नागपंचमी की कथा , nagpanchmi ki katha , Nagpanchmi story in hindi

 नागपंचमी की कहानी 




एक  बार की बात है एक सेठ जी थे उनके 7 पुत्र थे उन सभी के विवाह हो चुके थे , सात पुत्रो की सतो बहु बड़ी ही सुशिल और अच्छी थी , 6 के मायके बहुत अच्छे थे पर सबसे छोटी बहु के भाई नहीं था , इसलिए बाकि 6 बहु उसे बात बात पर भाई के ताने मारा करती थी , 

एक दिन की बात है वो सतो बहु एक बड़ा बर्तन लेकर और खुरपी लेकर मिटटी खोदने गयी , जैसे ही बड़ी बहु ने मिटटी खोदने के लिए खुरपी चलाई तो वहां से एक छोटा सा साप निकला बड़ी बहु उसे मरने लगी इतने में छोटी बहु बोल पड़ी जीजी इसे मत मारो ये निर्दोष है ऐसा कह कर सांप को थोड़ा डराया तो वह अलग जाकर बैठ गया , 

आते समय छोटी बहु उस साप से बोली यही बैठे रहना में तेरे लिए कुछ खाने को लेकर आती हूँ , लेकिन घर जाकर घर के काम काज में लग गयी और भूल गयी अगले दिन जब उसे याद आया तो वह थोड़ा कच्चा दूध और खाना लेकर वहां पहुंची और देखा तो वह साप वही बैठा हुवा था , साप कुछ कहता तब तक छोटी बहु बोल पड़ी भैया मुझे माफ़ कर देना , में अपनी गलती की माफ़ी मांगती हूँ , इतना कहने पर वह साप बोला आज नागपंचमी है और तूने मुझे भाई बोला है इसलिए में तुझे छोड़ देता हूँ और आ जैसा बातो बातो में मुझे पता लगा की तेरा कोई भाई नहीं है तो आज से में तेरा भाई हूँ , 

इसके बाद साप जंगल मे कहि चला गया और छोटी बहु अपने घर आ गयी , अगले दिन वह साप एक इंसान का रूप बनाकर सेठ जी के घर पंहुचा और सबसे पहले छोटी बहु से मिला और मिलकर बताया मे वही साप हूँ जिसे तू कल दूध पीला कर आयी थी डरना मत मे इच्छाधारी नाग हूँ , चल जब तूने मुझे भाई बोल ही दिया है तो चल अपने मायके घूम आ , इतना कहकर वो चलने लगे सभी ने पूछा अभी तक तो तेरा कोई भाई नहीं था अब एकदम भाई कैसे , तब साप ने खा मे इसका दूर का भाई हूँ और बचपन मे ही दूसरी जगह जाकर रहने लगा था आज पता चला तो मे इसे लेने आ गया , बहु ने भी उसकी हाँ मे हाँ मिलाई , और साप के साथ चल दी , साप उसे एक गुफा के अंदर से एक महल जैसे घर मे ले गया जहा वह साप और साप की माँ रहती थी , कुछ दिन छोटी बहु वहां पर रुकी और उसके बाद बहुत सा धन देकर साप उसे उसके ससुराल छोड़ आया , 

इसके बाद जब यह धन बड़ी बहु ने देखा तो उसे सक हुआ उसने अपने देवर यानि छोटी बहु के पति के कान भरे , शाम को छोटी बहु के पति ने अलग बुलाकर पूछा सच सच बताओ तुम्हे यह धन कहा से प्राप्त हुवा है , इसके बाद छोटी बहु ने साडी बात बताई और अपने साप भाई को याद किया , याद करते ही साप वही पर प्रकट हो गया और छोटी बहु के पति को सब समझाया और बताया . 

इसके बाद से सभी को धीरे धीरे पता चल गया और सातो बहु भी उसे अपना भाई मानने लगी , क्योकि उस दिन पंचमी थी इसलिए इस दिन को नागपंचमी के दिन के रूप मे मनाया जाने लगा और सभी औरते साप को अपना भाई मानने लगी 



नागपंचमी की कथा 

नशा छुड़ाने का उपाय

 शमी , बेलपत्री , आवला , पीपल , वट 

बेलपत्री के पेड़ के निचे , लक्ष्मी , पारवती , और शिव का निवाश होता है 

पीपल के वृक्ष के निचे 52000 ब्राह्मण का निवाश होता है , भगवन विष्णु और शिवजी का निवाश होता है 

शमी के पेड़ के निचे , भगवन शिव अपने अड़भंग स्वरुप में निवाश करते है : जो व्यक्ति मदिरा , नशा , करता है या गलत आदतों में पड़ गया है और कोशिश करने के बाद भी नहीं छूट रहा तो 

शमी के वृक्ष के निचे शमी के निचे की मिटटी उठाकर शिवलिंग का निर्माण करे और बेलपत्र और शमी पात्र समर्पित करे इसके बाद बेलपत्री को उठाकर ले आये और शमी पात्र के साथ में शिवलिंग का विसर्जन कर देता है उसी दिन उस लाए हुवे बेलपत्र को जो नशा करने वाला व्यक्ति होता है उसे पहले दिन बड़ी पत्ती दूसरे दिन right side , दाहिने हाथ वाली पत्ती और तिसे दिन left side बाए हाथ वाली पत्ती को खिला देता है , ये प्रयोग 3 से 4 बार करना है और निश्चित है की दूसरी बार वो नशे की लत में नहीं पड़ेगा 


नशा छुड़ाने का उपाय 

12 august parma akadashi , 12 अगस्त परमा एकादशी के उपाय , नौकरी , व्यापर , बीमारी और मनोकामना के लिए उपाय ,

