भगवान शिव के 21 शक्तिशाली मन्त्र , मंत्रो का हिंदी अनुवाद , शिव मंत्रो का लाभ , shiv -mhadev-shivji

 

भगवान शिव के 21 शक्तिशाली मन्त्र , मंत्रो का हिंदी अनुवाद , शिव मंत्रो का लाभ  , shiv -mhadev-shivji

1. ओम नमः शिवाय

  • अनुवाद: "भगवान शिव को प्रणाम।"
  • लाभ: यह मंत्र सभी प्रकार के दुखों से मुक्ति और आत्मा की शांति प्रदान करता है।

2. महामृत्युंजय मंत्र

  • मंत्र: "ॐ त्र्यम्बकं यजामहे सुगन्धिं पुष्टिवर्धनम्। उर्वारुकमिव बन्धनान् मृत्योर्मुक्षीय मामृतात्॥"
  • अनुवाद: "हम भगवान त्रिनेत्रधारी की पूजा करते हैं, जो समृद्धि और स्वास्थ्य के दाता हैं। हमें मृत्यु के बंधनों से मुक्त करें और अमरता की ओर ले जाएं।"
  • लाभ: दीर्घायु, स्वास्थ्य और आत्मिक उन्नति में सहायक।

3. ॐ शिवाय नमः

  • अनुवाद: "भगवान शिव को नमन।"
  • लाभ: शांति, शक्ति और मानसिक स्पष्टता प्रदान करता है।

4. ॐ हौं जूं सः

  • अनुवाद: शिव के विभिन्न गुणों का आह्वान।
  • लाभ: भय को दूर करता है और साहस को बढ़ाता है।

5. ॐ नमो भगवते रुद्राय

  • अनुवाद: "भगवान रुद्र को प्रणाम।"
  • लाभ: नकारात्मक ऊर्जाओं और समस्याओं से रक्षा करता है।

6. ॐ शं शंकराय नमः

  • अनुवाद: "शंकर को प्रणाम।"
  • लाभ: जीवन में शांति और संतोष लाता है।

7. ॐ नीलकण्ठाय नमः

  • अनुवाद: "नीलकण्ठ शिव को नमन।"
  • लाभ: विषाक्तता, बुराई और रोगों से मुक्ति।

8. ॐ पार्वतीपतये नमः

  • अनुवाद: "पार्वती के पति शिव को नमन।"
  • लाभ: सुख, समृद्धि और पारिवारिक सुख को बढ़ावा देता है।

9. ॐ सर्वमंगल मांगल्ये शिवे सर्वार्थ साधिके। शरण्ये त्र्यम्बके गौरि नारायणि नमोऽस्तु ते॥

  • अनुवाद: सभी कल्याण की देवी को नमन।
  • लाभ: जीवन में सौभाग्य और कल्याण लाता है।

10. ॐ सर्पेश्वराय नमः

  • अनुवाद: "सर्पों के स्वामी शिव को नमन।"
  • लाभ: रक्षा और बल में वृद्धि।
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11. ॐ महेश्वराय नमः

  • अनुवाद: "महेश्वर (महान भगवान) को प्रणाम।"
  • लाभ: मानसिक शांति और आत्मा की प्रगति।

12. ॐ शम्भवे नमः

  • अनुवाद: "शंभु (कल्याणकारी) को नमन।"
  • लाभ: स्वास्थ्य, खुशी और संतोष प्रदान करता है।

13. ॐ कालेश्वराय नमः

  • अनुवाद: "समय के स्वामी को नमन।"
  • लाभ: काल और मृत्यु पर विजय की भावना पैदा करता है।

14. ॐ पशुपतये नमः

  • अनुवाद: "प्राणियों के स्वामी को नमन।"
  • लाभ: जीवन में करुणा और दयालुता लाता है।

15. ॐ शूलपाणये नमः

  • अनुवाद: "त्रिशूल धारण करने वाले को नमन।"
  • लाभ: आंतरिक और बाहरी बुराइयों से सुरक्षा।

16. ॐ वृषभध्वजाय नमः

  • अनुवाद: "वृषभ को ध्वज पर धारण करने वाले शिव को नमन।"
  • लाभ: शक्ति, साहस और आत्मबल में वृद्धि।

17. ॐ भूतनाथाय नमः

  • अनुवाद: "भूतों के स्वामी को नमन।"
  • लाभ: भय, तनाव और नकारात्मक ऊर्जाओं से मुक्ति।

18. ॐ चन्द्रमौलये नमः

  • अनुवाद: "चंद्रमा को मस्तक पर धारण करने वाले को नमन।"
  • लाभ: शीतलता, शांति और मानसिक स्पष्टता।

19. ॐ त्रिशूलधराय नमः

  • अनुवाद: "त्रिशूल धारण करने वाले को नमन।"
  • लाभ: साहस और शक्ति की वृद्धि।

20. ॐ शिवाय गौरीवल्लभाय नमः

  • अनुवाद: "गौरी के प्रिय शिव को नमन।"
  • लाभ: सुख, प्रेम और पारिवारिक एकता को बढ़ावा देता है।

21. ॐ अर्धनारीश्वराय नमः

  • अनुवाद: "अर्धनारीश्वर (शिव और शक्ति के संयुक्त रूप) को नमन।"
  • लाभ: जीवन में संतुलन और समरसता को बढ़ावा।
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इन मंत्रों का नियमित जाप आपके जीवन में आंतरिक शांति, मानसिक शक्ति, सुख-समृद्धि और सकारात्मकता ला सकता है।


