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महाशिवरात्रि के उपाय , बेर, काली मिर्च और धतूरे का उपाय । पंडित प्रदीप जी मिश्रा -mhashivratri upay pandit pradeep ji mishra

 


महाशिवरात्रि के उपाय , बेर, काली मिर्च और धतूरे का उपाय । पंडित प्रदीप जी मिश्रा 

शिवरात्रि के दिन बेर का उपाय और महत्व : बीमारी के लिए उपाय :

  शिवरात्रि के दिन बेर चढ़ाने का बड़ा महत्व है और शिवरात्रि पर चढ़ा हुआ वह बेर उठाकर ले आइए और उस बेर को उठाकर रख लीजिए मान लो किसी को उधर से जुड़ी हुई जब तकलीफ रहती है पेट से जुड़ी हुई तकलीफ रहती है पेट से जुड़ी हुई कोई भी प्रॉब्लम हो अगर पेट से जुड़ा हुआ कोई भी रोग आपको लग गया और डॉक्टर की दवाई चल रही है सारी औषधि चल रही है जो शिवरात्रि पर आपने बेर चढ़ाया है वह बेर अगर आपके यहां रखा हुआ है वो बेर उस रोग वाले व्यक्ति को खिला दीजिए आधे घंटे के अंदर पेट का दर्द पेट की तकलीफ पेट का कैसा भी रोग होगा एकदम आराम लग जाएगा उस बैर में दम इतना प्रबलता आ जाती है शंकर को जो शिवरात्रि के दिन बेर चढ़ाया जाता है भगवान शिव पर समर्पित हुआ व बेर का इतना मह महाराज और जो देवता को उठाने के लिए बोर समर्पित करा जाता है बेर भाजी आवला उठो देव सावरा उस शंकर जी का भाव है क्योंकि शिव जी का दर्शन भगवान नारायण उठते सेही करना चाहते सबसे पहले नेत्र खोले और मेरा शिव का दर्शन हुआ बेर का भावही शिव का दर्शन का भाव कितनी बड़ी औषधि होगी बेर के अंदर जरा देखिएगा कि मेरे राम जी जी शबरी अंबा के दरवाजे पर पहुंचे आप लोग भजन में लेते रहते हो शबरी सवार रासता आएंगे राम जी मेरा भी धन्य जीवन बनाएंगे राम  जी और बागों से चुन चुन के बोले कर आई बेर की टकड़ी खटे हो चाहे मीठे हो पाएंगे राम जी मेरा भी धन्य जीवन बनाए रा शरी ने राम जी को बेर दिया राम जी ने बेर खाया प्रेम से खाया याद आया पीछे लक्ष्मण खड़ा है राम जी ने लक्ष्मण को बेर दि ले लक्ष्मण यह बेर खा ले लक्ष्मण जी ने बेर लिए है लक्ष्मण जी ने बेर को देखा तो व सबरी अंबा अपने मुंह से झूठा करके दे रही है लक्ष्मण जी ने लिया पास में रख लिया फिर लिया फिर रख लिया सबरी जी राम जी को बेर दे राम जी लक्ष्मण जी को बे दे लक्ष्मण जी व बेल लेकर पीछे फेंकते जाए उठाए फेंका उठाया फेंका उठाया फेंका अब कोई लक्ष्मण साधारण है जब भगवान राम विष्णु है लक्ष्मण शेषनाग है शेषनाग अगर कोई चीज फेंके का तो क्या पास में फकेग उठाया फेंका कोसो दूर जाकर गिरा और वो बेर काम आया जब लक्ष्मण जी को शक्ति लगी बाण लगा लक्ष्मण जी मूर्छा होकर जमीन पर पड़े सुसेन वेद को बुलाया और वेद से बुलाकर पूछा कि लक्ष्मण कैसे उठेगा तो कहा संजीवनी लेकर आओ संजीवनी लेने के लिए भेजा तब संजीवनी लेने के लिए जब श्री हनुमान जी महाराज गए संजीवनी बूटी जब लेकर आए और लक्ष्मण जी को जो दी तब राम जी पहचान गई यह संजीवनी कोई दूसरी नहीं है लक्ष्मण जी को जो बेर खाने को दिया था वो बेर फेंक दिया था उसी बेर की पत्ती है जिसको निचोड़ निचोड़ कर लक्ष्मण जी को खिलाना पड़ी है तो राम जी रोते रोते बोले पहले ही खा लेता तो खाना नहीं पड़ती कोरोना का टीका पहले ही लगवा लेता तो दादा नि पटता ही नहीं लगे तो  य तो सीधी सधी बात है कहां पोलियो की दवाई जन्म लिए बच्चे से लेकर पाच वर्ष तक के बच्चे को पोलियो की दवाई पिलाई जाएगी पोलियो की दवाई पियो तो हाथ पैर से विकलांग नहीं होगे बोलो बोलते कि नहीं बोलते पियो विकलांग नहीं होगे जो नहीं पिएगा व हाथ पैर से विकलांग हो जाएगा उसी तरह शिव महापुराण की कथा जिसका जन्म नहीं हुआ जो माता के गर्भ में है उससे लेकर जो मर रहा है उस तक के व्यक्ति को सुनाई जाएगी पोलियो की दवाई नहीं पियोगे हाथ पैर से विकलांग हो जाओगे