 नमस्कार दोस्तों 12 अगस्त दिन शनिवार को सावन अधिक मास परमा एकादशी के खास उपाय , 



पहला उपाय : बीमारी के लिए 

अगर आपको कोई दिक्कत है परेशानी है कोई बीमारी है जो ठीक नहीं हो रही है तो उसके लिए आपको तुलसी माता का उपाय करना है , ध्यान दीजिए तुलसी माता की लकड़ी लेनी है ( लकड़ी तोड़नी नहीं है तुलसी के पास पड़ी हुयी लकड़ी  हो ) उसे नहाने की बाल्टी मे डालना है और अपने हाथ मे पकड़कर गोल गोल घुमाना है इसके बाद एक मिनट तक घुमाने के बाद इस लकड़ी को वापिस तुलसी माता के पास ही रख देना है , बस इसे करने के बाद आप भगवान से अपनी प्रार्थना करे , जिन लोगो को कुष्ठ रोग है उसमे ये बहुत जल्दी आराम करता है , 


दूसरा उपाय : मनोकामना पूर्ति के उपाय :

अगर आपकी कोई मनोकामना है जो काफी समय से पूरी नहीं हो रही है ये उपाय उसके लिए है इस उपाय के लिए आपको 5 सफ़ेद फूल लेने है , एक दूर्वा लेनी है , इस दूर्वा मे 3 गांठ होनी चाहिए , 3 गांठ वाली दूर्वा लेनी है , इसके बाद 7 चावल के दाने लेने है और ताम्बे के लौटे मे जल भर लेना है , और ये सभी चीजे  इस जल के लौटे मे डाल देनी है  और ये सब लेकर आपको जाना है शिवजी के मंदिर और शिवलिंग के पास उत्तर दिशा मे खड़े होंगे और ये सारा जल शिवलिंग पर समर्पित कर देना है , लेकिन ध्यान रखना जब आप ये जल समर्पित करे लौटे का मुख आपकी तरफ हो और श्री शिवाय नमस्तुभ्यं का जाप करते हुए धीरे धीरे ये सारा जल आपको समर्पित करना है , ऐसा करने से आपकी सभी मनोकामना बहुत जल्द पूरी होगी , 


तीसरा उपाय : बीमारी के लिए , 

ये उपाय आपको शुक्रवार या एकादशी के दिन करना है 

आपको लेना है एक स्टील का लौटा इसमें आधा पानी डालिये और आधा दूध डालिये , ध्यान दीजिए कच्चा दूध हो और गाय का दूध हो ऐसा आपको लेना है और इस लौटे को लेकर चले जाना है शमी पेड़ के निचे , और जो व्यक्ति बीमार है उसका नाम और गोत्र बोलकर , भगवान अवधूतेश्वर महादेव का नाम लेकर ये जल समर्पित कर देना है , ध्यान दीजिए अगर खुद बीमार व्यक्ति इस उपाय को करे तो बहुत ही ज्यादा अच्छा होगा , जो भी व्यक्ति इस उपाय को कर लेता है 

उसकी सभी तरह की बीमारी बहुत जल्दी ठीक होने लग जाती है , 


चौथा उपाय : जानभूझकर या अनजाने मे हुयी गलती का उपाय 

कई बार ऐसा होता है की मंदिर जाते समय या मंदिर के अंदर आपसे कोई गलती हो जाती है या आपने गलती कर दी है तो ऐसे मे आप क्या करे आपको 2 सफ़ेद पुष्प लेने है और महादेव के मंदिर मे चले जाना है और ये जो 2 पुष्प आपके पास है उन्हें महदेव की चौखट पर एक एक पुष्प दोनों और चढ़ा देना है और महादेव से अपनी गलती की माफ़ी मांग लेनी है , ऐसा करने से महादेव उस व्यक्ति को तुरंत माफ़ कर देते है , 


तो भक्तो ये थे एकादशी के दिन के 4 उपाय जो आपको कथा से सुनकर बताए गए है , कहते है जिसके मन मे विश्वास होता है उसके सारे काम पुरे होते है इसलिए कोई भी उपाय करने से पहले आपको विश्वाश होना जरुरी है , ॐ नमः शिवाय , हर हर महादेव , श्री शिवय नमस्तुभ्यं 


12 august parma akadashi , 12 अगस्त परमा एकादशी के उपाय , नौकरी , व्यापर , बीमारी और मनोकामना के लिए उपाय ,

सावन अधिक मास मे अष्ठमी के उपाय , मनोकामना , बीमारी और नशा छुड़ाने के उपाय , अष्ठमी के उपाय

सावन अधिक मास मे अष्ठमी के उपाय , मनोकामना , बीमारी और नशा छुड़ाने के उपाय , अष्ठमी के उपाय

 

सावन मे मंगलवार और उस पर अष्ठमी ये बहुत ही बड़ा दिन बन जाता है 

बीमारी के लिए उपाय :

एक बेलपत्र लेना है , ताम्बे के लौटे मे जल भर लीजिए , इसे लेकर  शिव मंदिर पहुंच जाइये , उत्तर दिशा मे अपना मुख रखना है , और अपनी बेलपत्र की माता अशोक सुंदरी के स्थान पर समर्पित कर देना है , और जो जल आप अपने घर से लेकर आये है उसे श्री शिवाय नमस्तुभ्यं का जाप करते हुए उस जल को शिवलिंग पर समर्पित करना है , ये जो जल जलाधारी से निचे गिर रहा है उसे किसी बर्तन मे रोक लेना है , और इसके बाद अपनी बेलपत्र का भी उठा लेना ,और जल का आचमन कर लेना है , इसके बाद शिवलिंग की चौखट पर खड़े होकर मदिभद्र नाम का स्मरण करना है  और इसके बाद आपको अपना नाम अपना गोत्र और अपनी बीमारी बोलकर इस बेलपत्र की एक एक पत्ती को वही चबा चबा के खा लेना है इससे आपकी जो भी बीमारी होगी वो धीरे धीरे समाप्त होनी शुरू हो जाएगी , हफ्ते मे 2 दिन इस उपाय को करना है और किसी भी दिन किसी भी समय इस उपाय को कर सकते है ,


सावन अधिक मास का एक सबसे बड़ा और आसान उपाय है की आप सावन अधिक मास मे किसी भी दिन अपने घर के किसी भी पेड़ के निचे व्ही से थोड़ी सी मिटटी उठाकर शिवलिंग का निर्माण कर दे और अपने मन की मनोकामना कह कर जल समर्पित कर दे और 20 - 25 मिनट बाद उस शिवलिंग को वहीं पर जल से विसर्जन कर दे मात्र 2 महीने के अंदर अध्भुत चमत्कार होगा , 


