत नहीं पड़ेगी और फिर आपने इतनी समझदार बेटी मुझे जो सौंप दी है और इसके अलावा हमें क्या चाहिए । अपने बच्चों को इतना खुश और संतुष्ट देखकर उनके मन को तसल्ली हो गई थी कि ये सब परिस्थितियों का सामना करने में सक्षम है । सच ही तो है एक औरत हर परिस्थिति का सामना कर सकती है । कभी वह नाजुक होती है , तो कभी कठोर । कभी छोटी सी बात पर रो पड़ती है , तो कभी बड़े से बड़ा गम भी अपने अंदर संभाल लेती है । कम पैसों में तो वो गुजारा कर सकती है , लेकिन सम्मान कम हो वह यह हरगिज बर्दाश्त नहीं कर सकती । दरअसल यही एक औरत की खासियत होती है ।
Hindi Story। कुली से Gucci तक। सफर कामयाबी का
आज हम अपनी इस कहानी में आपको एक ऐसे लड़के के बारे में बताएंगे जिसका जन्म तो गरीबी में हुआ था । परंतु उसकी सोच शुरुआत से ही एक बहुत बड़ा आदमी बनने की थी । अपनी इसी अमीर बनने की सोच के कारण उसने अपने एक मामूली से काम को दुनिया भर के एक बहुत बड़े ब्रांड के रूप में बदल दिया । जिसके आगे आज सारी दुनिया झुकती है और उसके ब्रांड का सामान ज्यादा पैसे देकर भी खरीदती है । यह कहानी 1881 में इटली में फ्लोरेंस के एक साधारण से परिवार में पैदा हुए एक लड़के की है । 23 साल की उम्र में इस लड़के ने 1904 में लेदर का काम शुरू किया । व्यापार के शुरुआत में उसे काफी घाटा झेलना पड़ा । क्योंकि उस समय उसे व्यापार का कोई भी अनुभव नहीं था । ज्यादा नुकसान की वजह से उस पर कर्ज बहुत बढ़ गया था । अपने कर्ज के चलते उसके पास नौकरी करने के अलावा कोई दूसरा रास्ता नहीं था । उसने अपना काम बंद किया और लंदन के लक्जरी सेवाय होटल में एक लिफ्टमैन का काम किया । वह लड़का अपना कर्ज उतारने के लिए लंदन में आया था , लेकिन उसे यहां अपनी कामयाबी का रास्ता नजर आने लगा था । वह जिस होटल में काम करता था । वहां पर विस्टन चर्चिल और मर्लिन मुनरो जैसी शानदार हस्तियों का आना जाना होता था । वह लड़का उनके पहनावे को बहुत ही गौर से देखता था । उसने इनके पहनावे को अपने काम में उतारने की सोची । उसने सोचा यदि वह 10 साल भी इस होटल में काम करेगा , तब भी वह ज्यादा से ज्यादा एक वेटर बन कर ही रह जाएगा , जिस से कुछ नहीं होगा । लेकिन यदि उसने 10 साल अपने व्यापार में मन लगाकर काम किया , तो उसका व्यापार इन 10 साल में उसे बहुत आगे ले जाएगा । वह लड़का इस सोच के कारण 1921 में फ्लोरेंस शहर वापस लौट आया । 1922 में उस लड़के ने अपना कारोबार दोबारा शुरू किया । उस लड़के ने एक छोटी सी दुकान से अपना कारोबार शुरू किया । शुरू में उसने चमड़े से बने छोटे सामान जैसे कि सूटकेस बैग , घुड़सवारी का सामान जैसे छोटे उत्पाद बेचता था । उसका व्यापार बहुत ही अच्छा चलने लगा । कुछ वर्षों बाद उसका व्यापार एक छोटे से कारखाने के रूप में बदल गया । इसका साफ मतलब था कि उस लड़के के उत्पाद की डिमांड बढ़ने लगी । कारखाने की मदद से वह दस्ताने , हैंडबैग जैसे प्रोडक्ट का उत्पादन बड़े पैमाने पर करने लगा । उस लड़के के व्यापार को पहचान मिल चुकी थी । लोगों ने उसके इस व्यापार को गुच्ची (gucci) नाम से जाना और उस लड़के का नाम गुच्चियो गुच्चि था । वे अपने बिजनेस को बढ़ाने में लगे हुए थें। तभी उनके सामने एक बड़ी परेशानी आकर खड़ी हो गई । 1935 के दौर में इटली में तानाशाह मुसोलियन का राज था । इटली में रहते हुए लेदर मिलना मुश्किल हो गया था । इधर गुच्ची का सारा बिजनेस लेदर पर टिका था । मुश्किल तो था , परंतु उसी के पास इसका उपाय भी था । उस ने अपने कुछ प्रोडक्ट में लेदर के जगह सिल्क इस्तेमाल करनी शुरू कर दी थी । छोटी सी दुकान से शुरू किया अपना बिजनेस को गुच्ची ने एक बड़े ब्रांड में बदल कर 1953 में इस दुनिया से अलविदा कह चुके थे । उनकी मौत के बाद उनके बेटों ने इस ब्रांड पर खूब मेहनत करके इसे आगे तक ले गए । यहां तक इसका दबदबा हुआ कि हॉलीवुड के लोग भी गुच्ची के ब्रांड खरीदने लगे थे । एक समय ऐसा आया कि गुच्ची की जींस ने गिनीज बुक वर्ल्ड रिकॉर्ड में अपना नाम दर्ज करा लिया । कहां एक छोटा सा गरीब परिवार का लड़का और अपनी इस अमीर सोच के कारण एक ब्रांड के रूप में उभर कर आया था । इसलिए किसी भी इंसान को अपने आप को छोटा नहीं समझना चाहिए । हर इंसान के अंदर ताकत होती है कि वह अपने आप को एक अलग पहचान दिला सकता है । मुश्किल समय सब पर आता है , परंतु इस मुश्किल समय में जो हिम्मत ना हारे वही इंसान आगे चलकर कामयाब होता है ।
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