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Story of Lord Krishna and Stolen Clothing , भगवान श्री कृष्ण और चोरी के वस्त्र की कहानी
When Lord Shiva himself came to Kedarnath Dham to meet the devotee , जब केदारनाथ धाम पर भगवान शिव खुद आये भक्त से मिलने
Power of true mentorship , सच्चे गुरु की शक्ति
In which house daughters are born ? बेटियों के जन्म के लिए कैसे घर को चुनते हैं भगवान ? किसके घर पर पैदा होती है बेटियाँ ?
दोस्तों हम MODERN तो बहुत हो गए लेकिन आज भी हम में से बहुत सारे घर ऐसे है जो लड़की के पैदा होने पर खुशी नहीं मनाते बल्कि अंदर ही अंदर दुःख में डूब जाते है , और ये एक सामाजिक बुराई है , क्योकि स्त्री ,पुरुष , लड़का लड़की मानव के 2 ऐसे रूप है जिनके बिना इस दुनिया का चलना असंभव है ,
बस यही बात हमे समझनी चाहिए , आइये आज हम आपको बताते है की किन घरो में ज्यादा लड़किया पैदा होती है , आपको ये जानकर हैरानी होगी की पुराणों के अनुसार लड़की का जन्म भाग्यशाली इंसानो के घर पर ही होते है , जिन्होंने अपने पूर्व जन्म में पुण्य कर्म किये होते है , आपको बता दे की लड़की को साक्षात् लक्ष्मी का रूप माना जाता है ,
इसी के बारे में हम आज आपको भगवन श्री कृष्णा और अर्जुन के बीच का संवाद बताते है , जिसमे अर्जुन भगवान श्री कृष्ण से अर्जुन पूछते है की हे माधव यह बताए की किन घरो में बेटियों का जन्म होता है , किन घरो पर भगवान और माँ लक्ष्मी की कृपा होती है जिससे उनके घर में लड़कियों का जन्म होता है ,
भगवान श्री कृष्ण कहते है की बेटियों का जन्म सौभाग्य से होता है ,और भगवान बेटियाँ उन्ही घरो में देते है जो बेटियों का भार सहन कर सके , जब भगवान किसी के घर में बेटी देता है तो उसके भरण पोषण के लिए उसके माँ बाप के भाग्य में खुशिया लिकता है ,
क्योकि ये बेटियाँ ही होती है जो हर किसी के भाग्य में नहीं होती और ये बेटियाँ ही होती है जो इस सृष्टि को चलाए रखने के लिए अपना सब कुछ न्योछावर कर देती है , अपने घर ,अपने माता पिता , अपनी सखी सहेलिया सब छोड़ एक अनजान घर में जाती है , पुरुष जरा सोच के देखे , इसे सोचने मात्र से ही रोंगटे खड़े हो जाते है की जिस घर में वो पले बड़े हुए है , अपने माता पिता को उन्हें छोड़ कर जाना है , यही सोच अगर आपको समज आती है तो आप लड़कियों का इस श्रस्टि में योगदान समझ सकते है ,
हे अर्जुन बेटियों का जन्म रुक जाना मतलब इस सृस्टि का जाना है , हमारे समाज में कई ऐसी धारणाए है जो बिलकुल गलत है , इनमे से एक यह है की किसी की मृत्यु हो जाने पर बेटियाँ या बहु उसका पिंड दान नहीं कार सकती जबकि आपको पता होगा की रामायण में भी जब भगवान राम के पिता दशरथ की मृत्यु हो जाती है तो राजा दशरथ ने खुद माता सीता के स्वप्न में आकर उनसे पिंड दान की इच्छा जाहिर की थी क्योकि उस वक्त वो भगवान श्री राम के साथ वन में थी तो उन्होंने वही से जो भी उनसे हुआ स्वपन में ही उनका पिंड दान किया जिसके बाद भगवान श्री राम के पिता राजा दशरथ को इस दुनिया से मुक्ति मिल गयी ,