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अपार धन संपत्ति पाने के लिए धन के देवता कुबेर के 21 मन्त्र , मंत्रो का हिंदी अनुवाद और लाभ , जो धयान से पड़ेगा वो धन पाएगा - kuber mantra

 

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  1. मूल मंत्र:
    ॐ यक्षाय कुबेराय वैश्रवणाय धनधन्याधिपतये धनधान्यसमृद्धिं मे देहि दापय स्वाहा।
    अनुवाद: हे यक्ष, कुबेर, वैश्रवण! धन और अनाज के स्वामी, मुझे धन-धान्य की समृद्धि प्रदान करें।
    लाभ: धन-संपत्ति और समृद्धि प्राप्त होती है।

  2. धन प्राप्ति मंत्र:
    ॐ श्रीं ह्रीं क्लीं श्रीं क्लीं वित्तेश्वराय नमः।
    अनुवाद: हे धन के ईश्वर, आपको नमस्कार!
    लाभ: यह मंत्र आर्थिक तंगी को दूर करने में सहायक होता है।

  3. समृद्धि मंत्र:
    ॐ ह्रीं श्रीं क्लीं कुबेराय नमः।
    अनुवाद: हे कुबेर, समृद्धि के देवता, आपको प्रणाम!
    लाभ: आर्थिक उन्नति और वैभव की प्राप्ति होती है।

  4. रक्षा मंत्र:
    ॐ कुबेराय वैश्रवणाय धनाध्यक्षाय नमः।
    अनुवाद: धन के स्वामी कुबेर देवता को नमस्कार।
    लाभ: धन की रक्षा और स्थिरता मिलती है।

  5. कुबेर धूप मंत्र:
    ॐ वैश्रवणाय स्वाहा।
    अनुवाद: वैश्रवण (कुबेर) को समर्पण।
    लाभ: घर में शांति और समृद्धि आती है।

  6. धन-समृद्धि हेतु मंत्र:
    ॐ यक्षाय कुबेराय वैश्रवणाय धनधन्याधिपतये धनधान्यसमृद्धिं देहि दापय स्वाहा।
    अनुवाद: हे यक्षराज कुबेर, मुझे धन और समृद्धि प्रदान करें।
    लाभ: धन-धान्य की समृद्धि बढ़ती है।

  7. धन वृद्धि मंत्र:
    ॐ क्लीं श्रीं क्लीं ह्रीं श्रीं कुबेराय नमः।
    अनुवाद: कुबेर को प्रणाम, हमें धन वृद्धि प्रदान करें।
    लाभ: धन में वृद्धि और उन्नति होती है।

  8. शक्ति मंत्र:
    ॐ ह्रीं श्रीं कुबेराय नमः।
    अनुवाद: कुबेर देवता को नमस्कार!
    लाभ: वित्तीय शक्ति और स्थिरता मिलती है।

  9. रिद्धि-सिद्धि मंत्र:
    ॐ ह्रीं श्रीं क्लीं कुबेराय वैश्रवणाय धनाध्यक्षाय नमः।
    अनुवाद: कुबेर देवता को प्रणाम, धन और सिद्धियों की प्राप्ति कराएं।
    लाभ: रिद्धि-सिद्धि और आर्थिक समृद्धि मिलती है।

  10. धन-संपत्ति मंत्र:
    ॐ श्रीं कुबेराय वैश्रवणाय नमः।
    अनुवाद: कुबेर और वैश्रवण को नमस्कार।
    लाभ: संपत्ति और धन का संचार होता है।

  11. संपत्ति संरक्षण मंत्र:
    ॐ वैश्रवणाय नमः।
    अनुवाद: वैश्रवण (कुबेर) देवता को प्रणाम।
    लाभ: संपत्ति और धन की सुरक्षा होती है।

  12. धन लाभ मंत्र:
    ॐ क्लीं कुबेराय नमः।
    अनुवाद: कुबेर देवता को नमस्कार!
    लाभ: धन की प्राप्ति में मदद मिलती है।

  13. समृद्धि साधना मंत्र:
    ॐ ह्रीं कुबेराय वैश्रवणाय नमः।
    अनुवाद: कुबेर और वैश्रवण को नमस्कार!
    लाभ: समृद्धि और सुख-शांति की प्राप्ति होती है।

  14. धन संचय मंत्र:
    ॐ ह्रीं श्रीं क्लीं क्लीं कुबेराय नमः।
    अनुवाद: कुबेर देवता को प्रणाम, हमें धन संचय की कृपा करें।
    लाभ: धन का संचय और स्थिरता मिलती है।

  15. अखंड समृद्धि मंत्र:
    ॐ ह्रीं क्लीं कुबेराय धनाध्यक्षाय नमः।
    अनुवाद: कुबेर देवता को प्रणाम, हमें धन और अखंड समृद्धि प्रदान करें।
    लाभ: जीवन में निरंतर धन की वृद्धि होती है।

  16. वित्तीय संकट दूर करने का मंत्र:
    ॐ श्रीं क्लीं कुबेराय वैश्रवणाय नमः।
    अनुवाद: कुबेर देवता को प्रणाम, हमें वित्तीय संकट से उबारें।
    लाभ: आर्थिक तंगी से मुक्ति मिलती है।

  17. व्यापार वृद्धि मंत्र:
    ॐ क्लीं ह्रीं श्रीं कुबेराय नमः।
    अनुवाद: कुबेर देवता को प्रणाम, हमारे व्यापार में वृद्धि करें।
    लाभ: व्यापार में उन्नति और सफलता प्राप्त होती है।