बेर के 5 पत्ते , शमी के 5 पत्ते , बेलपत्री के 5 पत्ते , सावन महीने की किसी भी अष्ठमी को बेर के पत्ते पर लाल चन्दन , बेलपत्री पर पीला चन्दन , और शमी के पात्र को ऐसे ही रहने दे . और इसके बाद सबसे पहले  बेर के पत्ते  और उसके बाद बेलपत्री के पत्ते और सबसे बाद शमी की पत्ते शिवलिंग पर समर्पित करे इसके बाद इन्हे उठा लाये और बेलपत्री के निचे पहले एक लौटा जल समर्पित करना है , इसके बाद पत्ते समर्पित करेंगे और दुबारा से एक लौटा जल समर्पित कर देंगे , इसके बाद पांचो बेलपत्र उठा ले और लेकर अपने घर आ जाए और अवधूतेश्वर महादेव का नाम लेकर ये पत्ते किसी मदिरा पिने वाले को नसे करने वाले को ये पत्ते दोगे तो मात्र 21 दिन ऐसा करने से कोई भी गलत आदत गलत संगत व्यक्ति की छूठ जाएगी 


सावन अधिक मास मे अष्ठमी के उपाय , मनोकामना , बीमारी और नशा छुड़ाने के उपाय , अष्ठमी के उपाय 

चतुर्थी के उपाय , धन प्राप्ति , नौकरी मनोकामना , रिद्धि सिद्धि के लिए उपाय

 अगर आपकी दुकान व्यापार नहीं चल रहे पैसे की कमी है तो एक काम कीजिए एक कमल गट्टे को जल के लौटे में डालें और इस जल को शिवजी को चढ़ाना समर्पित कीजिए , या फिर कमलगट्टा शिवजी को चढ़ाए उसके बाद शिवजी को जल चढ़ाए , ऐसा आप किसी भी दिन से शुरू कर सकते है ये उपाय आपको हर रोज करना है 2 हफ्ते तक लगातार , इसके बाद आप देखोगे आपका व्यापार चलना प्रारम्भ हो गया आपकी पैसे की तंगी दूर होने लगी है ,

अगर आपकी दुकान व्यापार नहीं चल रहे पैसे की कमी है तो एक काम कीजिए एक कमल गट्टे को जल के लौटे में डालें और इस जल को शिवजी को चढ़ाना समर्पित कीजिए , या फिर कमलगट्टा शिवजी को चढ़ाए उसके बाद शिवजी को जल चढ़ाए , ऐसा आप किसी भी दिन से शुरू कर सकते है ये उपाय आपको हर रोज करना है 2 हफ्ते तक लगातार , इसके बाद आप देखोगे आपका व्यापार चलना प्रारम्भ हो गया आपकी पैसे की तंगी दूर होने लगी है , इसके अलग चतुर्थी का एक महा उपाय है जिसे गुरुदेव ने बताया है , जिसके घर में सम्पदा की कमी हो , काम नहीं चल रहा हो , घर में कोई बीमार रहता हो तो शिवलिंग पर जाओ और गणेश जी के स्थान पर 5 शमी पत्र समर्पित करे और 3 शमी पत्र संकर जी के ऊपर समर्पित करे , एक शमी पत्र संकर जी की चौखट पर आते समय अपने बाएं हाथ की तरफ संपित करे और यही चौखट पर एक घी का दिया लगा दीजिए , यह पर गणेश जी का विशेष नाम मोरध्वज लेकर जो भी ये दीपक जला देता है ,  ये उपाय चतुर्थी से लेकर अनंत चतुर्थी तक ये उपाय करना है , ध्यान दीजिए जो इस उपाय को कर लेता है रिद्धि सीधी उसके घर से कभी नहीं जाती है , हमेशा उसके घर मे खुशियाँ ही रहेंगी .   चतुर्थी के उपाय , धन प्राप्ति , नौकरी मनोकामना , रिद्धि सिद्धि के लिए उपाय


इसके अलग चतुर्थी का एक महा उपाय है जिसे गुरुदेव ने बताया है , जिसके घर में सम्पदा की कमी हो , काम नहीं चल रहा हो , घर में कोई बीमार रहता हो तो शिवलिंग पर जाओ और गणेश जी के स्थान पर 5 शमी पत्र समर्पित करे और 3 शमी पत्र संकर जी के ऊपर समर्पित करे , एक शमी पत्र संकर जी की चौखट पर आते समय अपने बाएं हाथ की तरफ संपित करे और यही चौखट पर एक घी का दिया लगा दीजिए , यह पर गणेश जी का विशेष नाम मोरध्वज लेकर जो भी ये दीपक जला देता है ,  ये उपाय चतुर्थी से लेकर अनंत चतुर्थी तक ये उपाय करना है , ध्यान दीजिए जो इस उपाय को कर लेता है रिद्धि सीधी उसके घर से कभी नहीं जाती है , हमेशा उसके घर मे खुशियाँ ही रहेंगी . 


चतुर्थी के उपाय , धन प्राप्ति , नौकरी मनोकामना , रिद्धि सिद्धि के लिए उपाय 

गुरुवार के दिन धन प्राप्ति के उपाय , मनोकामना पूर्ति और सभी समश्याओ के लिए सबसे बड़ा उपाय

गुरुवार के दिन धन प्राप्ति के उपाय ,

 


धन सम्पदा के लिए उपाय : 

धन सम्पदा के लिए ताम्बे के लौटे में जल भर लेना है , इसके बाद आपको लेनी है थोड़ी सी हल्दी लेना है और इसके बाद आपको अपने जल के लौटे में एक चुटकी हल्दी इस जल मे दाल लेना है और भगवान विष्णु का नाम लेते हुवे धीरे धीरे ये जल माता तुलसी मे समर्पित कर देना है , इससे धीरे धीरे आपके घर की धन से जुडी समस्याए समाप्त होने लगेंगी और घर मे माता लक्ष्मी का वाश होगा , 