अगर आपके घर में बेटी है तो आप ये भली भाती जानते होंगे की एक बेटी , बेटे से कहि ज्यादा माता पिता से प्यार करती है ,
आपको एक और कहानी सुनाते है , एक बार काफी दिनों बाद दो दोस्त आपस में मिलते है , दोनों एक दूसरे से अपना हाल चाल पूछते है ,
इस पर एक दोस्त दूसरे से कहते है की मेरे हाल बहुत बढ़िया है क्योकि मेरे घर 2 बेटे है , और अपने दोस्त से पूछा तेरे घर मे कितने बच्चे है , तब उसका दोस्त ख़ुशी से बोला की मेरे घर मे 2 बेटियाँ है , इस पर पहला दोस्त भगवान का धन्यवाद करते हुए कहते है की मेँ धन्य हूँ की मेरे घर 2 बेटे है और कोई बेटी नहीं है ,
यह सुनकर बेटियों के पिता के आँखों मेँ आंसू आ गए , इतने देर मेँ उसकी बेटी बोल पड़ती है की चाचा भगवान हमेसा उसी इंसान को बेटी देते है जो भाग्यशाली हो , कभी भी किसी ऐसे पुरुष के घर मेँ बेटी नहीं देते जो मन से गरीब हो , और ऐसे आदमी को भगवान बेटियों के रूप मेँ कभी भी लक्ष्मी नहीं देते ,
इसी के लिए स्वामी विवेकानद का किस्सा भी भी बहुत ज्यादा प्रशिद्ध है , एक बार की बात है की स्वामी विवेकानद माता वैष्णो देवी की चढ़ाई चढ़ रहे थे , तभी उन्होंने देखो की एक कमजोर सा किसान अपनी बेटी को अपने कंधे पर बिठाए चढाई चढ़ रहा था ,
स्वामी विवेकानद ने उन्हें देखा और कमजोर किसान को देखते हुए बोले की भाई आप अपनी बच्ची को मुझे दे सकते हो और इसे लेकर मेँ चढ़ाई चढ़ जाता हूँ आप मेरे साथ साथ चले , आपको बोझ लग रहा होगा , इस पर किसान ने कहा की आपने पूछा इसके लिए धन्यवाद , लेकिन श्रीमान में आपको बताना चाहता हूँ की , बेटियाँ कभी भी बाप के कंधे पर बोझ नहीं होती , बेटियाँ अगर बाप के कंधे पर हो तो वो हर बोझ को हल्का कर देती है ,
तो दोस्तों बेटी के होने पर जासं मनाए , मिठाई बाटे क्योकि भगवान ने आपके भाग्य को बदलना शुरू कर दिया है , और माता लक्ष्मी खुद आपके घर आयी है ,
किसके घर पर पैदा होती है बेटियाँ ?
Why is sex, sexuality considered the biggest sin ? कामवासना , कामुकता को क्यों सबसे बड़ा पाप माना गया है ?
कामवासना , कामुकता को क्यों सबसे बड़ा पाप माना गया है ,
आइये इसके बारे में विस्तार से जानते है , ये एक ऐसी आदत है जो किसी भी राजा , असुर और यहाँ तक की देवताओ के भी पतन का कारण बनी है , ऐसा व्यक्ति दिन रात सब कुछ भूल जाता है और उसका ध्यान सिर्फ एक ही तरफ लगा रहता है , तो काम वासना के बारे में दिन रात सोचने से क्या होता है ,
चाणक्य निति में कामुकता के बारे में विस्तार से बताया गया है , आचार्य चाणक्य कहते है की कामवासना के सामान दुनिया में कोई रोग नहीं है, मोह के सामान कोई शत्रु नहीं , क्रोध के समान कोई अग्नि नहीं , और ज्ञान से बड़ी सुख देने वाली कोई और वस्तु नहीं , आचार्य चाणक्य कहते है की जो मनुष्य कामवासना से लिप्त हो जाता है उसके दिमाग में कोई और बात आ ही नहीं सकती वह औरत हो या पुरुष उसके दिमाग मे हमेशा विपरीत लिंग के लिए ही भावनाए जाग्रत होती रहती है , आचार्य चाणक्य का कहना है की कामवासना आपके शरीर तक रहती है तो ठीक है लेकिन जब ये आपके दिमाग पर असर करने लगती है तब आपका विनाश निश्चित है ,