  18. अच्छे स्वास्थ्य के लिए मंत्र:
    ॐ वैश्रवणाय धनाध्यक्षाय नमः।
    अनुवाद: कुबेर देवता को प्रणाम, हमें स्वास्थ्य और धन प्रदान करें।
    लाभ: अच्छे स्वास्थ्य और आर्थिक समृद्धि की प्राप्ति होती है।

  19. शांति और समृद्धि मंत्र:
    ॐ ह्रीं श्रीं क्लीं कुबेराय वैश्रवणाय नमः।
    अनुवाद: कुबेर देवता को प्रणाम, हमें शांति और समृद्धि प्रदान करें।
    लाभ: मानसिक शांति और सुख की प्राप्ति होती है।

  20. संपत्ति में वृद्धि मंत्र:
    ॐ श्रीं ह्रीं क्लीं श्रीं कुबेराय नमः।
    अनुवाद: कुबेर देवता को प्रणाम, हमारी संपत्ति में वृद्धि करें।
    लाभ: संपत्ति में वृद्धि और संपन्नता होती है।

  21. धन स्थिरता मंत्र:
    ॐ ह्रीं श्रीं क्लीं कुबेराय वैश्रवणाय नमः।
    अनुवाद: कुबेर और वैश्रवण देवता को प्रणाम, हमें धन की स्थिरता प्रदान करें।
    लाभ: जीवन में आर्थिक स्थिरता मिलती है।

कुबेर मंत्रों के लाभ:
कुबेर देवता के इन मंत्रों का जाप करने से व्यक्ति के जीवन में धन, संपत्ति, समृद्धि, और आर्थिक स्थिरता आती है। यह मंत्र न केवल आर्थिक कठिनाइयों को दूर करने में सहायक होते हैं, बल्कि व्यापार में सफलता, परिवार में शांति, और जीवन में सुख-शांति की भी प्राप्ति कराते हैं।



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भगवान विष्णु के 21 महत्वपूर्ण मंत्र, उनके हिंदी अर्थ और उनके लाभ- Bhagvan Vishnu ke 21 mantr

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भगवान विष्णु के 21 महत्वपूर्ण मंत्र, उनके हिंदी अर्थ और उनके लाभ इस प्रकार हैं:


 1. ॐ नमो भगवते वासुदेवाय

   अर्थ: भगवान वासुदेव (विष्णु) को नमस्कार।

   लाभ: यह मंत्र आत्मा की शुद्धि करता है और समर्पण, प्रेम और भक्ति को बढ़ाता है।


2. ॐ विष्णवे नमः

   अर्थ: विष्णु को प्रणाम।

   लाभ: यह मंत्र जीवन में संतुलन, स्थिरता और सुख-शांति प्रदान करता है।


 3. ॐ लक्ष्मीपतये नमः

   अर्थ: लक्ष्मीपति (मां लक्ष्मी के पति) को प्रणाम।

   लाभ: धन, समृद्धि और आर्थिक स्थिति में सुधार के लिए यह मंत्र प्रभावी है।


4. ॐ नारायणाय नमः

   अर्थ: नारायण (समस्त जगत के पालक) को प्रणाम।

   लाभ: यह मंत्र संरक्षण और सुरक्षा प्रदान करता है, और मन में शांति लाता है।


 5. ॐ पद्मनाभाय नमः

   अर्थ:  पद्मनाभ (नाभि से कमल उत्पन्न करने वाले विष्णु) को प्रणाम।

   लाभ:  यह मंत्र आध्यात्मिक शक्ति को बढ़ाता है और जीवन में शुद्धि लाता है।


 6. ॐ दामोदराय नमः

   अर्थ: दामोदर (जो कमर में रस्सी से बांधे गए थे) को प्रणाम।

   लाभ:  यह मंत्र भक्ति, प्रेम और विष्णु के प्रति समर्पण को मजबूत करता है।


 7. ॐ गोविंदाय नमः

   अर्थ: गोविंद (गायों के रखवाले, संसार के पालनकर्ता) को प्रणाम।

   लाभ: यह मंत्र सुख, समृद्धि और संतोष की प्राप्ति कराता है।


8. ॐ जनार्दनाय नमः

   अर्थ: जनार्दन (लोकों के रक्षक) को प्रणाम।

   लाभ: जीवन में समृद्धि, सफलता और सुरक्षा का आशीर्वाद प्राप्त होता है।


 9.  ॐ माधवाय नमः

   अर्थ: माधव (धन्य और सभी जीवों के पालनकर्ता) को प्रणाम।

   लाभ: यह मंत्र प्रेम, करुणा और दया का विकास करता है।


 10. ॐ अच्युताय नमः

   अर्थ: अच्युत (जो कभी क्षय नहीं होता) को प्रणाम।

   लाभ: यह मंत्र शाश्वतता, स्थायित्व और अमरता का प्रतीक है।

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 11. ॐ हृषिकेशाय नमः

   अर्थ: हृषिकेश (इंद्रियों के स्वामी) को प्रणाम।

   लाभ: इंद्रियों का नियंत्रण और मन की शांति प्रदान करता है।


12. ॐ त्रिविक्रमाय नमः

   अर्थ: त्रिविक्रम (तीन कदमों में तीनों लोक नापने वाले) को प्रणाम।

   लाभ: जीवन के हर स्तर पर उन्नति और विजय प्राप्ति में सहायक।


 13. ॐ केशवाय नमः

   अर्थ: केशव (जो सृष्टि का संचालन करते हैं) को प्रणाम।

   लाभ: यह मंत्र सकारात्मकता और अच्छे विचारों को बढ़ाता है।


 14. ॐ नारसिंहाय नमः

   अर्थ: नारसिंह (मानव-सिंह अवतार) को प्रणाम।

   लाभ: यह मंत्र साहस, शक्ति और भय से मुक्ति दिलाता है।


 15. ॐ वामनाय नमः

   अर्थ: वामन (भगवान विष्णु का बौना अवतार) को प्रणाम।

   लाभ: जीवन में विनम्रता और आत्मविश्वास लाता है।


 16. ॐ श्रीधराय नमः

   अर्थ: श्रीधर (मां लक्ष्मी को धारण करने वाले) को प्रणाम।

   लाभ: धन, समृद्धि और आर्थिक स्थिति में सुधार लाता है।


 17. ॐ पुरुषोत्तमाय नमः

   अर्थ: पुरुषोत्तम (श्रेष्ठ पुरुष) को प्रणाम।

   लाभ: यह मंत्र आत्म-विकास और आध्यात्मिक उन्नति में सहायक है।


18. ॐ अनन्ताय नमः

   अर्थ: अनंत (असीम) को प्रणाम।

   लाभ: यह मंत्र अनंत सुख, शांति और संतोष का आशीर्वाद देता है।


 19. ॐ शेषशायी नमः

   अर्थ: शेषनाग पर शयन करने वाले विष्णु को प्रणाम।

   लाभ: यह मंत्र मानसिक और आध्यात्मिक संतुलन प्रदान करता है।


 20. ॐ द्वारकाधीशाय नमः

   अर्थ: द्वारकाधीश (द्वारका के राजा) को प्रणाम।

   लाभ: इस मंत्र से सामाजिक और पारिवारिक स्थिति में उन्नति होती है।

 21. ॐ जगन्नाथाय नमः

   अर्थ: जगन्नाथ (संसार के स्वामी) को प्रणाम।

   लाभ: जीवन में हर प्रकार की प्रगति और समृद्धि प्राप्त होती है।


 मंत्रों के लाभ:

1. ये मंत्र जीवन में शांति, सुख और समृद्धि प्रदान करते हैं।

2. भगवान विष्णु के मंत्र समर्पण, भक्ति और प्रेम की भावना को बढ़ाते हैं।

3. मानसिक शांति, संतुलन और सुरक्षा के लिए ये मंत्र अत्यंत प्रभावी होते हैं।

4. भगवान विष्णु के मंत्रों का जाप करने से समस्त कष्ट और विघ्न दूर होते हैं।

5. ये मंत्र जीवन में स्थिरता, सफलता और आध्यात्मिक उन्नति प्रदान करते हैं।


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भगवान गणेश के 11 चमत्कारिक मन्त्र , धन , मनोकामना सब कुछ मिलेगा , गणेश देवता के 11 मन्त्र , हिंदी अनुवाद और उनका लाभ

 नमस्कार दोस्तों , 

भगवान गणेश के 11 चमत्कारिक मन्त्र , धन , मनोकामना सब कुछ मिलेगा , गणेश देवता के 11 मन्त्र , हिंदी अनुवाद और उनका लाभ


सभी भगवानो मे सबसे पहले पूजे जाने वाले भगवन गणेश की जय , पाठको भगवान गणेश जोकि सबसे पहले पूजे जाते है , बड़े ही नटखट स्वाभाव के बताए गए है और बहुत ही जल्दी प्रशन्न होने वाले देवता है , अगर आप भगवान गणेश को प्रशन्न कर लेते है तो और किसी को प्रशन्न करने की जरुरत नहीं पड़ेगी , क्योकि इनके साथ सब है , माता लक्ष्मी इनके साथ आती है , भगवान शिव देवो के देव महादेव इनके पिता , रिद्धि सीधी इनकी पत्नी है , माता पारवती इनकी माता है , भगवान विष्णु और ब्रह्मा भी इनके रिस्तेदार माने गए है , 

इस post मे हम आपको गणेश देवता के 11 मन्त्र बता रहे है और साथ ही साथ आपको उनको हिंदी अनुवाद और उसी के साथ साथ उन मंत्रो का महत्व / लाभ बताया गया है , 

भगवान गणेश के 11 चमत्कारिक मन्त्र , धन , मनोकामना सब कुछ मिलेगा , गणेश देवता के 11 मन्त्र , हिंदी अनुवाद और उनका लाभ


भगवान गणेश के 11 महत्वपूर्ण मंत्र, उनके हिंदी अर्थ और उनके लाभ इस प्रकार हैं:


1. ॐ गं गणपतये नमः

अर्थ: गणेश जी को प्रणाम। लाभ: यह मंत्र बाधाओं को दूर करता है और मन में शांति एवं सफलता लाता है।


2. ॐ वक्रतुंडाय हुं

अर्थ: वक्रतुंड (हाथी के मुड़े हुए सूंड वाले) को प्रणाम। लाभ: नकारात्मक ऊर्जाओं और बाधाओं को दूर करता है, मन की स्थिरता देता है।


3. ॐ एकदन्ताय विद्महे, वक्रतुण्डाय धीमहि, तन्नो दन्ति प्रचोदयात्

अर्थ: एकदंत (एक दांत वाले भगवान) को हम जानें, वक्रतुण्ड (मुढ़े सूंड वाले) का ध्यान करें, वे हमें प्रेरित करें। लाभ: यह मंत्र ध्यान और मन की एकाग्रता में सहायक होता है, जिससे आध्यात्मिक और मानसिक विकास होता है।


