रुद्राक्ष उपाय
5 स्थान जहां रुद्राक्ष पहन कर नहीं जाना चाहिए
किसी की मृत्यु हुयी हो वह पर
जहां पर बच्चे का जन्म हुआ हो
जहां पर वेश्यावृति होती हो ,या मदिरा और मांश आदि खाया जाता हो
जिस स्थान पर आपको लगता है की जीवो की हत्या हुयी है
जहां रुद्राक्ष का अपमान हो रहा है
रुद्राक्ष पहने हुवे स्त्री को अगर रजस्वला धर्म आ जाए तो क्या करे , तो आपको कोई दिक्कत नहीं है , इसके लिए गुरु जी ने बताया की ये ठीक उसी तरह है जैसे एक माँ की गोद मे बैठा छोटा बालक अगर सोच भी कर दे तो माँ को कोई परेशानी नहीं होती उसी तरह रुद्राक्ष को भी समझो ,
रुद्राक्ष धारण करने के दिन
अमावश्या , शिवरात्रि , श्रावण महीने के सोमवार के दिन , प्रदोष के दिन , पूर्णिमा के दिन , रुद्राक्ष को दूध में धोए और उसमे थोड़ा सरसो का तेल लगाए , इससे बल प्राप्त होता है , इससे रुद्राक्ष बीमारी से लड़ने की ताकत देता है ,
रुद्राक्ष के पानी को पिने से रोग समाप्त होता है
गुरु जी ने बताया की छोटे रुद्राक्ष की माला जिसमे 3 मुखी से लेकर 9 मुखी तक के रुद्राक्ष हो तो उनकी माला को अगर जल से नहलाकर और उस जल को श्री शिवय नमस्तुब्याम और 12 ज्योतिर्लिंगों का ध्यान करके अगर कैंसर के 1st stage मरीज को आचमन कराया जाए तो वो भी धिरे धीरे ठीक होना शुरू हो जाता है , आप अपनी दवाई मेडिसिन चलती रहने दे उसके साथ साथ ये उपाय करे और इसके आलावा अगर स्त्री है तो अपने उलटे हाथ मे और पुरुष है तो अपने सीधे हाथ मे माला को लपेट सकते है ,
रुद्राक्ष को सिद्ध कैसे करते है , 108 बेलपत्र पर शंकर का मन्त्र लिखकर समर्पित कर दो या लाल चन्दन समर्पित कर दो , या रुद्राक्ष को अभिसेक मे समर्पित कर दो , रुद्राक्ष और शिवजी के चरणों मे रककर अभिषेक कर दे और बाबा से प्राथना करके रुद्राक्ष धारण कर ले , शिव महापुराण मे कहा गया की रुद्राक्ष स्वयं ही शिव है और ये स्वयं ही सिद्ध है ,
रुद्राक्ष के उपाय , रुद्राक्ष कहा पहने , रुद्राक्ष को सिद्ध कैसे करे , रुद्राक्ष कहा न पहने , क्या रजस्वला धर्म वाली स्त्री को रुद्राक्ष नहीं पहनना चाहिए ?
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