ऐसा पुरुष या फिर स्त्री पर पुरुष की और भी आकर्षित रहते है और इससे उनके दाम्पत्य जीवन पर भी असर पड़ता है ,
इसके बाद चाणक्य समझाते हुए कहते है की की शरीर के किसी भी अंग को अगर बहुत ज्यादा महत्व देना चाहिए तो वो हमारा दिमाग है और इससे अलग कोई नहीं ,
चाणक्यनीति की तरह ही ययाति ग्रन्थ मे भी कामुकता के बारे मे उल्लेख मिलता है , इस ग्रन्थ के अनुसार राजा ययाति 1000 वर्षो तक भोग विलाश मे लिप्त रहे लेकिन इसके बाद भी उन्हें तृप्ति या शांति नहीं मिली , इसके बाद जब गुरु शुक्राचार्य ने उन्हें वृद्ध , बड़े हो जाने का श्राप दिया तो वो कुछ विद्याओ के द्वारा अपने छोटे पुत्र की जवानी लेकर कई वर्षो तक काम वासना मे लिप्त रहे ,
लेकिन कुछ समय पश्चात जब उन्हें लगने लगा की इससे भी उनकी तृप्ति नहीं हो रही है तो उन्हें अपने आप से घृणा होने लगी और उन्होंने अपने पुत्र का यौवन लौटा दिया , और खुद वैराग्य धारण कर लिया ,
इसके बाद उन्होंने कहा की हम भोग नहीं भोगते , बल्कि भोग ही हमें भोगते है , हम तप नहीं करते बल्कि हम स्वयं ही तप्त हो गए है , काल कभी समाप्त नहीं होता हम समाप्त हो जाते है , और तृष्णा जीर्ण नहीं हुयी है हम ही जीर्ण हुए है ,
Signs Show Before Death | Garud Puran | ये 10 लक्षण दिखे तो समझ जाएँ आपकी मृत्यु निकट है !
दोस्तों मृत्यु एक ऐसा शब्द है जिससे हर प्राणी को डर लगता है फिर चाहे को इंसान हो या जानवर , लेकिन जन्म और मृत्यु तो जीवन का सत्य है लेकिन हम में से किसी को भी अपनी मृत्यु का समय नहीं पता होता लेकिन कुछ महान विद्वानों ने इसके इसके ऊपर बहुत अध्यन किया , और गरुड़ पुराण में भी इसके बारे में बताया गया है , जिसके अंदर दस ऐसे संकेत बताये गए है की अगर वो आपको दिखे या आपके साथ होते है तो समझ लेना मृत्यु निकट ही है , तो आइये जानते है इन सभी संकेतो के बारे में ,
1 . अपनी परछाई ना दिखना :
दोस्तों आमतौर पर आपने देखा होगा की आपको किसी भी रौशनी के सामने कड़े होने पर अपनी परछाई दिखाई देती है , ये रौशनी कोई भी हो सकती है। लेकिन मृत्यु से कुछ दिनों पहले आपको अपनी परछाई दिखनी बंद हो जाएगी , आप अपनी परछाई को तेल और पानी में भी देख सकते है , अगर आपकी परछाई आपको तेल और पानी में दिखनी बंद हो जाए तो समझ जाइये की अंतिम समय बहुत ही करीब है ,
2 . इन्दिर्यो का ना दिखाई देना :
अगर आपको अपनी नाक की नौक दिखाई देनी बंद हो गयी है , या आँखों के पालक ऊपर की तरफ मुड़ने लगे तो समझ लीजिए की उलटी गिनती शुरू हो गयी है , ऐसे व्यक्ति का मुँह लाल और जीब भी दिन पर दिन काली होती जाती है ,
3 . पूर्वज या पितर का दिखना :
जब कोई अत्यधिक बीमार होता है और उसे उनके पूर्वज या पितर दिखाई देने लगे तो समझ लेना उनके पास जाने का समय आ गया है ,
4 . चन्द्रमा यानि चाँद का खंडित दिखना :