दूसरा उपाय : मनोकामना पूर्ति हेतु उपाय :

इस उपाय मे आपको एक बेलपत्र लेना है , एक लौटा जल लेना है (लौटा ताम्बे का होना चाहिए ) , और शिव मंदिर शिवलिंग के पास पहुंच जाना है , अब आपको अपनी बेलपत्र माता अशोक सुंदरी के स्थान पर समर्पित कर देना है इस उपाय को करते हुए आपको एक बात का ध्यान रखना है की बेलपत्र की डंडी शिवलिंग से निचे लटकी हो इस तरह से आप ये बेलपत्र समर्पित करे , इसके बाद श्री शिवाय नमस्तुभ्यं का जाप करते हुए अपना जल जो आप घर से लेकर आये है माता अशोक सुंदरी वाली जगह पर धीरे धीरे समर्पित करना है और श्री शिवाय नमस्तुभ्यं का जाप करते रहना है जल को आप इस तरह से इतने धीरे से समर्पित करे की आप कम से कम 7 बार श्री शिवाय नमस्तुभ्यं का जाप कर सके , यही जल जो निचे की और बह रहा है उसे अपने दोनों हाथो मे थोड़ा थोड़ा ले और अपनी दोनों हथेलियों से अपनी आँखों पर लगाए ,  इसके बाद आपको शिवलिंग से थोड़ा पीछे हटकर बैठ जाए जिससे बाकि लोग भी अपना काम कर सके , पीछे बैठकर आपको माता अशोक सुंदरी से प्रार्थना करनी है अपनी मनोकामना उन्हें बतानी है और कुछ देर तक उनका समरण करना है , ऐसा करने से आपकी मनोकामना कुछ ही दिनों मे पूरी हो जाएगी ऐसा क्यों क्योकि माता अशोक सुंदरी भगवान भोलेनाथ की सबसे छोटी पुत्री है और सबसे प्रिय है इनको की गयी प्रार्थना भगवान भोलेनाथ बहुत जल्द सुनते है ,


तीसरा उपाय : बीमारी के लिए : 

सिद्ध किया हुआ रुद्राक्ष ( रुद्राक्ष को सरसो के तेल मे या फिर दूध मे डुबो कर रखे इसके बाद इस रुद्राक्ष को उठाओ और महादेव के शिवलिंग के ऊपर रख देना है और भगवान भोलेनाथ का समरण करते हुवे शिवलिंग और रुद्राक्ष पर जल या दूध जो भी आप अपनी इच्छा से चढ़ाना चाहते है वो चढ़ाए और इसके बाद इस रुद्राक्ष को उठाए और इसे धो लेना है और इसे इस्तेमाल करना है ) लेना है उसे अपने हाथो के बीच मे रखना है और धीरे धीरे हाथो को रगड़ना है , इस उपाय से शुगर और उच्च रक्तचाप ( BP , Blood pressure ) की बीमारी मे बहुत जल्दी आराम मिलता है , इससे अलग आप इसे किसी भी बीमारी के लिए कर सकते है इसे हफ्ते मे 2 दिन करना है किसी भी समय कर सकते है , 


चौथा उपाय जो सबसे कारगर है हर किसी के लिए है : हफ्ते मे एक दिन किसी भी समय शिवमंदिर जाना है और शिवलिंग के पास बैठकर कुछ मांगना नहीं है बस शिवलिंग की और देखते रहना है और श्री शिवाय नमस्तुभ्यं का जाप करते रहना है , आपको यह बैठे ऐसा मन मे विश्वास होना चाहिए की शिव सब जानते है और मेरी हर समश्या को जानते है , बार बार यही कहना है कुछ मांगने नहीं मिलने आया हूँ बाकि आप सब जानते है , भगवान है सब जानते है आपको जो भी दिक्कत परेशानी होगी वो धीरे धीरे सब दूर होगी , ये ठीक उसी तरह है जैसे भक्त सुदामा श्री कृष्ण से मिलने जाते है लेकिन कुछ मांगते नहीं , लेकिन भगवान सब जानते है जो भक्त सुदामा मांगने गए थे बिना मांगे ही उन्हें उससे करोड़ो गुना मिला था ये आप सब जानते है , तो ठीक ऐसे ही भगवान भोलेनाथ से हफ्ते मे एकबार मिलने जाया करो , 


गुरुवार के दिन धन प्राप्ति के उपाय , मनोकामना पूर्ति और सभी समश्याओ के लिए सबसे बड़ा उपाय 

Savan ke upay | मनोकामना पूर्ति , धन प्राप्ति , और नौकरी व्यापर के लिए बेलपत्र और शहद का उपाय

 गरीबी दूर करने के लिए बेलपत्री का उपाय , सावन के किसी भी दिन आप उपाय कर सकते हो , 



2 बेलपत्र ले लेनी है , एक लौटा जल ( ताम्बे के लौटे ) , एक चम्मच honey , उत्तर दिशा की और मुँह करके खड़े हो जाना है , और श्री शिवाय नमस्तुभ्यं का जाप करते हुए ये जल शिवलिंग पर समर्पित करना है , इस जल को आप इतना धीरे धीरे अर्पित करे की कम से कम आप सात बार श्री शिवाय नमस्तुभ्यं का जाप कर सके , इसके बाद एक बेलपत्र लेना है अपने सीधे में रखकर अपनी मनोकामना को मन ही मन बोलना है और इस बेलपत्र को माता अशोक सुंदरी के स्थान पर समर्पित कर दे , इस बेलपत्र की डंडी आपकी और हो और बड़ी पत्ती शिवलिंग की और हो ,और बेलपत्र का चिकना भाग माता अशोक सुंदरी को टच करे इस तरह से आपको ये बेलपत्र समर्पित करनी है , 