शिवरात्रि के दिन काली मिर्च और काले तिल का उपाय : गृह कलेश , सास बहु का झगड़ा , भाई भाई का झगड़ा ,रोकने के लिए उपाय , घर मे सुख शांति के लिए उपाय 

 शिव महापुराण नहीं सुनोगे तो काम लोभ विषय आसक्ति से विकलांग हो जाओगे इसलिए सुनो यह सुनने का विषय है इसको श्रवण करना है हमारे जीवन में उतारना य मिलेगी प्राप्त होना बड़ा मुश्किल है फर शिवरात्रि का प्रसंग कहता है अपने मन की अभिलाषा रखकर तुम्हें जो चाहिए एक काली मिर्ची और तिल्ली के काली तिल्ली के सात दान एक काली मिर्च और तिल्ली के काली तिल्ली के कितने दान सात दान हथेली में रखकर अपनी कामना करकर मन से अपने मन के बात को कहकर शंकर भगवान के शिवलिंग पर चढ़ा दीजिए है आपकी मनोकामना कहते हैं हर महीने शिवरात्रि आती है इस शिवरात्रि परमुख्य शिवरात्रि पर चढ़ाओ ग अगले महीने की जब शिवरात्रि आएगी तो आपकी मनोकामना पूरी हो जाएगी एक काली मिर्ची और सात काली तिल्ली के दाने मात्र सा महाराज जिसके घर में क्लेश रहता हो बहुत ज्यादा लड़ाई झगड़े हो रहे सास बहू के झगड़े ना बहू कुछ सुनने को तैयार ना सास सुनने को तैयार और घर में बिचारे पुरुषों की आफत यहां भाई भाई झगड़ रहे हो सास बहुए झगड़ रही हो कुछ मत करिए गेहूं की बाली को तोड़ो गेहूं की बाली जानते हो ना जिसम आप लोग तो गेहूं की बाली को तोड़ना है और बाली सात बाली तोड़कर अपने घर में घुमाकर अपने घर का नाम और गोत्र बोलकर उसको शंकर को समर्पित कर दीजिए जिंदगी में कभी सास बहू का झगड़ा नहीं होगा महाराज शिवरात्रि के दिन उसको समर्पित करिए आपके घर में कभी क्लेश नहीं मच सकता  



शिवरात्रि पर धन प्राप्ति के लिए धतूरे का उपाय : नौकरी ,व्यापर , मनोकामना , धन दौलत पाने के लिए उपाय :