कई बार मनुष्य को एक ही चांद्रमा अलग अलग हिस्सों में दिखाई देने लगता है लेकिन वास्तव में ऐसा उसी व्यक्ति को दीखता है जिसकी मृत्यु नजदीक होती है ,
5 . शरीर से अलग तरह की बदबू आना :
गरुड़ पुराण के अनुसार अगर किसी मनुष्य के शरीर से अजीब सी सड़ने जैसी बदबू आनी शुरू हो जाए और उसे दीपक के जलने की खुसबू आनी बंद हो जाए तो समझ लेना चाहिए मृत्यु में कुछ ही दिन बचे है ,
6 . भोजन करने के बाद भी भूख लगे रहना :
जिस व्यक्ति की मृत्यु नजदीक होती है वह भोजन करने के बाद भी और खाने की इच्छा रखता है , बार बार अपने दातो को आपस में रगड़ता है , 24 घंटे भय बना रहता है और ऐसा लगता है की जैसे उसके आस पास कोई और भी है तब समझ लेना की आस पास घूमने वाला कोई और नहीं बल्कि यमदूत है और वो जल्द ही उसे लेकर जाएंगे ,
7 . सपनो के संकेत :
अगर कोई व्यक्ति सपने में ऊंट या फिर गधे पर बैठकर दक्षिण दिशा में चल पड़े तो समझ लेना की उसकी मृत्यु किसी भी वक्त हो सकती है , सपने में अपने आप को कीचड़ में धसा देखना , सवपन में खुले बल वाली स्त्री , अंगारे , अग्नि , राख , सांप , और सुखी नदी ये दिखना भी मृत्यु के संकेत है ,
8 . उलटी और मूत्र में दिखने लगे सोना : जिस व्यक्ति को सपने में अक्सर उलटी और मूत्र में धन सोना चाँदी दिखाई देने लगे उसकी उम्र 10 महीने से ज्यादा नहीं रहती , ऐसे व्यक्ति को प्रेत , पिसाच और सोने के पेड़ भी दिखाई देने लागते है
9 . जब कोई स्त्री ले जाए :
अगर सपने में कोई स्त्री लाल या काले कपडे पहने हुवे किसी व्यक्ति को दक्षिण दिशा की और ले जाए तो समझ लेना मृत्यु में ज्यादा दिन नहीं बचे है ,
10 . जब शीशे में अपने चेहरे के पास दिखे कुछ ऐसा : जब आप शीशा देखे और आपको अपना ही चेहरा धुंदला दिकहि दे , या अपने चहरे की जगह कोई और चेहरा हँसता हुआ दिखाई दे तो समझ लेना बस कुछ ही दिन हो इस धरती पर।
दोस्तों ये सभी बाते गरुड़ पुराण में बताई गयी है , हम इनमे से किसी भी बात को सच या झूठ होने का कोई समर्थन नहीं करते ,
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भगवान शिव ने क्यों भगवान विष्णु के पुत्रो का संघार किया , क्यों भगवान शिव ने विष्णु के सभी पुत्रो को मारा ,
नमस्कार दोस्तों आज इस पोस्ट में हम जानेंगे की भगवन शिव ने क्यों भगवान विष्णु के पुत्रो का संघार किया , क्यों भगवान शिव ने विष्णु के सभी पुत्रो को मारा ,
ऋषभ अवतार , बहुत काम लोग इसने बारे में जानते है , भगवान शिव ने विष्णु के पुत्रो को मारने के लिए ऋषभ अवतार लिया लेकिन ऐसा क्या हुवा की था जिसके कारन भगवान शिव को ये निर्णय लेना पड़ा ,
भगवान शिव के ऋषभ अवतार का वर्णन शिव महापुराण में मिलता है , जिसके अनुसार समुद्र मंथन के समय देवताओ और दानवो में भीषण युद्ध हुआ तब दानवो यानि राक्षसो से अमृत को बचाने के लिए भगवान विष्णु ने मोहनी अवतार लिया था ,
कहा जाता है की भगवान विष्णु का ये मोहनी अवतार इतना आकर्षक था की कोई भी प्राणी , जैसे देवता , दानव या फिर इंसान जो भी इस रूप को देख लेता था वो उन्हें पाने की कामना करने लगता था , और इसी आकर्षण को देखते देखते राक्षश अमृत का मोह भूलकर मोहनी के मोह में फस गए , और इसी आकर्षण के चलते मोहनी ने राक्षसो को अमृत की जगह साधारण जल पीला दिया ,