इसके बाद आप शहद जो आप अपने घर से लेकर आये है उससे दूसरी बेलपत्र की बड़ी पत्ती पर ॐ लिखना है इस ॐ को आप अपने सीधे हाथ की अनामिका ऊँगली से लिखंगे , छोटी ऊँगली से अगले वाली ऊँगली को अनामिका कहते है , अब बेलपत्र की 2 और पत्तियों पर शहद से बिंदी लगा देनी है , इसके बाद आपने इस बेलपत्र को शिवलिंग पर समर्पित कर दे , ध्यान दीजिए ऐसे करते वक्त बेलपत्र का चिकने वाला भाग जिधर आपने शहद लगाया है वो शिवलिंग को टच होना चाहिए , डंडी जलधारी की और होनी चाहिए , इस उपाय को करने से आपकी हर तरह की मनोकामना पूर्ण होती है धन से जुडी सभी समस्याए दूर होती है , आपका व्यापर आगे बढ़ने लगता है नौकरी में तरक्की के प्रबल योग बनने लगते है , मतलब इस उपाय को आप धन प्राप्ति , नौकरी , व्यापर के लिए विशेष कर सकते है , इसे आप सावन के किसी भी दिन कर सकते है , और अगर आप सावन की विशेष तिथियों में इसे करते है तो ज्यादा फल मिलता है , जैसे प्रदोष , सावन का सोमवार , सावन की एकादशी , सावन की अमावश्या , सावन की मासिक शिवरात्रि , पंचमी और अष्ठमी तिथि पर ये उपाय ज्यादा फलदायक होता है , 


दूसरा उपाय : इस उपाय मे आपको 5 बेलपत्र लेने है , साथ ही साथ एक ताम्बे के लौटे मे जल ले लेना है इसके बाद आप इन्हे लेकर जाएंगे मंदिर , मंदिर जाकर उत्तर दिशा की और मुख करके खड़े हो जाना है और शिवलिंग पर जल समर्पित करना है जल को धीरे धीरे से समर्पित करे और साथ साथ श्री शिवाय नमस्तुभ्यं का जाप करना है इसके बाद अपने सीधे हाथ मे बेलपत्र लीजिए , ध्यान दीजिए पांचो बेलपत्र लेने है और एक ऊपर एक इस तरह से पांचो बेलपत्र ले लेने है और अपनी मनोकामना को मन मे बोलते हुवे ये बेलपत्र शिवलिंग पर समर्पित कर देने है , ध्यान रहे बेलपत्री का चिकना भाग शिवलिंग को टच होना चाहिए , इस उपाय को आप अपनी किसी भी मनोकामना या किसी भी रुके हुए काम के लिए कर सकते है 


मनोकामना पूर्ति , धन प्राप्ति , और नौकरी व्यापर के लिए बेलपत्र और शहद का उपाय 

पूर्णिमा के दिन मनोकामना पूर्ति और बीमारी को दूर करने के उपाय , Purnima ke upay , Vastu



1 . मनोकामना पूर्ति के लिए उपाय : 1 चावल का दाना लेना है  , 1 बेलपत्र लेनी है , 1 लौटा जल अपने घर से ले , 1 मिटटी का दीपक ले और गोल बत्ती लगाए  , समय होगा या तो प्रदोष काल या फिर रात्रि  में आपको जाना है , मंदिर जाकर मंदिर की चौखट पर ये दीपक जलाना  , इसके बाद अंदर चले  जाना और उत्तर दिशा  की और मुख  करके  खड़े हो जाना इसके बाद अपने दाहिने हाथ में 1 चावल  का दाना रखना है और मन ही मन अपनी मनोकामना बोलकर महादेव के शिवलिंग के ऊपर समर्पित कर देना , इसके बाद बेलपत्र को इसी चावल के ऊपर चढ़ाए , और बेलपत्र का डंडी आपके साइड होना  चाहिए, इसके बाद आप एक लौटा जल जो लेकर आये है उसे चंद्रमौलि  महादेव  का नाम लेकर शिवलिंग पर समर्पित करना है , इसके बाद जब ये जल  जलधारी  से बहकर निचे जा रहा  है उसे अपने दाहिने हाथ में लेकर अपनी मनोकामना को kah कर अपने दोनों नेत्रों यानि आँखों पर लगा लेना , अगली  पूर्णिमा तक आपकी मनोकामना पूर्ण हो जाएगी , 


2 . रोग मुक्ति के लिए पूर्णिमा का उपाय : पूर्णिमा की रात को ये उपाय karna है , इसके लिए आपको 5 पीपल  के पत्ते  रख लेने है और खीर बना लेनी है , इस थाली में 5 पत्ते  रखिये  और इन्ही पत्तो  के ऊपर थोड़ी  थोड़ी  खीर  रख देना , और इन्हे छत पर रख देना , ये जगह ऐसी होनी चाहिए जहा से chandrma की पूरी किरणे आपकी थाली पर पड़े , इसे शाम को रख आये और रात  के ठीक  12 बजे उठाकर  बीमार व्यक्ति चंद्रमौलि भगवान  का नाम लेकर उस  बीमार व्यक्ति को खिला दीजिए , ऐसा करने से बीमार व्यक्ति जल्दी ही स्वस्थ हो जाएगा , 


3 . मनोकामना पूर्ति के लिए : इस उपाय के लिए आपको गाय का दूध लेना है ध्यान रहे ताम्बे के लौटे में इसे न ले , बाकि स्टील  के लौटे में आप ये दूध ले सकते है , इसके बाद आपको 7 चावल के डेन लेने है जिसमे कोई भी खंडित न हो , एक सफेद फूल लेना और इस सफ़ेद फूल को दूध के पात्र में दाल देना इसके बाद पहुंच जाना अपने घर की छत पर जहां से भी आपको चन्द्रमा दिखाई दे , इसके बाद चन्द्रमा को देखते हुवे इन सातों चावल के दानो को चंद्र को देखते हुवे चन्द्रमा की और छिटक देना है , इसके बाद चन्दमौलि  भगवन का नाम लेते हुए ये पूरा  दूध समर्पित कर देना , हाथ जोड़कर भगवान  से अपनी इच्छा बोलते हुए चंद्रमौलि भगवन का नाम लेते रहे , 


पूर्णिमा के दिन मनोकामना पूर्ति और बीमारी को दूर करने के उपाय , Purnima ke upay , Vastu 

1 august 2023 purnima , 1 अगस्त 2023 श्रावण अधिक मास की पूर्णिमा के 5 उपाय , धन सम्पदा और व्यापर के उपाय

 नमस्कार दोस्तों 



आज जब हम ये post लिख रहे है तो 31 जुलाई 2023 है , इस बार जैसा की आप जानते है की सावन का अधिक मास चल रहा है , और कल यानि 1 अगस्त 2023 को सावन अधिक मास की पूर्णिमा है , वैसे तो पूर्णिमा हर महीने आती है लेकिन अधिक मास की पूर्णिमा का विशेष महत्व है , 

जैसा की आप सभी जानते है पूर्णिमा भगवन विष्णु को समर्पित होती है इसलिए इस दिन कुछ विशेष ध्यान रखने होते है . 