12 महीने शिवरात्रि आती है और शिवरात्रि के दिन रात्रि को बजे शंकर भगवान पर एक धतूरा चढ़ा दो क्या चढ़ाना है जम के बोलिए जरा धतुरा य शंकर भगवान को धतूरा चढ़ा बजे रात्रि को शिव जी पर धतूरा चढ़ाओ आधे घंटे तक धतूरा चढ़ रहने दो और आप श्री शिवाय नमस्तुभयम का जाप करो जिस शंकर जी पर धतूरा चढ़ाया उस मंदिर के बाहर बैठ कौन सा मंत्र जपना है श्री शिवाय नमस्तुभयम फिर से बोलो श्री शिवाय नमतु धतुरा चढ़ाकरश्री शिवाय नमस्तुभ्यं का स्मरण करिए और जो दुकान नहीं चलती हो घर में लक्ष्मी नहीं टिकती हो खेत में फसल अच्छी नहीं आती हो संपदा नहीं आ रही हो बस उस धतूरे को लाल वस्त्र में बांधकर अपनी दुकान में अपने व्यापार में अपने घर में रात को बजे उठाकर लाओ और बजे के पहले उसको अपनी दुकान व्यापार व्यवसाय में उसको बांध दीजिए और अगर जो जमीन फसल सही नहीं दे रही हो उस जमीन में ले जाकर गाड़ दीजिए आपको जीवन में कभी तकलीफ नहीं भोगना पड़ेगी लक्ष्मी बढ़ती चली जाएगी महाराज संपदा बढ़ेगी जो व्यक्ति ज्यादा बीमार रहता हो बहुत बीमारी उसको घेरे रहती हो परेशान रह रहा हो बीमारी बीमारी बनी हुई है तो बोर चढ़ाए बेर क्या बोलते हैं यहां पर बेर की बोर वो खाने वाला बेर जो होता है उस बेर को सात बेर ले लो और सात बेर को लेकर अपने ऊपर से घुमाकर शिवरात्रि की दोपहर के बजे शंकर भगवान के शिवलिंग पर ले जाकर उस भेर को चढ़ा दीजिए आपका रोग आपकी बीमारी मात्र तीन महीने के अंदर समाप्त हो जाएगी धतूरे का बहुत अच्छा क्रम है महाराज वो केवल शिवरात्रि के दिन करने का होता है कहते हैं जिसका व्यापार ना चले व्यवसाय ना चल रहा हो बहुत ज्यादा कष्ट में जीवन निकल रहा हो और बहुत ही ज्यादा तकलीफ हो रही हो तो धतूरे को हल्दी में डुबोकर शंकर भगवान को शिवरात्रि के दिन रात को बजे समर्पित करें उस धतूरे को वापस उठा लाए पा मिनट के बाद श्री शिवाय नमस्तुभयम बोलकर लाल कपड़े में उसको बांध कर व्यापार वाली जगह में कहीं पर भी उसको बांध दिया जाए व्यापार पीछे नहीं हटता व्यापार अग्रण भाव में बढ़ता चले जाता है महाराज उस धतूरे को केवल पंतु शिवरात्रि के दिन रात को बजे ही किया जाए हल्दी में डुबना पड़ता यही प्रमाण एक क्रम में और है महाराज जी लिंग पुराण कहती है मान लो किसी व्यक्ति को कोई एक भारी बीमारी हो गई बड़ा रोग हो गया और वह रोग डॉक्टर कह रहा है कि यह ठीक नहीं होना है बहुत तकलीफ उसमें है और कष्ट ही कष्ट है वो ठीक नहीं हो रहा दवाइया ही दवाइया लग रही है गोलिया ही गोलिया खा रहे हैं तो महाराज उसका भी वर्णन है सात धतूरे कितने धतूरे लेना है सात धतूरे कोई सी भी शिवरात्रि कोई सी भी शिवरात्रि से मतलब महीने में एक बार शिवरात्रि आती है प्रत्येक महीने आती है किसी भी शिवरात्रि के दिन सात धतूरे लेकर एक धतूरे में मौली लच्छा नाड़ा लपेटकर चंद्रमौली भगवान का स्मरण करकर उस मोली को लपेटकर छे धतूरे में हल्दी लगाकर शंकर भगवान की जो जलाधारी है जलाधारी में आपको पहले भी वर्णन किया है शंकर भगवान का ये शिवलिंग है यह जलाधारी है यह भगवान का जल निकलने का स्त्रोत चरणारविंद का भाव शिवलिंग जहां रखा हुआ है यह पार्वती जी का हस्त कमल जो यह गोल भाग है यह पार्वती का हस्त कमल जहां शिवलिंग रखा है जहां से जल नीचे गिरता है उसके सीधे भाग में श्री गणेश जी महाराज का स्थान है उसके उल्टे भाग में श्री कार्तिके जी का स्थान है जलाधारी के सामने एक मोटी सी लाइन होती है कहीं सांप बना होता है कहीं स्थान बना होता है जो मोटी सी लाइन है ये शंकर भगवान की सबसे छोटी लड़की अशु सुंदरी का स्थान जलाधारी के ऊपर जो तीन टेकी लगी है यह भगु ऋषि का गण का स्थान इसके ऊपर जो कलश है कलश में जो पानी भरा जाता है वो जो बूंद बूंद नीचे गिरता है यह शंकर भगवान की पांच लड़कियों का स्थान है जया बिहरा सामरी बारी धो तली और देव यह पांच लड़कियों का स्थान शंकर भगवान का संपूर्ण परिवार शिवलिंग के सामने से जहां से जल चालू होता है गिरने के लिए नीचे की ओर जब जल जाता है उस स्थान पर भगवान शंकर के सारे गणों का स्थान है फिर जब जल बहकर सामने की ओर जाता है जितनी दूर तक जल जाता है उतनी दूर तक भगवान शंकर के उस जल भाग को ग्रहण करने के लिए कोटि देवताओं का स्थान है इसलिए उस जल को हम लांग नहीं है क्योंकि वहां कोटि देवता विराजमान रहते हैं महाराज तो जो बीमारी डॉक्टर ने बता दी और बहुत बड़ा रोग हो गया और शरीर में कष्ट है ठीक नहीं हो रहा चाहे लीवर से जुड़ा हो चाहे किडनी से जुड़ा हो चाहे कैंसर से जुड़ा हो और मान लो शरीर में कहीं गांठ भी हो गई है और वो मिटी नहीं रही हो तो महाराज निवेदन है सात धतूरे एक धतूरे पर मोली लपेटकर वह शंकर जी के शिवलिंग के ऊपर चढ़ाना छह धतूरे उसमें से एक धतुरा भगवान श्री गणेश जी का स्थान दूसरा धतूरा श्री कार्ति जी कार्तिके जी का स्थान तीसरा धतुरा अशोक सुंदरी का स्थान महाराज शंकर भगवान की जगदंबा जी के हस्त कमल के ऊपर एक धतूरा एक धतूरा जहां से जल नीचे की ओर बहकर जा रहा हो पानी जिस जगह से नीचे गिर रहा हो बिल्कुल वहीं पर एक धतूरा चढ़ा देना उस धतूरे को चढ़ाने के बाद वो धतूरा वापस लेकर आना है अवधू देश्वर महादेव का नाम लेकर या चंपे शवर महादेव का नाम लेकर उ धतूरे को जो बीमार व्यक्ति है उसका स्पर्श कराकर बेल पत्री के पेड़ के नीचे पटक वा देना है महाराज धीरे-धीरे रोग में आराम मिलना प्रारंभ हो जाता है औषधियां धीरे-धीरे समाप्त हो जाती हैं और व्यक्ति स्वस्थ हो जाता है ये केवल शिवरात्रि के दिन होता महीने शिवरात्रि आती है आप किसी भी शिवरात्रि को कर सकते हो   हर महीने शिवरात्रि आती है 