अचानक से उन राक्षसो को पता चला की उनके साथ छल हुआ है तो उन्होंने देवताओ पर आक्रमण कर दिया , और हर बार की तरह इस बार भी भगवान विष्णु ने देवताओ को बचा लिया , और दानवो का संहार करना शुरू कर दिया ,
यह देख कर राक्षस पाताल लोक की और भागने लगे लेकिन भगवान विष्णु ने उनका पीछा किया , और पाताल लोक जा पहुंचे और सभी राक्षस जाती का अंत कर दिया ,
वही पर भगवान विष्णु ने देखा की कुछ अप्सरा बंदी गृह में बंद है जिन्हे इन दानवो ने बंदी बनाकर रखा था , भगवान विष्णु ने इन सभी को वह से मुक्त कराया , यहाँ जितनी भी अप्सरा कैद थी ये सभ भगवान शिव की भक्त थी ,
जिन्होंने भगवान शिव से वरदान माँगा था की विष्णु उनका स्वामी बने , भगवान शिव का पाताल लोक जाना और इन अप्सराओ को छुड़ाना ये सभी भगवान शिव की माया ही थी ,
वही अप्सराओ के कहने पर भगवान शिव इन सभी अप्सराओ के स्वामी बने , और ऐसा होने के बाद भगवान विष्णु वैकुण्ठ धाम छोड़ पाताल लोक में रहने लगे , कुछ समय बाद इन सभी अप्सराओ ने भगवान विष्णु के पुत्रो को जन्म दिया ,
लेकिन दुर्भाग्यवश ये पुत्र भगवान विष्णु की तरह न होकर असुर , दानव परवर्ती के थे , और जैसे जैसे भगवान विष्णु के ये पुत्र बड़े हुवे तो इन्होने लोगो पर , देवताओ पर , स्त्रियों पर अत्याचार करना शुरू कर दिया ,
तीनो लोक भगवान शिव के इन पुत्रो से बचने के लिए इधर उधर भागने लगे , इसके बाद ऋषि और देवता भगवान शिव के पास सहायता के लिए पहुंचे , और इस समस्या का समाधान करने के लिए प्रार्थना की , इसके बाद भगवान शिव ने ऋषभ अवतार लिया , यह अवतार एक भयानक 4 पैर वाला जानवर था , और यह ऋषभ अवतार सीधे पाताल लोक जा पंहुचा और दानवो से युद्ध शुरू किया , लेकिन कुछ ही समय में ऋषभ अवतार ने विष्णु के सभी पुत्रो का वध कर दिया ,
जब ये बात भगवान विष्णु को पता चली की उनके पुत्रो को एक बैल ने मार डाला तो वो क्रोधित हो गए और उसे मारने के लिए उसके पीछे दौड़े , ऐसे में ऋषभ और भगवान विष्णु के बीच भयंकर युद्ध हुआ , दोनों ही देवता थे तो किसी भी हार अनिश्चित थी , ये युद्ध काफी लम्बे समय तक चला और इसके बाद भगवान विष्णु को ये आभास हुआ की ये कोई साधारण बैल या कोई साधारण अवतार नहीं बल्कि ये स्वयं भगवान शिव का अवतार है , ऐसा समझते ही भगवान विष्णु ने अपने हथियार फैक दिए , और उन्होंने युद्ध के लिए भगवान शिव से क्षमा मांगी , जिसके बाद भगवान शिव ने अपने वरदान के बारे में सबकुछ बताया ,
इसे सुनकर भगवान विष्णु ने भगवान शिव को नमस्कार किया और वैकुण्ठ लोट गए ,
तो दोस्तों ये था भगवान शिव के बहगवां विष्णु के पुत्रो को मारने का वर्णन , अगर आपको इससे कुछ भी ज्ञान या knowledage हुयी है तो इस पोस्ट को like और share करे .
महान शिव भक्त क्यों बन गए अघोरी , क्यों रहते है शमसान में , क्या है इसके पीछे की कहानी ?
नमस्कार दोस्तों ...