इस अधिक मास की पूर्णिमा में आप को कुछ गलतिया नहीं करनी चाहिए जिससे की आप आने वाले संकट से बच जाए और आपका जीवन खुशियों से भर जाए , आइये बताते है आपको 5 गलतिया जो आपको पूर्णिमा के दिन नहीं करनी चाहिए , 

कल पूर्णिमा रात को 3 बजकर 51 मिनट से शुरू होगी और रात 12 बजकर 01 मिनट तक रहेगी , इस समय के बीच आपको कुछ सावधानिया रखनी होगी .

1 . पूर्णिमा के दिन चन्द्रमा अपने पूर्ण रूप और पूर्ण कलाओ से संपन्न होता है इसलिए ऐसा कोई काम ना करे जिससे चंद्र दोष लगे , 

2 . अधिक मास जैसा की आप जानते है भगवान विष्णु को समर्पित होता है तो इस दिन कोई भी तामसिक भोजन ना करे जैसा लहसुन , प्याज ना खाए , 

3 . तुलसी भगवान विष्णु को अत्यधिक प्रिय होती है इसलिए पूर्णिमा के दिन भूलकर भी तुलसी या तुलसी के पत्ते ना तोड़े इससे भगवान विष्णु नाराज हो सकते है और उसका फल आप और आपके परिवार को झेलना पद सकता है ,

4 . पूर्णिमा के दिन काले रंग के कपडे ना पहने बल्कि इससे उलट आप इस दिन पीले कपडे पहने और ज्यादा से ज्यादा पूजा पाठ करे , इस दिन पीले कपडे पहनना बहुत शुभ माना जाता है , 

5 . सावन अधिक मास की पूर्णिमा के दिन सुबह देर तक ना सोए बल्कि सुबह जल्दी उठकर पूजा पाठ करे , अगर आप सुबह देरी से उठते है तो इससे आपके सुबह का शुभ मुहरत निकल जाता है और पूजा पाठ का सम्पूर्ण फल नहीं मिल पाता , इसलिए भगवान को खुश करने की कोशिस करे भगवान आपको हमेशा खुश रखेंगे , 


1 august 2023 purnima , 1 अगस्त 2023 श्रावण अधिक मास की पूर्णिमा के 5 उपाय , धन सम्पदा और व्यापर के उपाय  

23 जुलाई श्रावण मास रविवार के 4 उपाय , धन प्राप्ति , नौकरी और व्यापर वृद्धि के लिए रविवार के 4 उपाय ,


 

23 जुलाई श्रावण मास रविवार के 4 उपाय , धन प्राप्ति , नौकरी और व्यापर वृद्धि के लिए रविवार के 4 उपाय , 


गुड़ ,चावल , लाल फूल और लाल मिर्ची के 11 दाने पानी के लौटे मे डालकर मुख से ऊपर रखकर रविवार के दिन जो सूर्य को जल देता है उसे अगले रविवार तक पैसे की परेशानी दूर होने लगती है , घर मे पैसा आने लगता है 


अगर आप कई सारे व्यापर कर चुके , कोई नहीं चल रहा हमेशा नुकसान हो रहा है तो 3 स्थान पर चढ़ाई गई बेलपत्र हमे सुख का अनुभव कराती है , अशोक सुंदरी की जगह रविवार की प्रदोष के दिन सिर्फ एक दिन करना , इससे आपका व्यापर चलने लगेगा और धन की प्राप्ति होगी 




रविवार से एक दिन पहल यानि शनिवार के दिन जो भी व्यक्ति पीपल के वृक्ष के निचे दूध चढ़ाता है या मिठाई चढ़ाता है और पूजा अर्चना करता है उसके घर मे माता लक्ष्मी भगवान विष्णु के साथ निवास करती है , ये उपाय शाम के समय 6 बजे से बाद करे , 


रविवार की शाम का बहुत बड़ा उपाय , रविवार के दिन ध्यान रखे घर पर नीबू मिर्च न रखे , गुरु जी ने बताया की रविवार का दिन दरिद्रता को दिया गया है और दरिदरता को खट्टा पसंद है , रविवार के दिन दरिद्रता सभी के घर का चक्कर लगाती है और जिसके घर मे नीबू मिर्च राखी मिल जाती है या उसी के घर मे ठहर जाती है , इसीलिए घर के बहार नीबू मिर्च लटकाए जाते है ताकि दरिद्रता अपना भोजन घर से भर ही प्राप्त कर ले और घर के अंदर प्रवेश न करे, 

इसके उल्ट आप अपने घर पर थोड़ा मीठा जरूर रखिये चाहे वो हलवाई की दुकान से लाए या घर पर खुद बनाए जिससे दरिद्रता अगर घर के अंदर आ भी गयी तो मीठा देखकर वापिस लौट  जाए  , 


ये सभी उपाय हमने guruji की कथा से सुनकर likhe है ,  

सावन के महीने के चार अचूक उपाय | धन प्राप्ति के उपाय | बीमारी के उपाय | कोई भी मनोकामना पूर्ण करने के उपाय | गृह क्लेश के लिए उपाय | शमी पत्र , काला तिल , लौंग के उपाय , बेलपत्री के उपाय