यह पूरा विवरण शिवरात्रि के दिन बेर और धतूरे के चढ़ावे, धार्मिक उपायों, और उनके स्वास्थ्य व जीवन में सुख-समृद्धि लाने वाले महत्व को लेकर है। इसमें शिवरात्रि पर किए जाने वाले विशेष पूजन, बेर, धतूरा, गेहूं की बाली, काली मिर्च, काली तिल्ली, और मोली आदि के प्रयोग द्वारा घर, स्वास्थ्य, व्यापार और जीवन की समस्याओं को दूर करने की विधियां बताई गई हैं।

संक्षेप में मुख्य बातें:

  1. बेर चढ़ाने का महत्व:

    • शिवरात्रि पर चढ़ाए गए बेर को सुरक्षित रखकर पेट संबंधी रोगों में प्रयोग करने से त्वरित राहत मिलती है।
    • शबरी-राम कथा का संदर्भ बेर की भक्ति-शक्ति को दर्शाता है।
  2. धतूरे का महत्व:  रात्रि 12 बजे शिवलिंग पर धतूरा चढ़ाकर, श्री शिवाय नमस्तुभ्यं मंत्र जपने से व्यापार, धन, स्वास्थ्य में वृद्धि होती है।                                                                                                          

  3. हल्दी में डुबोकर धतूरा चढ़ाने और लाल कपड़े में बांधकर दुकान/व्यवसाय स्थल पर रखने से व्यापार में उन्नति होती है। 

  4. गंभीर बीमारी (लीवर, किडनी, कैंसर, गांठ) के लिए सात धतूरे चढ़ाकर, गणेश, कार्तिकेय, अशोक सुंदरी, पार्वती जी, जलधारा स्थान, आदि पर चढ़ाकर, बीमार व्यक्ति के स्पर्श से बेलपत्र वृक्ष के नीचे रखने से रोग शांति मिलती है।

  5. काली मिर्च और काली तिल्ली: एक काली मिर्च और सात काली तिल्ली दान कर मनोकामना करने से अगले महीने की शिवरात्रि तक पूरी होती है।

  6. सास-बहू झगड़े निवारण: गेहूं की सात बालियां घर में घुमाकर, शिवलिंग पर चढ़ाने से परिवार में शांति आती है।