4. ॐ श्री गणेशाय नमः

अर्थ: श्री गणेश को नमस्कार। लाभ: यह मंत्र सभी कार्यों की सिद्धि और सफलता में सहायक है, विशेष रूप से किसी नए कार्य की शुरुआत में इसे किया जाता है।


5. ॐ ऊँ नमो सिद्धिविनायकाय सर्वकारजसाधकाय सर्वविघ्नप्रशमनाय सर्वराजवश्यकरणाय श्रीं ॐ स्वाहा

अर्थ: सिद्धि प्रदान करने वाले, सारे कार्यों को सिद्ध करने वाले और सारे विघ्नों को दूर करने वाले गणेश को प्रणाम। लाभ: जीवन के सभी बाधाओं को दूर करने और सफलता प्राप्त करने के लिए यह मंत्र अत्यंत प्रभावी है।


6. ॐ तं तिग्मं धूम्रवर्णं गणपतिं हुम्म फट् स्वाहा

अर्थ: धूम्रवर्ण (धुंए के समान रंग वाले) गणपति को प्रणाम। लाभ: यह मंत्र शक्ति, साहस और आत्मविश्वास बढ़ाता है और नकारात्मक ऊर्जा को नष्ट करता है।


7. ॐ गणाध्यक्षाय नमः

अर्थ: गणों के अध्यक्ष (नेता) को नमस्कार। लाभ: यह मंत्र समाज और परिवार में आदर और नेतृत्व के गुणों को बढ़ाता है।


8. ॐ गजाननाय नमः

अर्थ: गजानन (हाथी के मुख वाले) को प्रणाम। लाभ: जीवन में स्थिरता, धैर्य और दीर्घायु प्रदान करता है।


9. ॐ विघ्नहर्त्रे नमः

अर्थ: विघ्नों को दूर करने वाले को प्रणाम। लाभ: यह मंत्र सभी प्रकार की बाधाओं और कठिनाइयों को दूर करने में सहायक है।


10. ॐ सुमुखाय नमः

अर्थ: सुंदर मुख वाले गणेश को प्रणाम। लाभ: सकारात्मकता, सुंदरता और समाज में आकर्षण को बढ़ाता है।


11. ॐ महागणपतये नमः

अर्थ: महान गणपति को प्रणाम। लाभ: यह मंत्र बड़े कार्यों को सफल बनाने और जीवन में उन्नति लाने में सहायक है।


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मंत्रों के लाभ:

ये मंत्र साधक की मानसिक और आध्यात्मिक शक्ति को बढ़ाते हैं।

गणेश मंत्रों का जप जीवन में समृद्धि, सुख और शांति लाता है।

विशेषकर, बाधाओं, विघ्नों और कठिनाइयों को दूर करने के लिए ये मंत्र अत्यधिक प्रभावशाली माने जाते हैं।

मन की एकाग्रता, ध्यान और आत्मविश्वास को बढ़ाने में ये मंत्र सहायक होते हैं।

गणेश मंत्रों का नियमित जाप करने से व्यक्ति की आंतरिक शक्ति और बुद्धि का विकास होता है, और जीवन की समस्याओं का सामना करने में सहनशक्ति बढ़ती है।


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माता लक्ष्मी के 11 मन्त्र , धन प्राप्ति के लिए 11 मन्त्र , लक्ष्मी मन्त्र , लक्ष्मी पूजन | lakshmi mantr -lakshmi pujan -dhan prapti ke liye mantr

 यहां पर माता लक्ष्मी के 11 प्रमुख मंत्रों की सूची दी गई है, जिनके साथ उनका हिंदी अर्थ और लाभ भी वर्णित है:



 1. ॐ श्रीं महालक्ष्म्यै नमः 

   हिंदी अर्थ: मैं महालक्ष्मी को प्रणाम करता हूँ।

   लाभ: यह मंत्र धन, समृद्धि और सौभाग्य को आकर्षित करता है। इसे नियमित जपने से आर्थिक समृद्धि और सकारात्मक ऊर्जा मिलती है।


 2. ॐ ह्रीं श्रीं लक्ष्मीभयो नमः  

   हिंदी अर्थ: महालक्ष्मी के प्रति समर्पण का भाव प्रकट करता हूँ।

   लाभ: यह मंत्र आत्मविश्वास और मानसिक शांति प्रदान करता है। साथ ही, जीवन में समृद्धि और प्रेम को बढ़ाता है।


 3. ॐ ह्रीं श्रीं क्लीं श्री सिद्ध्यै नमः  

   हिंदी अर्थ: महालक्ष्मी से सिद्धि और आशीर्वाद प्राप्त करने के लिए।

 लाभ: यह मंत्र जीवन में रुकावटों को दूर करता है और धन-धान्य की प्राप्ति करता है।


 4. ॐ महालक्ष्म्यै च विद्महे विष्णुपत्न्यै च धीमहि तन्नो लक्ष्मी प्रचोदयात्  

 हिंदी अर्थ: हम महालक्ष्मी का ध्यान करते हैं, जो भगवान विष्णु की पत्नी हैं। वे हमें प्रेरणा दें।

लाभ: यह मंत्र सौभाग्य, वित्तीय समृद्धि और पारिवारिक सुख-शांति लाने में सहायक होता है।


5. ॐ श्रीं ह्रीं श्रीं कमले कमलालये प्रसीद प्रसीद श्रीं ह्रीं श्रीं ॐ महालक्ष्म्यै नमः  

 हिंदी अर्थ: कमल पर विराजमान महालक्ष्मी से कृपा की प्रार्थना करता हूँ।

लाभ: यह मंत्र धन और समृद्धि के द्वार खोलता है और पारिवारिक खुशहाली में मदद करता है।