दोस्तों इस पोस्ट में बात करेंगे की कैसे एक शिव भक्त एक शाप के कारन अघोरी बन गया , अघोरी मतलब वो साधु शांत जो शमशान में पूजा करते है और सिद्धि प्राप्त करते है , आखिर ये शमशान में ही पूजा क्यों करते है ,
सबसे पहले हम आपको बताते है की अघोरी कौन होते है और इन्हे अघोरी क्यों कहा जाता है , आपको बता दे की अघोरी विद्या डरावनी नहीं होती बस उसे पाने का तरीका डरावना होता है , अघोरी का साधारण भाषा में हम उसे भी कहते है जो सरल हो , जिसमे किसी तरह का भेदभाव न हो जो सबको एक सामान देखता हो ,
इसलिए अघोरी हर वो काम करता है जिससे आम मनुष्य को भय यानि डर होता है या जिससे आम मनुष्य भेद भाव करते है , एक अघोरी साधु खुले आम या चोरी छिपे शमशान में रहते है , कहा जाता है की अघोरी कच्चा और सड़ा गला मांश भी खा जाते है ,और इसके पीछे उनका तर्क यह होता है की उनके लिए कोई भी चीज़ अच्छी या बुरी नहीं , न ही कोई वास्तु गन्दी या खूबसूरत नहीं ,
और कोई भी मनुष्य तभी अघोरी बन सकता है जब वो अपने मन से घृणा को निकाल दे , अर्थात अघोरी वही बन सकता है जिसके अंदर प्रेम , घृणा , मोह , लाभ , लालच कुछ ना रहे , इनके ह्रदय के अंदर किसी भी सांसारिक चीज़ के लिए कोई जगह नहीं होती और जगह होती है तो फिर शिव के लिए , तो अब बात ये उठती है की जब ये शिव भक्त है तो इन्हे अघोरी क्यों कहा जाता है ,
इसका वर्णन शिव पुराण में किया गया है जिसके अनुसार भगवन शिव के ससुर प्रजापति दक्ष एक बार एक सभा में गए जहा एक हवन का आयोजन होना था , जैसे ही प्रजापति दक्ष आयोजन में पहुंचे तो सभी उनके सम्मान में खड़े हो गए , लेकिन ब्रह्मा देव और भगवानशिव अपने अपने स्थान पर बैठे रहे , ये देखकर दक्ष को बहुत गुस्सा आया इसलिए उन्होंने जब सोचा की ब्रह्मा देव तो मेरे पिता है इसीलिए वो मेरे आदर के लिए खड़े नहीं हुए , परन्तु शिव तो मेरी बेटी का पति है इसलिए उसे मेरे सम्मान में खड़ा होना चाहिए था , ये सोचकर दक्ष ने हाथ में जल लिया और भगवान शिव के ऊपर फेकते हुवे श्राप दे दिया और कहा की आज से शिव किसी भी यग के भागी नहीं होंगे , और ऐसा कहकर दक्ष वहां से चले गए , ऐसा सुनकर भगवान शिव ने कुछ नहीं कहा लेकिन इस पर भगवान शिव के वाहन नंदी को बहुत क्रोध आया ,
इस पर उसने भी कहा की दक्ष ने शिव को एक साधारण मनुष्य समझते हुए शाप दिया है तो में भी यहाँ उपस्थित समस्त ब्राह्मणो को ये शाप देता हूँ की आप सभी ज्ञान रहित हो जाएंगे , और भूख मिटाने के लिए आपको घर घर भिक्षा मांगनी होगी , वही सभा में ऋषि भृगु बैठे हुए थे उन्हें भी इस शाप को सुनकर क्रोध आ गया और उन्होंने भी श्राप दे दिया की जो भी भगवान शिव का भक्त बनेगा वे सभी वेद सस्त्रो के अनुसार ढोंगी और पाखंडी कहलाएंगे , वो जटा धारण करेंगे , शरीर में भसम लगाएंगे , और ये सभी शिव भक्त मांस मदिरा का सेवन भी करेंगे और इनका निवास स्थान भी शमसान होगा , और दोस्तों ऋषि भृगु के इसी श्राप के कारन भगवान शिव का अघोरी रूप सबके सामने आया , जिसके बाद उनके भक्तो को भी अघोरी कहा जाने लगा ,
महान शिव भक्त क्यों बन गए अघोरी , क्यों रहते है शमसान में , क्या है इसके पीछे की कहानी ?
