दोस्तों इस post मे हम आपको 6 ऐसी जानकारी देने जा रहे है जिन्हे बहुत ही कम लोग जानते है , आइये शुरू करते है जानकारी , आपको जानकारी अच्छी लगेगी तो post को ज्यादा से ज्यादा share करे
दुनिया का एकलौता ऐसा शिवलिंग जो पाताल लोक मे स्तिथ है :
हरिद्वार के कनखल मे एक ऐसा मंदिर है जिसके अंदर पाताल मुखी शिवलिंग है , इस मदिर का नाम दकसेश्वर महादेव मंदिर है , राजा दक्ष के आग्रह पर भोलेनाथ ने राजा दक्ष को ये वरदान दिया की यहां पर भोलेनाथ को दक्षेस्वर महादेव के नाम से जाना जाता है , सावन का पूरा महीना भोलेनाथ यहाँ निवास करते है , यहां पर जो भी भक्त दक्षेस्वर महादेव का नाम लेकर गंगाजल अर्पित करता है उसकी मनोकामना शीध्र ही पूरी होती है ,
शिवजी की पूजा करने रोज आता है नाग :
उत्तर प्रदेश के आगरा जिले के सलेमाबाद मे एक मंदिर ऐसा है झा पिछले 15 सालो से एक नाग शिव की पूजा करने आता है , यहां पर यह नाग हर दिन सुबह 10 बजे आता है और 3 बजे चला जाता है , नाग ने आज तक किसी को कोई नुकसान नहीं पहुंचाया , इस नाग को देखने के लिए यहां भक्तो की लाइन लगती है ,
हनुमान जी के मंदिर मे दूर होते है रोग :
मंदिर के अंदर अनेको चम्तकार हो चुके है , मदिर के अंदर हनुमान जी की मूर्ति बालस्वरूप मे है , मूर्ति के बराबर मे एक छोटा सा छेद है जिसमे अपने आप पानी आ जाता है इस पानी के छिड़काव से कई असाध्य रोग दूर हो जाते है , दोस्तों ये मंदिर का नाम है श्री शम्भू वाले हनुमान जी का मंदिर , ये मदिर 400 सालो से भी ज्यादा पुराना है .
चार जगह गिरा था अमृत :
कहा जाता है समुद्र मंथन के समय अमृत की कुछ बुँदे भारत के इन चार जगह पर गिरा था , इन जगह का नाम है हरिद्वार , प्रयागराज , उज्जैन , नासिक , यही पर कुम्भ का आयोजन भी किया जाता है ,हरिद्वार को सप्तपुरियों मे से एक माना जाता है हरिद्वार मे हर की पौड़ी मे अमृत छलका था इसे ब्रमकुण्ड कहा जाता है , यही से माँ गंगा मैदानी छेत्रो मे जाती है इसलिए इसे गंगा द्वार भी कहा जाता , कहा जाता है हर की पौड़ी के ऊपरी दिवार पर भगवन विष्णु के चरणों के निशान है जिन्हे माँ गंगा हर समय स्पर्श करती रहती है , कहा जाता है की यहां पर का साथ ब्रह्मा , विष्णु और महेश निवास करते है ,
शेषनाग देते है दर्शन : 24 घंटो मे एक बार शेषनाग देते है दर्शन , ये एक जगह है जो अमरनाथ यात्रा के रस्ते मे पड़ती इसे शेषनाग झील के नाम से जाना जाता है जहां 24 घंटे मे एक बार श्रद्धालुओ को शेषनाग दर्शन देते है , साथ ही साथ इस झील मे समय समय पर शेषनाग की आकर्ति भी बनती है जो पानी पर साफ़ देखि जा सकती है , कहा जाता है इस झील को शेषनाग ने खुद खोदा था और यहां पर आकर रहने लगे थे ,
जलता है पानी का दीपक : गाड़िया घाट वाली माता के मंदिर मे पानी का दीपक जलता है , मध्य प्रदेश के कालिसिंद नदी के किनारे गाड़िया गाओं के पास बहने वाली कालिसिंद नदी के किनारे मंदिर बना हुवा है , यहां पहले तेल और घी का दीपक जला करता था लेकिन कई वर्षो पहले माता ने पुजारी को सपने मे दर्शन दिए और कहा की पानी से दीपक जलाओ इसके बाद पुजारी ने सुबह उठकर नदी का पानी चिरगी मे भरा और बाती को इसमें रखा तो बाती जल उठी , उस दिन से आज तक यहां पर पानी का दीपक ही जलता है ,
6 अध्भुत जानकारी | जिन्हे आप नहीं जानते , पानी का दिया , शेषनाग के साक्षात् दर्शन , उल्टा शिवलिंग , शिव की पूजा करता नाग ....
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