 6. ॐ लक्ष्म्यै नमः

 हिंदी अर्थ: माता लक्ष्मी को प्रणाम।

लाभ: यह मंत्र धन और समृद्धि के साथ-साथ मानसिक शांति भी प्रदान करता है।


7. ॐ श्रीं महालक्ष्मी सर्वसौभाग्यदायिनी नमः 

हिंदी अर्थ: महालक्ष्मी जो सब प्रकार का सौभाग्य देने वाली हैं, उन्हें नमस्कार।

लाभ: यह मंत्र समृद्धि, संपत्ति और सफलता को आकर्षित करता है।


 8. ॐ क्लीं श्रीं महालक्ष्म्यै स्वाहा  

 हिंदी अर्थ: मैं महालक्ष्मी को समर्पित करता हूँ।

लाभ: यह मंत्र रचनात्मकता और मानसिक शांति को बढ़ावा देता है और जीवन में स्थिरता लाता है।


 9. ॐ श्रीं ह्रीं क्लीं श्रीं सिद्ध्यै नमः

  हिंदी अर्थ: महालक्ष्मी से सिद्धि की प्रार्थना करता हूँ।

लाभ: यह मंत्र मानसिक शक्ति, आत्मविश्वास और सफलता प्रदान करता है।


 10. ॐ ऐं क्लीं श्रीं श्री सिद्ध्यै नमः

 हिंदी अर्थ: महालक्ष्मी की कृपा से सफलता की प्राप्ति के लिए।

लाभ: यह मंत्र भौतिक सुखों और मानसिक शांति की प्राप्ति में मदद

 11. ॐ ह्रीं श्रीं कमलवासिन्यै स्वाहा  

 हिंदी अर्थ: कमल पर विराजमान महालक्ष्मी की पूजा करता हूँ।

लाभ:  यह मंत्र धन, समृद्धि और सौंदर्य को आकर्षित करता है।


 इन मंत्रों के लाभ:

- इन मंत्रों का नियमित जप करने से आर्थिक समृद्धि, धन, ऐश्वर्य, और सुख-समृद्धि प्राप्त होती है।

- ये मंत्र मानसिक शांति, आत्मबल, और सकारात्मकता को बढ़ाते हैं।

- पारिवारिक सुख, घर में खुशहाली और जीवन में सफलता को आकर्षित करते हैं।

- नकारात्मक ऊर्जा को दूर करके जीवन में सकारात्मक ऊर्जा का प्रवाह करते हैं।


इन मंत्रों का श्रद्धापूर्वक और ध्यान से उच्चारण करने से निश्चित रूप से माता लक्ष्मी की कृपा प्राप्त होती है।



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15 कारण जिससे रूठ जाती है माता लक्ष्मी , घर मे आ जाती है गरीबी | कही आप तो नहीं कर रहे ये गलतियां ?

 

नमस्कार दोस्तों हमारे शास्त्रों मे कई ऐसी बाटे लिखी है जिन्हे अगर इंसान मान ले या जिन्हे याद रखे तो उसके जीवन से बहुत सारी परेशानिया दूर हो जाए .

माता लक्ष्मी यानि धन की देवी , दोस्तों समय आज का हो या पुराना जिस घर मे धन नहीं होता उस घर मे खुशिया नहीं होती , भले ही आपका परिवार कितना भी एकजुट हो लेकिन कही न कही पैसे की कमी खलती है , कुछ लोगो के पास तो धन होता ही नहीं है , कुछ लोग बहुत मेहनत करते है लेकिन मुश्किल से घर का खर्चा चला पाते है , वही आपने कुछ लोग ऐसे भी देखे होंगे की जिनके यहाँ देखते देखते सब कुछ समाप्त हो गया , पहले आमिर थे और फिर समय का ऐसा चक्र घुमा की सब खतम हो गया , 

तभी हम लोग सोचते है की क्या गलती या कमी हो गयी है जिसके कारन माता लक्ष्मी रूठ गयी है , घर से चली गयी है और बहुत मेहनत करने के बाद भी घर मे प्रवेश नहीं कर रही है , 


तो आइये आपको 15 ऐसे छोटे छोटे कारण बताते है जिनके कारण माता लक्ष्मी रूठ जाती है , 



1 . घर मे गन्दगी : माता लक्ष्मी को साफ स्वच्छ स्थान पसंद है , इसलिए यदि किसी के घर मे गंदगी रहती है चीजे बिखरी पड़ी है और खासकर मुख्य द्वार पर गन्दगी पड़ी है तो ऐसे घरो मे कभी माता लक्ष्मी नहीं आती और घर मे गरीबी रहती है , 


2 . जिस घर मे स्त्री पुरुष सूर्योदय के बाद उठते है उस घर मे माता लक्ष्मी नहीं आती , 

3 . धर्म का आचरण न करना , यदि कोई व्यक्ति अधर्मी है निर्दयी है दुसरो की तरक्की को देखकर जलता है , अधरम के काम करता है ऐसे घरो मे माता लक्ष्मी नहीं आती 



4 . झूठ बोलना : जिस घर के सदस्य बात बात पर झूठ बोलते है वह पर माता लक्ष्मी नहीं आती 

5 . शाम को दीपक न जलना : आजकल light आ गई है लेकिन हम अपने पुराने रीती रिवाजो के अनुसार शाम के समय घर मे दीया नहीं जलाते वह से माता लक्ष्मी रुष्ट हो जाती है 