  7. शिव महापुराण सुनने का महत्व: इसे सुनना आध्यात्मिक विकलांगता (काम, लोभ, मोह) से बचाता है, जैसे पोलियो की दवाई शारीरिक विकलांगता से बचाती है।

यह सब उपाय लोक मान्यताओं और धार्मिक विश्वासों पर आधारित हैं, जो श्रद्धा और विश्वास के साथ किए जाते हैं।

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"पंडित प्रदीप मिश्रा के 10 सरल और प्रभावी उपाय: जीवन में लाएं सुख-समृद्धि और शांति" -pandit pradeep ji mishra ke upay

 पंडित प्रदीप जी मिश्रा के कुछ उपाय हैं जो जीवन में सुख-समृद्धि और शांति लाने में सहायक हो सकते हैं। ये उपाय सरल और प्राचीन भारतीय परंपराओं पर आधारित हैं:


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  1. शिवलिंग अभिषेक: हर सोमवार को शिवलिंग पर जल, दूध और शहद से अभिषेक करें। इससे भगवान शिव की कृपा प्राप्त होती है और जीवन की कठिनाइयों का निवारण होता है।

  2. हनुमान चालीसा पाठ: प्रतिदिन सुबह या शाम हनुमान चालीसा का पाठ करें। इससे जीवन में साहस और शक्ति का संचार होता है और बुरी शक्तियों से सुरक्षा मिलती है।

  3. पीपल वृक्ष की पूजा: हर शनिवार को पीपल के वृक्ष के नीचे दीपक जलाएं और उसकी पूजा करें। इससे शनि ग्रह के दोष दूर होते हैं और जीवन में स्थिरता आती है।

  4. रूद्राक्ष धारण: रूद्राक्ष धारण करने से नकारात्मक ऊर्जा का नाश होता है और मानसिक शांति प्राप्त होती है। इसे शुभ मुहूर्त में धारण करें।

  5. गायत्री मंत्र जप: प्रतिदिन सुबह गायत्री मंत्र का 108 बार जप करें। इससे मन की शांति, बुद्धि की वृद्धि और सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है।

  6. तुलसी का पौधा: घर में तुलसी का पौधा लगाएं और उसकी नियमित रूप से पूजा करें। इससे घर में सकारात्मक ऊर्जा का वास होता है और धन-धान्य की वृद्धि होती है।

  7. शनिवार को काले तिल दान: हर शनिवार को काले तिल का दान करें और शनि देव की आराधना करें। इससे शनि दोष कम होता है और जीवन में समृद्धि आती है।

  8. गणेश जी की आराधना: हर बुधवार को गणेश जी की पूजा करें और उन्हें दूर्वा अर्पित करें। इससे सभी विघ्न-बाधाओं का नाश होता है और सफलता प्राप्त होती है।

  9. रामचरितमानस का पाठ: हर दिन रामचरितमानस का पाठ करें, विशेषकर सुंदरकांड का। इससे परिवार में सुख-शांति और समृद्धि बनी रहती है।

  10. सूर्य को जल अर्पण: प्रतिदिन सुबह उगते सूर्य को जल अर्पित करें और आदित्य ह्रदय स्तोत्र का पाठ करें। इससे स्वास्थ्य में सुधार होता है और जीवन में ऊर्जा का संचार होता है।

इन उपयों को विधिपूर्वक और श्रद्धा से करने से जीवन में सकारात्मक परिवर्तन आ सकते हैं और सुख-समृद्धि की प्राप्ति होती है।



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पंडित मिश्रा जी के 5 अचूक उपाय , रोग मुक्ति ,धन प्राप्ति , विद्या , नौकरी के लिए उपाय , pandit pradeep mishra upay shivmhapuran


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 हर सोमवार का उपाय : कभी जिंदगी मे परेशानियों मे फस गए हो , तो एक काम जरूर करना बेलपत्री की जड़ के नीचे लाल चन्दन का पानी चढ़ाना शुरू कर दो आपकी सारी समस्या समाप्त हो जाएंगी , 


2 से 3 घण्टे मे समस्या समाप्त होने लगेगी : अगर आपको बहुत विकट समस्या ने घेर लिया हो तब जिस शिवमंदिर मे आप पूजा करने जाते हो वही पर या तो मंदिर मे या मंदिर के आस पास आपको बेलपत्री का वृक्ष जरूर मिलेगा , बेलपत्री के वृक्ष के नीचे एक कंकड़ उठाओ और उसे शिव मानो उसके बाद उस कंकड़ पर एक मुंग का दाना या एक चावल का दाना चढ़ाओ और एक लौटा जल समर्पित कर दो और अपनी समस्या शिव पर छोड़ दो , मात्र २ से 3 घंटे मे आपको असर दिखना शुरू हो जाएगा , 