SHRI KRISHAN | कलयुग के बारे में 5 भविष्यवाणी , | LORD KRISHAN
नमस्कार दोस्तों
दोस्तों इस पोस्ट में हम आपको बताएंगे कलयुग के बारे में 5 कड़वी बाते , जो भगवान कृष्ण द्वारा पहले ही बताई जा चुकी है और आज पूरी तरह सच हो रही है ,
महाभारत के समय ही पांडवो को आने वाले युग के बारे में पता चला और उन्होंने इसके बारे में जानने की इच्छा जताई तब भगवान श्री कृष्ण ने कलयुग के बारे में जो 5 बाते बताई वो आज हम आपको यहाँ पर बता रहे है,
उनकी ऐसी इच्छा देखते हुवे भगवान श्री कृष्ण ने उन्हें वन में जाने को कहा और कहा की जोकुछ भी तुम वह पर देखो वो मुझे विस्तार में आकर बताना की तुमने वह पर क्या देखा ,
ऐसा कहकर पांचो पांडव वन की और चले गये , सुबह से शाम तक वन में घूमे और शाम होने पर भगवान श्री कृष्ण के पास गए , उसके बाद उन्होंने भगवान को क्या एक एक करके बताते है ,
सबसे पहले सबसे बड़े भाई युधिस्ठिर से पूछा की तुमने क्या देखा तो उन्होंने बताया की मेने एक 2 सूंड वाले हाथी को देखा , और बताया की काफी सारे जानवर उसके पीछे चल रहे थे ,
इस पर भगवान श्री कृष्ण ने कहा की कलयुग में ऐसे लोग राज करेंगे जिनके दो चेहरे होंगे यानि बोलेंगे कुछ और और करेंगे कुछ और , ये लोग हर तरह के इंसान का शोषण करेंगे ,
इसके बाद भीम ने बताया की उसने वन में एक गाय को देखा जो अपने बछड़े को इतना चाट रही थी की उससे खून निकल आया , इस पर भगवान श्री कृष्ण ने कहा की कलयुग में लोग ऐसे ही होंगे , जो अपनी ममता के पीछे सब कुछ भूल जाएंगे , कलयुग में मनुष्य ऐसा होगा की यदि किसी का पुत्र साधु बना तो सब उसके दर्शन करेंगे उसके चरण छुएंगे , और यदि खुद का पुत्र साधु बना तो दुखी हो जाएंगे , कलयुग में लोग अपने बच्चो को मोह माया में इतना बांध कर रखेंगे जिसके कारण उसका विकास ही रुक जाएगा , और इसके बाद भगवान ने अर्थ समझाते हुवे कहा की तुम्हारे पुत्र तुम्हारे नहीं बल्कि उनकी पत्नियों की अमानत है और तुम्हारी पुत्री उनके पति की अमानत है , और तुम्हारा यह शरीर मृत्यु की अमानत है ,
इसके बाद अर्जुन ने बताया की उसने एक पक्षी देखा जिसके पंख पर वेद की रचनाए लिखी हुयी थी ,परन्तु वो एक दूसरे जानवर का मांश खा रहा था ,यह सुनकर भगवान हंस पड़े और बताया की कलयुग में ऐसे लोग होंगे जो विद्वान् कहे जाएंगे , किन्तु अंदर से उनकी मनसा यही होगी की किसकी जल्दी मृत्यु हो और उसकी संपत्ति को हड़प लिया जाए ,,
व्यक्ति चाहे कितना भी बड़ा हो लेकिन उसकी सोच और दृस्टि हमेशा दुसरो के धन को हड़पने के लिए ही होगी , वास्तविक शंत तो कोई ही होगा ,
इसके बाद नकुल ने बताया की उसने वन में देखा की एक बहुत भरी चट्टान पर्वत से गिरी और बड़े से बड़े पेड़ भी उसे नहीं रोक पाए , परन्तु फिर अचानक वह एक छोटे से पेड़ से टकराकर रुक गयी ,
इस पर भगवान ने कहा की कलयुग में मनुष्य की बुद्धि विनाशकारी होगी , उसका पतन होगा और इसे रोकने के लिए धन या शतता के जैसे बड़े पेड़ भी रोकने में शक्षम नहीं होंगे , किन्तु जो हरिनाम को जपेगा , इससे उसका विनाश रुक जाएगा ,,
इसके बाद सहदेव ने एक बहुत बड़े कुओ का झुण्ड देखा जहा एक जगह बहुत सारे कुए थे , सहदेव ने देखा की सबसे बीच का कुआ खली है और वह सबसे गहरा भी है , ऐसा देखकर सहदेव को आश्चर्य हुआ ,
इस पर श्री कृष्ण ने बताया की कलयुग में मनुष्य ऐसे ही होंगे जो अलग तरह के कार्यो में बहुत धन खर्च करेंगे जैसे विवाह , महोत्सव , लेकिन यदि किसी को वास्तव में धन की जरूरत होगी तो उसे नहीं देंगे , और कलयुग में जो मनुष्य सबकी मदद करेगा वह हमेशा अकेला ही रहेगा , लोग उसे गलत कहेंगे , जोकि आज आप देखते है और ये काम आज के समय माँ बाप के साथ हो रहा है ,
तो दोस्तों ये थे कलयुग के पांच सत्य जो भगवान श्री कृष्ण द्वारा पहले ही बताए जा चुके थे और आज लगातार सत्य हो रहे है ,
ENGLISH LANGUAGE :
Hello friends
Friends, in this post we will tell you 5 bitter things about Kali Yuga, which have already been told by Lord Krishna and are coming true today.