6 . जो व्यक्ति बार बार दुसरो का अपमान करता है ऐसे व्यक्ति के घर मे हमेशा गरीबी छाई रहती है और माता लक्ष्मी ऐसे घरो से दूर ही रहती है 

7 . रसोई मे रात मे झूठे बर्तन रखना 

8 . यदि भूल से भी आप माता लक्ष्मी के पूजन मे सफ़ेद पुष्प अर्पित करते हो तो इसी माता लक्ष्मी क्रोधित हो जाती है और घर से चली जाती है 

9 . अहंकारी व्यक्ति के घर पर माता लक्ष्मी नहीं टिकती 




10 . पितरो का तर्पण ना करना : कहा जाता है की हमारे पितृ हमरी बात भगवान तक पहुंचने का माध्यम होते है लेकिन अगर किसी घर मे पितरो का तर्पण नहीं होता तो वह से माता लक्ष्मी दूर रहती है , 

11 . जो स्त्री झाड़ू को पैर लगती है ठोकर मारती है उसके घर से लक्ष्मी चली जाती है , कहा जाता है की झाड़ू मे माता लक्ष्मी का वास होता है , 

12 . जिस घर मे शाम के समय झाड़ू लगाई जाती है वह पर कभी भी माता लक्ष्मी नहीं ठहरती 

13 . घर की दहलीज़ पर बैठकर खाना खाना आपके घर मे दुःख और गरीबी लाता है 

14 . जो स्त्री घर के दरवाज़े को पैर से खोलती है उसके घर मे कभी लक्ष्मी नहीं आती 

15 . घर के मुख्य द्वार पर जुटे चप्पलो की जगह होना 




15 कारण जिससे रूठ जाती है माता लक्ष्मी , घर मे आ जाती है गरीबी | कही आप तो नहीं कर रहे ये गलतियां ?


Pandit Pradeep Mishra ke upay , पंडित प्रदीप जी मिश्रा के 5 उपाय , मनोकामना , रोग , नौकरी , हर तरह की इच्छा के लिए करे ये शिव के उपाय




 भगवन शिव का एक नाम है अघोर , बर्ह्मा जी को भगवन शिव ने इस रूप में सबसे पहले दर्शन दिए , अगर आपकी कोई कामना है और वो सिद्ध नहीं हो रही तो एक लौटा जल लीजिए जल में थोड़ा सा लाल चन्दन डालकर बेलपत्री के वृक्ष के निचे महादेव का नाम लेकर चढ़ाना शुरू कर दीजिए , ठीक उसी समय दुबारा से एक लौटा जल लीजिए और पास मे जो शिवलिंग हो उस पर Aghoreshvar  महादेव का नाम लेकर और अपनी कामना करके जल चढ़ना शुरू करे शीघ्र ही आपकी मनोकाना पूर्ण होगी , 



रोग , बीमारी ,तकलीफ , या फिर आपका रुपया पैसा कही अटक गया हो तो , या कोई काम रुक गया है आगे नहीं बढ़ रहा तो एक जल के लौटे में जल भरकर 5 बेलपत्री शिव जी को समर्पित करके , कुन्दकेश्वर महादेव का नाम लेकर एक सफ़ेद पुष्प उन्ही बेलपत्री पर चढ़ाए और अपनी मनोकामना अपनी परेशानी को बताकर शिव से प्रार्थना करे , और उस जल को धीरे धीरे बेलपत्री पर छोड़ते जाए आपकी मनोकमना पूर्ण हो जाएगी , 


जब भी आप शिवलिंग पर जल चढ़ाए तो एक बात का हमेशा ध्यान रखे आपके हाथ मे जो लौटा या जो बर्तन है वो शिवलिंग पर टच , लगना नहीं चाहिए और जब आप जल चढ़ा रहे है तो उसकी धार धीमी होनी चाहिए , तभी आपका जल शिव पूर्ण रूप से ग्रहण करेंगे , स्वीकार करेंगे , 


अगर आपकी कोई मनोकामना है और आपने सब प्रयाश कर कर देख लिए वो नहीं हो रहा तो सोमवार के दिन घी के दीये मे काले तिल डालकर शंकर जी के मंदिर के सामने तुमरुका जी का नाम लेकर दिया लगाकर अपने उस काम को उस मनोकमना का निवेदन करे मेरा ये काम मेरे लिए बहुत जरुरी है कृपया कृपा करे , ऐसी प्रार्थना और ये उपाय करने से आपका काम सफल हो जाएगा , आपकी मनोकामना पूर्ण हो जाएगी , 


जब जीवन मे कोई बहुत बड़ी समस्या आ जाए कोई समाधान न हो रहा हो तो जिस शिव मंदिर मे आप पूजा करने जाते हो उसी शिव मंदिर के पास बेलपत्र का वृक्ष ढूंढो और उसी बेलपत्री के  के पेड़ के निचे एक कंकड़ उठाओ उसी कंकड़ को शिव मानकर एक मुंग का दाना समर्पित करके अपनी समस्या बताकर एक लौटा जल उसी कंकड़ पर एक लौटा जल समर्पित करे , आपकी हर समस्या का समाधान मात्र 3 से 4 घंटे मे हो जाएगा , 


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"पंडित प्रदीप मिश्रा के 10 सरल और प्रभावी उपाय: जीवन में लाएं सुख-समृद्धि और शांति" -pandit pradeep ji mishra ke upay

 पंडित प्रदीप जी मिश्रा के कुछ उपाय हैं जो जीवन में सुख-समृद्धि और शांति लाने में सहायक हो सकते हैं। ये उपाय सरल और प्राचीन भारतीय परंपराओं पर आधारित हैं:


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  1. शिवलिंग अभिषेक: हर सोमवार को शिवलिंग पर जल, दूध और शहद से अभिषेक करें। इससे भगवान शिव की कृपा प्राप्त होती है और जीवन की कठिनाइयों का निवारण होता है।

  2. हनुमान चालीसा पाठ: प्रतिदिन सुबह या शाम हनुमान चालीसा का पाठ करें। इससे जीवन में साहस और शक्ति का संचार होता है और बुरी शक्तियों से सुरक्षा मिलती है।

  3. पीपल वृक्ष की पूजा: हर शनिवार को पीपल के वृक्ष के नीचे दीपक जलाएं और उसकी पूजा करें। इससे शनि ग्रह के दोष दूर होते हैं और जीवन में स्थिरता आती है।

  4. रूद्राक्ष धारण: रूद्राक्ष धारण करने से नकारात्मक ऊर्जा का नाश होता है और मानसिक शांति प्राप्त होती है। इसे शुभ मुहूर्त में धारण करें।

  5. गायत्री मंत्र जप: प्रतिदिन सुबह गायत्री मंत्र का 108 बार जप करें। इससे मन की शांति, बुद्धि की वृद्धि और सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है।

  6. तुलसी का पौधा: घर में तुलसी का पौधा लगाएं और उसकी नियमित रूप से पूजा करें। इससे घर में सकारात्मक ऊर्जा का वास होता है और धन-धान्य की वृद्धि होती है।

  7. शनिवार को काले तिल दान: हर शनिवार को काले तिल का दान करें और शनि देव की आराधना करें। इससे शनि दोष कम होता है और जीवन में समृद्धि आती है।

  8. गणेश जी की आराधना: हर बुधवार को गणेश जी की पूजा करें और उन्हें दूर्वा अर्पित करें। इससे सभी विघ्न-बाधाओं का नाश होता है और सफलता प्राप्त होती है।

  9. रामचरितमानस का पाठ: हर दिन रामचरितमानस का पाठ करें, विशेषकर सुंदरकांड का। इससे परिवार में सुख-शांति और समृद्धि बनी रहती है।

  10. सूर्य को जल अर्पण: प्रतिदिन सुबह उगते सूर्य को जल अर्पित करें और आदित्य ह्रदय स्तोत्र का पाठ करें। इससे स्वास्थ्य में सुधार होता है और जीवन में ऊर्जा का संचार होता है।

इन उपयों को विधिपूर्वक और श्रद्धा से करने से जीवन में सकारात्मक परिवर्तन आ सकते हैं और सुख-समृद्धि की प्राप्ति होती है।



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मनोकामना पूर्ति , धन प्राप्ति , गृह कलेश और रोग मुक्ति के लिए पूर्णिमा के उपाय , पंडित प्रदीप जी मिश्रा 



पूर्णिमा के दिन प्रदोष काल मे शाम 4:30 के बाद एक लौटा जल उसमे 5 बेलपत्र और एक कमलगट्टा डाल कर चंद्रेश्वर महादेव का नाम लेकर अपनी मनोकामना बोलकर शिव को अर्पित करे , और निवेदन करे की मेरा ये काम हो जाए मात्र कुछ ही दिनों मे आपका वो काम , आपकी मनोकमना पूरी होने लगती है , 


पूर्णिमा के दिन शिवलिंग पर भगवान चंद्रमौलि का ध्यान करके एक चावल का दाना चढ़ाए साथ ही साथ एक बेलपत्र इस चावल के डेन के ऊपर रखे और अपनी मनोकमना चंद्रमौलि भगवान को बताए और प्राथना करे इसके बाद एक लौटा जल चढ़ाए और उस जल को लेकर अपनी आँखों पर लगाए और इसके बाद भगवान का ध्यान करते हुए अपने घर आ जाए , ऐसा करने से आपकी मनोकामना जल्दी ही पूर्ण होगी , 


अगर किसी के घर मे बहुत ज्यादा कलेश रहता हो तो हर महीने की पूर्णिमा के दिन दूध की खीर बनाए , या दूध से कोई मिठाई बनाए और इसे प्रसाद की तरह सब मिल बाटकर खाए उसके घर मे कभी गृह कलेश नहीं होगा , और अगर पहले से ही घर मे कलेश चल रहा है तो ऐसा करने से वो समाप्त हो जाएगा , 


पूर्णिमा की रात को एक पीपल का पत्ता ले और उसके ऊपर 11 या 21 चावल ले और उन्हें अपने आँखों से लगाकर और अपने शरीर के ऊपर से उतारकर अपने दरवाज़े के पास रख दीजिए , पूर्णिमा की रात्रि समाप्त होने पर इसे पत्ते को उठाए उन चावल को सूंघे और इन्हे बहते पानी मे डाल दीजिए ऐसा करने से आपके सारे रोग मिट जाएंगे , पीपल मे स्वयं भगवान नारायण वास करते है , पीपल का एक पत्ता 52000 ब्राह्मणो की शाक्षी कराता है , 


तीन चीजे आपको कंगाल कर देंगी ये कभी किसी की मत लेना , पांव की चप्पल , जूती , मांग का टिका , और छाता कभी किसी से मत लेना , 


मनोकामना पूरी करने का सबसे आसान उपाय कभी भी शिवमंदिर जाकर नंदी के सीधे कान मे अपनी आँखे बंद करके भगवान सूर्यसाहा का नाम लेकर अपनी मनोकामना बोल कर आये मात्र 3 से 4 महीने के अंदर आपकी मनोकामना पूर्ण हो जाती है , 



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