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जिंदगी भर रोग मुक्ति का उपाय : महीने मे एक बार एक जल के पात्र मे थोड़ा दूध लो उसमे 5 काली मिर्च डालकर शिव को समर्पित कर दो , जिंदगी मे कभी बड़ी बीमारी घर के अंदर नहीं आ सकती , 


पढ़ने  लिखने वाले बच्चो के लिए उपाय : 

रात को 9 बजे के बाद शिव भगवान को तुलसी चढ़ाओ , और बेलपत्र सालिग्राम , लड्डू गोपाल हो उन पर चढ़ाना , इन दोनों को सुबह 3 बजकर 55 मिनट बजे तक रहने दो ( 4 बजे से पहले तक ), 4 बजे से पहले इसे उठाकर एक शहद की शीशी मे मिला लीजिए , और उन बच्चो को चटाना शुरू कर दीजिए जिनके exam आने वाले है , जो बच्चा पढ़ने मे कमजोर है उसे दीजिए , ऐसा का महीने तक करना है बच्चा परीक्षा मे पास हो जाएगा और पढ़ने मे अच्छा हो जाएगा , ये उपाय रात को 12 बजे ज्यादा अच्छा रहता है , उपाय एक ही बार करना है शहद रोज चटाना है ,  


देवताओ की मूर्ति क्यों मुस्कुराती है , हमारे देवता हमें बल प्रदान करते है , इसलिए उनकी मूर्ति हमेशा मुस्कुराती है वो कहती है की कितनी भी परेशानी आ जाए आपके चेहरे की हंसी कम नहीं होनी चाहिए , 


किसी भी माला जैसे तुलसी की माला , रुद्राक्ष की माला , माला को कंठी भी कहते है , कंठी मतलब कंठ और इसका मतलब है की अगर आप ने माला ,कंठी पहनी हुयी है तो आपकी वाणी कभी भी किसी के लिए ऐसे न बोले जिससे दुसरो को दुःख हो , दुसरो की बुराई न करे , कंठी का मतलब होता है की अपने कंठ को शुद्ध रखो , ( हमारे कंठ से किसी की बुराई न हो , किसी का नुकसान न हो , किसी को बुरा न लगे , )


अपना दुःख , अपनी तकलीफ , अपनी परेशानी , अपनी तकलीफ किसी से मत कहना , अगर कहना है तो अपनी माता अपने पिता और जिस भगवान को आप पूजते हो उससे जरूर कहना , 


जब भी हम शिव मंदिर पहुंचे , जब भी हम कथा सुनने जाए तब एक प्रण लेकर जाओ की आज में अपने अंदर का एक अवगुण त्याग दूंगा , इस चीज़ को बार बार प्रयास करो आप धीरे धीरे सब गलत कामो से मुक्त हो जाओगे , 


किसी संत के द्वार पर अगर जाए तो दो काम जरूर करना इससे हमारा मन ,तन और बुद्धि पवित्र होती चली जाएगी पहला वह की रज को अपने माथे पर लगाना और अगर वहां पर पानी मिल जाए तो उसे अपने माथे पर लगाना और थोड़ा आचमन यानि एक दो बून्द पी ले , 


जब भी किसी दुःख ,परेशानी और दिक्कत मे पड़ जाओ तो , माता ,पिता और अपने भगवान जिसे आप पूजते है उसके पास जाकर जरूर बैठे , और इन्हे अपनी परेशानी बताओ आप देखोगे ऐसा करने से आपकी दिक्कत आपकी परेशानी दूर हो जाएगी , 


परमात्मा कहा मिलते है : अगर आप भगवान को मंदिर मे ढूंढ़ते है , तीर्थ मे ढूंढ रहे हो , तो भगवान कहते है की इंसान मेरी सबसे प्यारी रचना है जब उसे दुःख होता है तो मुझे दुःख होता है ,लेकिन मेने एक इंसान की मदद के लिए दूसरे इंसान को बनाया है , आप किसी बीमार व्यक्ति की दवाओं का खर्चा उठाओ , किसी असमर्थ आदमी ,परिवार की मदद करो , किसी भूखे को भोजन कराओ ऐसा करने से परमात्मा का दर्शन हो जाएगा , 