 गृह कलेश से बचने के लिए लौंग के उपाय : 7 लौंग लीजिए , एक चुटकी काली मिर्च , एक चुटकी काली तिल , इन तीनो को अपने दाहिने हाथ में रख कर शिवलिंग पर अर्पित करे और पीछे मुड़कर न देखे ,सीधे अपने घर चले जाए इससे आपके घर मे गृह कलेश वाली दिक्कत समाप्त हो जाएगी , अगर आपके मंदिर मे ऐसी प्रथा है की वहां पर शिवलिंग पर काली मिर्च या लौंग नहीं चढाने देते तो आप इन्हे यानि तीनो , काळा तिल , काली मिर्च और 7  लौंग को अपने दाहिने हाथ मे रखकर शिवलिंग के मंदिर की चौखट पर भी रखकर आ सकते है , शिवलिंग के दरवाजे पर किसी भी दिन एक चुटकी काळा तिल रखकर आ जाना है , ये सावन के किसी भी दिन कर सकते है , 

सावन के महीने के चार अचूक उपाय | धन प्राप्ति के उपाय | बीमारी के उपाय | कोई भी मनोकामना पूर्ण करने के उपाय | गृह क्लेश के लिए उपाय | शमी पत्र , काला तिल , लौंग के उपाय , बेलपत्री के उपाय


दूसरा उपाय : बेलपत्र का उपाय : इस उपाय के लिए आपको 5 या 7 बेलपत्र लेने है इस उपाय को वो लोग करे जिनके बच्चे गलत संग्गत मे पड़ गए है , पढाई नहीं करते , गुस्सा बहुत करते है या फिर रात को डरते है तो आप इस उपाय को कर सकते है , अब सुनिए इस उपाय को करते कैसे है , 5 या 7 बेलपत्र लीजिए और जब आपका बच्चा सोता हुआ हो तब इन बेलपत्र को उसके हाथ से छुआ देना है और इसके बाद इन बेलपत्र को माता पारवती के नाम , उमा जी हाँ उमा नाम लेकर शिवलिंग के ऊपर एक एक कर चढ़ाना है और माता उमा से प्रार्थना करनी है की आपके बच्चे को सद्बुद्धि दे उसे सही मार्ग पर लाए , इसके बाद आपका बच्चा सही मार्ग पर चलेगा और जीवन मे बहुत आगे बढ़ेगा , 



तीसरा उपाय : इस उपाय के लिए आपको दूर्वा , यानि दूब लेनी है ये दूब यानि दूर्वा लेनी है सफेद रंग की अब आप कहोगे सफ़ेद दूर्वा कहा मिलेगी इसके लिए जहां पर दूर्वा लगी हो उगी हो वह पर कहि पर कोई ईंट पत्थर पड़ा हो उसे उठाइये उसके निचे आपको मिल जाएगी सफ़ेद दूर्वा यह से आपको थोड़ी सी सफ़ेद दूर्वा लेनी है अपने घर की चाट पर चढ़ना है और चाँद को देखकर इस दूर्वा से अपने हाथ मे ही चाँद के ऊपर साथ बार घूमना है और अपने मनोकामना जैसे नौकरी , धन व्यापर , काम काज या कोई भी मनोकामना हो उसे बोले और इस दूर्वा को प्रार्थना करके शिवलिंग पर शिव का प्यारा सा नाम बालचन्द्रेश्वर महादेव का नाम लेकर समर्पित कर देनी है इसके बाद आपकी कोई भी इच्छा हो वो पूरी हो जाएगी , 


चौथा उपाय : बीमारी के लिए : शमी के पुष्प लेने है , एक शमी का पुष्प लेना है उत्तर दिशा मे खड़े होकर महादेव के शिवलिंग पर चढ़ाए , यहाँ पर ध्यान दीजिए इस उपाय को करते समय पुष्प की डंडी माता अशोक सुंदरी की तरफ रखे और पुष्प का मुख होना चाहिए आपकी तरफ इसके बाद इसी पुष्प के ऊपर जल चढ़ाए और नीलकंठेश्वर महादेव का नाम लेकर जल समर्पित करे और साथ ही साथ उस व्यक्ति के लिए प्रार्थना करे जो बीमार रहता है और  जल जो निचे गिर रहा है उसे रोककर थोड़ा सा जल ले आये और जो व्यक्ति बीमार है उसके ऊपर छींटा मरे या फिर उसे पीला दे |  इससे सारी बीमारिया दूर हो जाती है  |


सावन के महीने के चार अचूक उपाय | धन प्राप्ति के उपाय | बीमारी के उपाय | कोई भी मनोकामना पूर्ण करने के उपाय | गृह क्लेश के लिए उपाय | शमी पत्र , काला तिल , लौंग के उपाय , बेलपत्री के उपाय 

धन प्राप्ति , बीमारी , मनोकामना और गृह क्लेश के लिए उपाय , सोमवार के उपाय




धन प्राप्ति , बीमारी , मनोकामना और गृह क्लेश के लिए उपाय , सोमवार के उपाय

 

१. बीमारी के लिए उपाय : १ बेलपत्र लीजिए , 1  ताम्बे का लौटा जल , इन दोनों को लेकर शिव मंदिर मे जाना है , इस उपाय को आप किसी भी दिन किसी भी समय कर सकते है , बेलपत्र को माता अशोक सुंदरी के स्थान पर समर्पित करना इसके बाद जल का जो लौटा लेकर आये है उसमे से थोड़ा थोड़ा जल सात बार आपको माता अशोक सुंदरी के स्थान पर भगवन कुन्दकेश्वर का नाम लेकर समर्पित करना है , और थोड़ा जल अपने लौटे मे बचा लेना और उस जल को थोड़ा थोड़ा जल 3 बार शिवलिंग के ऊपर कुन्दकेश्वर महादेव का नाम लेकर समर्पित करना है , और भगवन से प्रार्थना करना व्यक्ति और बीमारी का नाम बता आए , 