At the time of Mahabharata, the Pandavas came to know about the coming era and they expressed their desire to know about it, then the 5 things that Lord Shri Krishna told about Kali Yuga, we are telling you here today,
Seeing his such desire, Lord Shri Krishna asked him to go to the forest and said that whatever you see on it, come and tell me in detail what you saw on it,
Saying this, the five Pandavas went to the forest, roamed in the forest from morning till evening and went to Lord Shri Krishna in the evening, after that what they tell God one by one,
First of all asked the eldest brother Yudhishthira what did you see, then he told that I saw a 2 trunked elephant, and told that many animals were following him,
On this, Lord Shri Krishna said that in Kaliyuga such people will rule who will have two faces, that is, they will say something else and will do something else, these people will exploit every type of human being,
After this Bhima told that he saw a cow in the forest which was licking its calf so much that blood came out of it, on this Lord Krishna said that in Kaliyuga people will be like this, who forget everything behind their love. Will go, in Kaliyuga a man will be such that if someone's son becomes a monk, then everyone will see him and touch his feet, and if his own son becomes a monk, then he will be sad, in Kaliyuga, people will keep their children so tied in illusion, due to which Its development will stop, and after this God explained the meaning and said that your sons are not yours but their wives' trust and your daughter is their husband's trust, and this body of yours is the trust of death,
After this Arjun told that he saw a bird on whose wing the compositions of the Vedas were written, but he was eating the flesh of another animal, hearing this, God laughed and told that there will be such people in Kaliyuga who will be called scholars, but His intention from inside would be that who should die soon and his property should be usurped.
No matter how big a person is, but his thinking and vision will always be to grab the money of others, the real peace will be someone,
After this Nakul told that he saw in the forest that a very heavy rock fell from the mountain and even the biggest trees could not stop him, but then suddenly he stopped after hitting a small tree,
On this, God said that in Kaliyuga, the intellect of man will be destructive, it will fall and to stop it, even big trees like money or centenary will not be able to stop it, but one who chants Harinam, it will stop its destruction.
After this, Sahadev saw a bunch of very big wells where there were many wells in one place, Sahadev saw that the middle well is empty and it is also the deepest, Sahadev was surprised to see this,
On this, Shri Krishna told that in Kalyug, human beings will be such that they will spend a lot of money in different types of work like marriage, festivals, but if someone really needs money, then they will not give it, and in Kaliyuga, the person who helps everyone. He will always be alone, people will call him wrong, which you see today and this work is being done with parents today,
So friends, these were the five truths of Kalyug which were already told by Lord Shri Krishna and are becoming true today.
God
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The closer you walk with God,
the less room for anything to come between .
Faith it does not make thing easy it makes them
possible.
As much as you want to plan your life , it has a way
of surprising you with unexpected things that will make you happier than you
originally planned.
God is not an option , He is a necessity.
Faith is the bridge between where I am, and the
place God is talking me.
Prayers is the key of heaven but
Faith unlocks the doors.
God created a void in your heart that is only his to
fill. When life become boring ,meaningless and hard. It because we have been
filling it with anything but him.
The value of persistent prayers is not that , he
will hear us but that we finally hear him .
Prayers is the most powerful weapons against troubles.
The most effective medicines against sickness. and the most valuable gift to
someone you love.
When God call us to step out of our comfort zone. He
is not calling us to be comfortable in situation. He is calling us to me
Comfortable in him in spite of the situation.
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