हर बच्चे को जरूर करना चाहिए ये उपाय : संसार मे कई बच्चे अपने माता पिता के बिना रह जाते है , कुछ कारन कुछ दुर्घटना हो जाती है ,इसके लिए शिव ने पारवती से कहा सुनो पारवती जो भी कोई मेरा दर्शन करने शिव मंदिर आएंगे और तुम्हारा दर्शन करके जाएंगे तो उनकी माता हमेशा उनके साथ रहेगी , 


अगर कोई देवी देवता रुष्ट हो जाए : शिवमहपुराण की कथा कहती है अकेले शिवलिंग मे दुनिया के सारे देवी देवता , हमारे पितृ , हमारे कुलदेवता , कुल देवी , पर्वत पहाड़ , पक्षी , पृथ्वी ,आकाश और यहाँ तक की पूरा ब्रह्माण्ड शिव मे समाया हुआ है , इसलिए शिवलिंग पर जल चढाने से सब काम ठीक हो जाते है , 


चार लोग : ये चार लोग रूठ भी जाए तो भी कल्याण ही करते है , माता ,पिता ,गुरु और परमात्मा ये कभी भी आपको बुरा नहीं चाहते हमेशा आपके अच्छे के लिए ही काम करेंगे , 



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चतुर्थी के उपाय , धन प्राप्ति , नौकरी मनोकामना , रिद्धि सिद्धि के लिए उपाय

 अगर आपकी दुकान व्यापार नहीं चल रहे पैसे की कमी है तो एक काम कीजिए एक कमल गट्टे को जल के लौटे में डालें और इस जल को शिवजी को चढ़ाना समर्पित कीजिए , या फिर कमलगट्टा शिवजी को चढ़ाए उसके बाद शिवजी को जल चढ़ाए , ऐसा आप किसी भी दिन से शुरू कर सकते है ये उपाय आपको हर रोज करना है 2 हफ्ते तक लगातार , इसके बाद आप देखोगे आपका व्यापार चलना प्रारम्भ हो गया आपकी पैसे की तंगी दूर होने लगी है ,

अगर आपकी दुकान व्यापार नहीं चल रहे पैसे की कमी है तो एक काम कीजिए एक कमल गट्टे को जल के लौटे में डालें और इस जल को शिवजी को चढ़ाना समर्पित कीजिए , या फिर कमलगट्टा शिवजी को चढ़ाए उसके बाद शिवजी को जल चढ़ाए , ऐसा आप किसी भी दिन से शुरू कर सकते है ये उपाय आपको हर रोज करना है 2 हफ्ते तक लगातार , इसके बाद आप देखोगे आपका व्यापार चलना प्रारम्भ हो गया आपकी पैसे की तंगी दूर होने लगी है , इसके अलग चतुर्थी का एक महा उपाय है जिसे गुरुदेव ने बताया है , जिसके घर में सम्पदा की कमी हो , काम नहीं चल रहा हो , घर में कोई बीमार रहता हो तो शिवलिंग पर जाओ और गणेश जी के स्थान पर 5 शमी पत्र समर्पित करे और 3 शमी पत्र संकर जी के ऊपर समर्पित करे , एक शमी पत्र संकर जी की चौखट पर आते समय अपने बाएं हाथ की तरफ संपित करे और यही चौखट पर एक घी का दिया लगा दीजिए , यह पर गणेश जी का विशेष नाम मोरध्वज लेकर जो भी ये दीपक जला देता है ,  ये उपाय चतुर्थी से लेकर अनंत चतुर्थी तक ये उपाय करना है , ध्यान दीजिए जो इस उपाय को कर लेता है रिद्धि सीधी उसके घर से कभी नहीं जाती है , हमेशा उसके घर मे खुशियाँ ही रहेंगी .   चतुर्थी के उपाय , धन प्राप्ति , नौकरी मनोकामना , रिद्धि सिद्धि के लिए उपाय


इसके अलग चतुर्थी का एक महा उपाय है जिसे गुरुदेव ने बताया है , जिसके घर में सम्पदा की कमी हो , काम नहीं चल रहा हो , घर में कोई बीमार रहता हो तो शिवलिंग पर जाओ और गणेश जी के स्थान पर 5 शमी पत्र समर्पित करे और 3 शमी पत्र संकर जी के ऊपर समर्पित करे , एक शमी पत्र संकर जी की चौखट पर आते समय अपने बाएं हाथ की तरफ संपित करे और यही चौखट पर एक घी का दिया लगा दीजिए , यह पर गणेश जी का विशेष नाम मोरध्वज लेकर जो भी ये दीपक जला देता है ,  ये उपाय चतुर्थी से लेकर अनंत चतुर्थी तक ये उपाय करना है , ध्यान दीजिए जो इस उपाय को कर लेता है रिद्धि सीधी उसके घर से कभी नहीं जाती है , हमेशा उसके घर मे खुशियाँ ही रहेंगी . 