2 . लाल चन्दन : पति पत्नी मे क्लेश और बच्चो की शादी न हो रही हो : आपको लेना है थोड़ा सा लाल चन्दन का पाउडर अपने हाथो मे और थोड़ा जल डालकर अपने हाथो पे लेकर रगड़ लेना , और एक बेलपत्र लेना , लेना है मुंग का एक दाना , बेलपत्र की तीनो पत्तियों पर और मुंग दाल पर लाल चन्दन से लेप दे इसके बाद इस बेलपत्र को अशोक सुंदरी के स्थान पर समर्पित करना है , उसके बाद एक मुंग के दाने को अपनी परेशानी बताकर , जो भी आपको समस्या आ रही है उसको बोलकर इस मुंग के दाने को बेलपत्र पर समर्पित कर दे , और उत्तर दिशा की और मुख करके एक लौटा जल शिवलिंग पर श्री शिवाय नमस्तुब्याम का जाप करके समर्पित कर देना , 


3 . उपाय : मनोकामना पूर्ति के उपाय : लाल चन्दन लेना है , साथ ही साथ लेना है देशी घी , 1 बेलपत्र लेना है , लाल चन्दन का लेप बेलपत्र की निचे वाली दोनों पत्तियों पर लगा लेना है और ऊपर वाली पत्ती पर लगाना है देशी घी और इस बेलपत्र को समर्पित करना है माता अशोक सुंदरी के स्थान पर ठीक उसी तरह से की पत्तिया शिवलिंग की तरफ और डंडी बहार की तरफ जलधारी की और ध्यान रखे जिस तरफ आपने लाल चन्दन और घी लगाया है उसी तरह से वही हिस्सा शिवलिंग पर टच होना चाहिए , और अपना मनोकामना माता अशोकसुंदरी से कहना है प्रार्थना करना है , 


4 . धन के लिए : सोमवार के दिन एक बेलपत्र लेना है , ताम्बे के लौटे मे अपने घर से जल भरना है अपने सीधे हाथ मे एक बेलपत्र रखना है और उसी के ऊपर अपने जल के लौटे को रखना है इसके बाद नंगे पाव ही शिव मंदिर जाना है 

मंदिर जाकर श्री शिवाय नमस्तुभ्यं का जाप करते हुए ये बेलपत्र समर्पित करना है माता अशोक सुंदरी के स्थान पर और इसके बाद आप जल को शिवलिंग पर श्री शिवाय नमस्तुभ्यं का जप करते हुए समर्पित करना है , ध्यान रखे जब ये जल निचे गिरने लगे अपने सीधे हाथ , दाहिने हाथ , right हैंड मे थोड़ा सा लेना है और अपनी मनोकामना बोलते हुए अपनी आँखों पर लगा लेना है , ध्यान रखिये इस उपाय को पति पत्नी साथ मे करे ,और ॐ नमः शिवय का जाप करना , कोई अगर लड़की इस उपाय को कर रही है तो बोलना है नमः शिवाय , अगर कोई पुरुष इस उपाय को कर रहे है तो ॐ नमः शिवाय बोले और अपनी कामना बोले और प्रार्थना करके घर आ जाए , 


धन प्राप्ति , बीमारी , मनोकामना और गृह क्लेश के लिए उपाय , सोमवार के उपाय   

रुद्राक्ष के उपाय , रुद्राक्ष कहा पहने , रुद्राक्ष को सिद्ध कैसे करे , रुद्राक्ष कहा न पहने , क्या रजस्वला धर्म वाली स्त्री को रुद्राक्ष नहीं पहनना चाहिए ?Remedies for Rudraksh, where to wear Rudraksh, how to prove Rudraksh, where not to wear Rudraksh, should a woman of Rajaswala religion not wear Rudraksh?


 

रुद्राक्ष उपाय 

5 स्थान जहां रुद्राक्ष पहन कर नहीं जाना चाहिए 


किसी की मृत्यु हुयी हो वह पर

जहां पर बच्चे का जन्म हुआ हो 

जहां पर वेश्यावृति होती हो ,या मदिरा और मांश आदि खाया जाता हो 

जिस स्थान पर आपको लगता है की जीवो की हत्या हुयी है 

जहां रुद्राक्ष का अपमान हो रहा है 

रुद्राक्ष पहने हुवे स्त्री को अगर रजस्वला धर्म आ जाए तो क्या करे , तो आपको कोई दिक्कत नहीं है , इसके लिए गुरु जी ने बताया की ये ठीक उसी तरह है जैसे एक माँ की गोद मे बैठा छोटा बालक अगर सोच भी कर दे तो माँ को कोई परेशानी नहीं होती उसी तरह रुद्राक्ष को भी समझो ,


रुद्राक्ष धारण करने के दिन 

अमावश्या , शिवरात्रि , श्रावण महीने के सोमवार के दिन , प्रदोष के दिन , पूर्णिमा के दिन , रुद्राक्ष को दूध में धोए और उसमे थोड़ा सरसो का तेल लगाए , इससे बल प्राप्त होता है , इससे रुद्राक्ष बीमारी से लड़ने की ताकत देता है , 

रुद्राक्ष के पानी को पिने से रोग समाप्त होता है 


गुरु जी ने बताया की छोटे रुद्राक्ष की माला जिसमे 3 मुखी से लेकर 9 मुखी तक के रुद्राक्ष हो तो उनकी माला को अगर जल से नहलाकर और उस जल को श्री शिवय नमस्तुब्याम और 12 ज्योतिर्लिंगों का ध्यान करके अगर कैंसर के 1st stage  मरीज को आचमन कराया जाए तो वो भी धिरे धीरे ठीक होना शुरू हो जाता है , आप अपनी दवाई मेडिसिन चलती रहने दे उसके साथ साथ ये उपाय करे और इसके आलावा अगर स्त्री है तो अपने उलटे हाथ मे और पुरुष है तो अपने सीधे हाथ मे माला को लपेट सकते है , 


रुद्राक्ष को सिद्ध कैसे करते है , 108 बेलपत्र पर शंकर का मन्त्र लिखकर समर्पित कर दो या लाल चन्दन समर्पित कर दो , या रुद्राक्ष को अभिसेक मे समर्पित कर दो , रुद्राक्ष और शिवजी के चरणों मे रककर अभिषेक कर दे और बाबा से प्राथना करके रुद्राक्ष धारण कर ले , शिव महापुराण मे कहा गया की रुद्राक्ष स्वयं ही शिव है और ये स्वयं ही सिद्ध है , 


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