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Savan ke upay | मनोकामना पूर्ति , धन प्राप्ति , और नौकरी व्यापर के लिए बेलपत्र और शहद का उपाय

 गरीबी दूर करने के लिए बेलपत्री का उपाय , सावन के किसी भी दिन आप उपाय कर सकते हो , 



2 बेलपत्र ले लेनी है , एक लौटा जल ( ताम्बे के लौटे ) , एक चम्मच honey , उत्तर दिशा की और मुँह करके खड़े हो जाना है , और श्री शिवाय नमस्तुभ्यं का जाप करते हुए ये जल शिवलिंग पर समर्पित करना है , इस जल को आप इतना धीरे धीरे अर्पित करे की कम से कम आप सात बार श्री शिवाय नमस्तुभ्यं का जाप कर सके , इसके बाद एक बेलपत्र लेना है अपने सीधे में रखकर अपनी मनोकामना को मन ही मन बोलना है और इस बेलपत्र को माता अशोक सुंदरी के स्थान पर समर्पित कर दे , इस बेलपत्र की डंडी आपकी और हो और बड़ी पत्ती शिवलिंग की और हो ,और बेलपत्र का चिकना भाग माता अशोक सुंदरी को टच करे इस तरह से आपको ये बेलपत्र समर्पित करनी है , 

इसके बाद आप शहद जो आप अपने घर से लेकर आये है उससे दूसरी बेलपत्र की बड़ी पत्ती पर ॐ लिखना है इस ॐ को आप अपने सीधे हाथ की अनामिका ऊँगली से लिखंगे , छोटी ऊँगली से अगले वाली ऊँगली को अनामिका कहते है , अब बेलपत्र की 2 और पत्तियों पर शहद से बिंदी लगा देनी है , इसके बाद आपने इस बेलपत्र को शिवलिंग पर समर्पित कर दे , ध्यान दीजिए ऐसे करते वक्त बेलपत्र का चिकने वाला भाग जिधर आपने शहद लगाया है वो शिवलिंग को टच होना चाहिए , डंडी जलधारी की और होनी चाहिए , इस उपाय को करने से आपकी हर तरह की मनोकामना पूर्ण होती है धन से जुडी सभी समस्याए दूर होती है , आपका व्यापर आगे बढ़ने लगता है नौकरी में तरक्की के प्रबल योग बनने लगते है , मतलब इस उपाय को आप धन प्राप्ति , नौकरी , व्यापर के लिए विशेष कर सकते है , इसे आप सावन के किसी भी दिन कर सकते है , और अगर आप सावन की विशेष तिथियों में इसे करते है तो ज्यादा फल मिलता है , जैसे प्रदोष , सावन का सोमवार , सावन की एकादशी , सावन की अमावश्या , सावन की मासिक शिवरात्रि , पंचमी और अष्ठमी तिथि पर ये उपाय ज्यादा फलदायक होता है , 


दूसरा उपाय : इस उपाय मे आपको 5 बेलपत्र लेने है , साथ ही साथ एक ताम्बे के लौटे मे जल ले लेना है इसके बाद आप इन्हे लेकर जाएंगे मंदिर , मंदिर जाकर उत्तर दिशा की और मुख करके खड़े हो जाना है और शिवलिंग पर जल समर्पित करना है जल को धीरे धीरे से समर्पित करे और साथ साथ श्री शिवाय नमस्तुभ्यं का जाप करना है इसके बाद अपने सीधे हाथ मे बेलपत्र लीजिए , ध्यान दीजिए पांचो बेलपत्र लेने है और एक ऊपर एक इस तरह से पांचो बेलपत्र ले लेने है और अपनी मनोकामना को मन मे बोलते हुवे ये बेलपत्र शिवलिंग पर समर्पित कर देने है , ध्यान रहे बेलपत्री का चिकना भाग शिवलिंग को टच होना चाहिए , इस उपाय को आप अपनी किसी भी मनोकामना या किसी भी रुके हुए काम के लिए कर सकते है 


मनोकामना पूर्ति , धन प्राप्ति , और नौकरी व्यापर के लिए बेलपत्र और शहद का उपाय